नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बिल्डर और खरीदारों की समस्या सुलझाने के लिए अमिताभ कांत समिति की तरफ से की गई सिफारिशों को लागू किया जा रहा है.
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Noida News: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सालों से अपने आशियाने का इंतजार कर रहे लाखों फ्लैट बॉयर्स के लिए राहत भरी खबर है. सरकार की तरफ से लंबे समय से चल रही बिल्डर्स की मांग पर सहमति जता दी है. इससे फ्लैट खरीदारों को उनका घर मिलने का रास्ता साफ हुआ है. एनसीआर में करीब 2.40 लाख फ्लैट बिल्डर्स की खराब वित्तीय स्थिति के कारण पूरे नहीं हो पाएं हैं. कैबिनेट की तरफ से 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक के समय को जीरो पीरियड घोषित किया है. इस अवधि में बिल्डर को ब्याज नहीं देना होगा. इसका फायदा बिल्डर और बॉयर दोनों को मिलेगा. सरकार के इस फैसले के बाद रुके हुए प्रोजेक्ट में तेजी से काम हो सकेगा.
पिछले काफी समय से चल रही कवायद
सरकार की तरफ से फ्लैट खरीदारों और बिल्डर्स को राहत देने की कवायद पिछले काफी समय से चल रही है. अब जाकर इसमें पूरी तरह फैसला आया है. दरअसल, बिल्डर और खरीदारों की समस्या सुलझाने के लिए अमिताभ कांत समिति की तरफ से की गई सिफारिशों को लागू किया जा रहा है. इसी क्रम में आज कैबिनेट से पास कराने के बाद इसे लागू किया जाएगा. खरीदारों को राहत देने के लिए समिति की तरफ से कई तरह की सिफारिशें की गई हैं.
ये की गईं थी सिफारिशें
नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्रधिकरण की तरफ से भी पिछले दिनों अमिताभ कांत समिति की तरफ से गई सिफारिशों पर आंकलन किया गया था. यह पता लगाने की कोशिश की गई कि यदि इस फैसले को लागू किया जाता है तो खरीदारों को कितनी राहत मिलेगी. समिति की तरफ से गई गई सिफारिश में कहा गया था कि कोविड के दौरान के दो साल बिल्डरों को दिया जाएगा. साथ ही बिल्डरों के बकाया में ब्याज की गढ़ना जून 2020 के बाद एसबीआई की एमसीएलआर दर से की जाए. बिल्डर को को-डेवलपर खोजने की अनुमित देने की भी बात इसमें कही गई थी.
समिति की तरफ से सिफारिश के आधार पर कहा गया था यदि बिल्डर अधूरी परियोजना को सरेंडर करना चाहता है तो उसकी अनुमति मिलनी चाहिए. प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए बिल्डर्स को मोर्टगेज दिया जाए. इन सिफारिशों का लाभ लेने के लिए बिल्डरों को बकाया का 25 प्रतिशत पैसा जमा करना होगा. बाकी पैसा अगले साल में साधारण ब्याज दर के साथ देना होगा.