गाज‍ियाबाद-लखनऊ में प्‍लॉट खरीदने वालों को सरकार का तोहफा, न‍ियमावली में क‍िया बदलाव
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गाज‍ियाबाद-लखनऊ में प्‍लॉट खरीदने वालों को सरकार का तोहफा, न‍ियमावली में क‍िया बदलाव

UP Housing Development Council: अगर आप भी यूपी में घर खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर आ गई है. अब घर खरीदने वालों के लिए सरकार ने नियमों में बदलाव कर दिया है. नियमों के बदलने के बाद से प्लॉट खरीदारों को काफी राहत मिल गई है.

गाज‍ियाबाद-लखनऊ में प्‍लॉट खरीदने वालों को सरकार का तोहफा, न‍ियमावली में क‍िया बदलाव

Housing Development Council Update: अगर आप भी यूपी में घर खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर आ गई है. अब घर खरीदने वालों के लिए सरकार ने नियमों में बदलाव कर दिया है. नियमों के बदलने के बाद से प्लॉट खरीदारों को काफी राहत मिल गई है. यूपी सरकार ने बताया है कि आवास विकास परिषद की कॉलोनी में 12 मीटर सड़क किनारे खाली पड़े या बने हुए मकान की जगह तीन तल का अपार्टमेंट बना सकेंगे, लेकिन इसके लिए एक शर्त ये है कि घर बनावाने वाले को अपार्टमेंट के नीचे ही पार्किंग के लिए जमीन छोड़नी पड़ेगी. इस अपार्टमेट को आप जी-3 आकार में बना सकते हैं.

50 फीसदी शुल्क का करना होगा भुगतान

अपर आवास आयुक्त एवं सचिव नीरज शुक्ला के मुताबिक, अब से 12 मीटर चौड़ी सड़क पर 3 फ्लोर का अपार्टमेंट बनाने के लिए स्वामी को भूखंड की वर्तमान दर से कीमत का 50 फीसदी शुल्क चुकाना होगा. अगर आपके एरिया का सर्किल रेट 50,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर है तो आपको इसका 50 फीसदी यानी 25,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर का भुगतान करना होगा. 

घर के नक्शे को आवास विकास में कराना होगा पास

इसके अलावा इस अपार्टमेंट की ऊंचाई 15 मीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा जब भी आप अपना अपार्टमेंट बनाने का प्लान करें उससे पहले आपको आवास विकास परिषद में जाकर मानचित्र दिखाना होगा और उसको स्वीकृत भी कराना होगा. अगर वह रिजेक्ट हो जाता है तो आपको नए हिसाब से अपने घर का नक्शा बनवाकर ले जाना होगा.

नियम बदलने से किस तरह का फायदा होगा?

जमीन का स्वामी अपार्टमेंट को अलग-अलग तल के हिसाब से बेच सकेगा यानी अगर वह सिर्फ एक तक को बेचना चाहता है और बाकी अपने पास रखना चाहता है तो वह ऐसा कर सकता है. सरकार के इस फैसले से अवैध निर्माण पर रोक लगेगी. इसके अलावा जो भी संपत्तियां विवादों में पड़ी हुई हैं उन पर 8 फीसदी की दर से ब्याज का पैसा देकर जमीन को परिषद अपने कब्जे में ले लेगा.

सर्किल रेट क्या होता है?

आपको बता दें जिला प्रशासन की तरफ से शहर में जमीन और दूसरी सभी संपत्तियों के एक मानक रेट फिक्स कर दिए जाते हैं. इस रेट से कम में जमीन की खरीदारी और बिक्री नहीं हो सकती है. इसको ही सर्किल रेट कहा जाता है. यह रेट सभी इलाके के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं. घर की रजिस्ट्री भी सर्किल रेट के हिसाब से की जाती है.

बसुंधरा योजना में दोनों साइड बनेंगे मकान

आपको बता दें आवास विकास की लखनऊ स्थित इंदिरानगर में मेट्रो और गाजियाबाद के बसुंधरा योजगा में रैपिड रूट के दोनों साइड ही 500-500 मीटर की ऊंची बिल्डिंग बनाने का ऐलान किया है. अब यहां पर ऊंची बिल्डिंग का निर्माण किया जा सकेगा. इसके अलावा इंदिरानगर और गाजियाबाद में बसुंधरा योजना के सेक्टर 7 एवं 8 में रोड के दोनों ही साइड नीचे मॉल और ऊपर मकान बनाने को भी मंजूरी मिल गई है. इस भूखंड में 70 फीसदी पर कॉमर्शयल और 30 फीसदी पर रेजिडेंशियल मकान बनाए जा सकेंगे.  

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