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Byju-BCCI Row: एडुटेक कंपनी बायजू का विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. कर्ज के बोझ से दबी कंपनी पेमेंट डिफॉल्टर हो गई, बीसीसीआई के साथ समझौते विवाद में भी उसे झटका लगा है. अब अमेरिकी अदालत ने बीसीसीआई-बायजू समझौते पर रोक लगाने के जीएलएएस के आवेदन को खारिज कर दिया. अमेरिकी कोर्ट ने बीसीसीआई और बायजू के बीच समझौते पर अस्थाई रोक लगाने के जीएलएएस के आवेदन को खारिज कर दिया है. बता दें कि इसी महीने के शुरुआत में NCLAT ने बायजू को बीसीसीआई के साथ 158.9 करोड़ रुपये के बकाए निपटाने की मंजूरी दी थी. वहीं एडुटेक स्टार्टअप के खिलाफ दिवाला कार्रवाई रोका था.
बायजू ने 8 अगस्त को इसकी जानकारी दी, जिसमें कहा कि एक अमेरिकी अदालत ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ उसके समझौते पर अस्थायी रोक लगाने के जीएलएएस ट्रस्ट कंपनी के आवेदन को खारिज कर दिया है. इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने बायजू को बीसीसीआई के साथ 158.9 करोड़ रुपये के बकाये के निपटाने की मंजूरी दे दी थी.
इसके साथ ही बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही को रोक दिया गया था. बायजू ब्रांड की मालिक थिंक एंड लर्न ने कहा कि वह कंपनी में बदलाव लाने के लिए जारी प्रयासों को बाधित करने के जीएलएएस (विदेशी ऋणदाता संघ का प्रतिनिधित्व करने का दावा) के प्रयासों को खारिज करने के डेलावेयर दिवाला न्यायालय के फैसले का स्वागत करती है. जीएलएएस ने एनसीएलएटी के समक्ष बीसीसीआई के साथ समझौते का भी विरोध किया था और आरोप लगाया था कि रिजू रवींद्रन ने जो राशि दी है, वह ‘राउंड-ट्रिपिंग’ का मामला है. बायजू ने कहा कि डेलावेयर अदालत का फैसला बीसीसीआई और थिंक एंड लर्न के बीच हुए समझौते की वैधता को पुष्ट करता है.