LG VK Saxena: दिल्ली (Delhi) के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Vinay Kumar Saxena) ने 300 से ज्यादा प्रतिष्ठानों को 24 घंटे खोलने की अनुमति दी है. इस फैसले की वजह से दिवाली के समय में व्यापारियों को कारोबार में बंपर फायदा होने की उम्मीद है.
Trending Photos
Delhi News: दिल्ली (Delhi) में एक बार फिर से नाइट लाइफ (Night life) बेहतर हो सकती है क्योंकि दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (LG Vinay Kumar Saxena) ने 300 से ज्यादा व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को 24 घंटे खोलने की अनुमति दे दी है. उपराज्यपाल सचिवालय के मुताबिक इनमें से कई आवेदन 2016 से ही लंबित थे. उपराज्यपाल ने निर्देश दिया है कि इसके लिए 7 दिन के भीतर नोटिफिकेशन जारी किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि अमेजन इंडिया उन आवेदकों में से एक है जिन्होंने दिल्ली में 24 घंटे कारोबार करने संबंधी आवेदन दिया था. आपको बता दें कि अमेजन ने करीब तीन साल पहले आवेदन किया था. जिसे अब मंजूरी मिली है. अब दिल्ली में व्यापारी दिन-रात डिलिवरी कर सकेंगे.
कारोबारी माहौल बढ़ेगा
दिल्ली दुकान और स्थापना अधिनियम, 1954 की धारा 14, 15 और 16 के तहत छूट प्रदान करने का फैसला लिया गया है. इससे अनुकूल कारोबारी मौहाल बनेगा. जिससे दिल्ली में नाइट लाइफ कल्चर को भी बढ़ावा मिलेगा. हालांकि इसमें श्रम और सुरक्षा आदि की शर्तें भी लागू होगी.
सालों से लंबित थे आवेदन
उपराज्यपाल सचिवालय के अधिकारी ने बताया, कुल 346 लंबित आवेदन थे. जिसमें 2016 में 18, 2017 में 26, 2018 में 83, 2019 में 25, 2020 में 4 और 2021 में 74 आवेदनों पर लेबर डिपार्टमेंट ने कार्रवाई नहीं की. इन आवेदनों को बिना किसी वजह के पेंडिंग रखा गया. उन्होंने यह भी बताया कि 2017 और 2021 में एक-एक आवेदन को अनुमोदन के लिए भेजा गया. इस तरह की लापरवाही श्रम विभाग की भ्रष्ट प्रथाओं की ओर संकेत देता है.
व्यापारियों को होगा फायदा
ऑफिसर ने बताया है कि, उपराज्यपाल ने सख्ती से सलाह दी है कि इस तरह की एप्लीकेशन को तय सीमा के भीतर निपटाया जाए ताकि इन्वेस्टर्स के अनुकूल माहौल बना रहे और दिल्ली के व्यापारिक समुदाय को लाभ हो. अधिकारी ने यह भी बताया कि यह निर्णय शहर में बहुप्रतीक्षित नाइटलाइफ को भी बढ़ावा देगा. उपराज्यपाल ने श्रम विभाग को भी निर्देश दिया है कि अब इस तरह की देरी न हो, ट्रांसपेरेंसी और प्रभावी निगरानी रखने के लिए एक सिस्टम विकसित किया जाए, देरी होने की वजह का पता लगाया जाए. अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए.
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर