कोरोना वायरस महामारी की वजह से इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की तारीख भले ही 31 जुलाई की जगह 30 नवंबर 2020 कर दी गई हैं, लेकिन इनकम टैक्स से जुड़े कुछ काम आपको इस डेडलाइन से पहले ही निपटाने हैं.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी की वजह से इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की तारीख भले ही 31 जुलाई की जगह 30 नवंबर 2020 कर दी गई हैं, लेकिन इनकम टैक्स से जुड़े कुछ काम आपको इस डेडलाइन से पहले ही निपटाने हैं. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं, वो तीन काम जिन्हें आपको आज यानि 30 सितंबर को ही निपटाने हैं.
नंबर 1.
FY 2018-19 की विलंबित ITR फाइलिंग
अगर आपने वित्त वर्ष 2018-19 का विलंबित ITR अबतक दाखिल नहीं किया है, तो आज आपके पास आखिरी दिन बचा है. सरकार ने कोरोना संकट को देखते हुए इसकी डेडलाइन को 31 मार्च से बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया था. अगर कोई टैक्सपेयर विलंबित ITR 30 सितंबर तक दाखिल नहीं करता है, तो वो वित्त वर्ष 2018-19 के लिए ITR नहीं भर पाएगा, बशर्ते की उसे इनकम टैक्स कोई नोटिस भेजकर भरने के लिए कहे.
क्या है विलंबित ITR
आपको बता दें कि किसी भी टैक्सपेयर को मार्च से जुलाई के बीच में ITR दाखिल करना होता है, अगर इसके बाद वो रिटर्न भरना चाहता है तो उसे विलंबित ITR या Belated ITR कहते हैं. विलंबित ITR के लिए पहले दो साल का वक्त मिलता था, लेकिन अब इसे घटा दिया गया है. विलंबित ITR भरने से पहले आपको 10,000 रुपये की पेनाल्टी चुकानी होती है. अगर आपकी सालाना आय 5 लाख से कम है तो आपको 1,000 रुपये की पेनाल्टी चुकानी होती है.
नंबर 2.
पुराने ITR का वेरिफिकेशन
आपने इनकम टैक्स रिटर्न तो भर लिया है लेकिन उसको वेरिफाई नहीं किया है तो आपके पास सिर्फ आज का ही दिन है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने उन टैक्सपेयर्स को आखिरी मौका दिया है जिनके असेसमेंट ईयर 2015-16, 2016-17, 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के इनकम टैक्स रिटर्न वेरिफाई नहीं हुए हैं. याद रखें ये सिर्फ वन टाइम मोहलत है.
एक बाद ध्यान रखें, अगर आपने ITR भरकर जमा कर दिया है लेकिन उसे वेरिफाई नहीं किया है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ये मानकर चलता है कि आपने ITR नहीं भरा है. उसके बाद IT डिपार्टमेंट आप पर कार्रवाई भी कर सकता है. एक और काम की बात, अगर आपने टैक्स रिफंड क्लेम किया है तो वो तभी मिलेगा जब आपने ITR वेरिफाई किया हो और IT डिपार्टमेंट में उसकी प्रक्रिया समय पर पूरी हो.
नंबर 3.
कैपिटल गेंस में छूट का क्लेम
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) पर टैक्स से बचने के लिए निवेश की प्रक्रिया पूरी करने का आज आखिरी दिन है. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक प्रेस रिलीज के मुताबिक LTCG पर टैक्स क्लेम करने के मकसद से किए गए निवेश/निर्माण/खरीद की आखिरी तारीख बढ़ाकर 30 सितंबर 2020 कर दी गई थी.
इसे ऐसे समझिए कि आपने अगर कोई घर या प्रॉपर्टी बेचकर कैपिटल गेंस कमाया है तो उस पर आपको टैक्स चुकाना होगा, लेकिन आप इस टैक्स से बचना चाहते हैं तो आपको घर बेचकर मिले पैसे को किसी दूसरी प्रॉपर्टी में निवेश करना होगा, जिसके लिए आपके पास सिर्फ आज का ही दिन है.
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