जेब जलाते पेट्रोल-डीजल के बीच अब धातुओं के महंगे होने के आसार, अमेरिका ने बढ़ाए शुल्क
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जेब जलाते पेट्रोल-डीजल के बीच अब धातुओं के महंगे होने के आसार, अमेरिका ने बढ़ाए शुल्क

 अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 8 अक्तूबर, 2018 को इस्पात आयात पर 25 प्रतिशत और एल्युमीनियम आयात पर 10 प्रतिशत का शुल्क लगाया था.

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा इस्पात और एल्युमीनियम पर बहुत अधिक शुल्क लगाने के फैसले से घरेलु धातु उद्योग पर असर पड़ सकता है. उद्योग एवं वाणिज्य संगठन एसोचैम की एक रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 8 अक्तूबर, 2018 को इस्पात आयात पर 25 प्रतिशत और एल्युमीनियम आयात पर 10 प्रतिशत का शुल्क लगाया था.

  1. भारतीय निर्यात अमेरिकी बाजार में अन्य देशों की तुलना में अधिक महंगे और अप्रतिस्पर्धी हो सकते हैं

एसोचैम के ग्लोबल टैरिफ वार: इम्पलिकेशन्स एंड चैलेंजेज शीर्षक से प्रकाशित हालिया रिपोर्ट में कहा गया है, “अमेरिका के संघीय कानून, 1962 की धारा 232 के तहत एल्युमीनियम और इस्पात पर क्रमश: 10 और 25 फीसदी तक का शुल्क लगाने का फैसला किया गया.” 

रिपोर्ट में कहा गया है, “इस बात का आकलन मुश्किल होगा कि इस्पात और एल्युमीनियम पर शुल्क लगाए जाने का क्या असर होगा लेकिन यह कहा जा सकता है कि भारतीय निर्यात अमेरिकी बाजार में अन्य देशों की तुलना में अधिक महंगे और अप्रतिस्पर्धी हो सकते हैं एवं खासकर ऐसे देशों के मुकाबले जिनके खिलाफ अमेरिका ने शुल्क नहीं लगाए हैं.”

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इसके अलावा इसका असर जिंक और निकेल की कीमत पर भी देखने को मिल सकता है. अमेरिका दुनिया में इस्पात का सबसे अधिक आयात करता है. पिछले साल उसने 3.56 करोड़ टन इस्पात का आयात किया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका द्वारा चीन के विभिन्न उत्पादों पर शुल्क लगाने के बाद इस्पात और एल्युमीनियम के निर्यात पर शुल्क लगा देने से वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है. इससे वैश्विक कारोबार संबंध में एक-दूसरे के खिलाफ कार्रवाई का चलन तेजी से बढ़ी है और सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे के खिलाफ शुल्क लगा रही हैं.

इसमें कहा गया है कि इस प्रवृत्ति के और तेज होने एवं वैश्विक आर्थिक विकास के अवरूद्ध हो जाने की आशंका है. रिपोर्ट के अनुसार इससे भारत सहित अन्य विकासशील देशों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह पहले ही कह चुके हैं कि इस्पात निर्यात पर अमेरिका द्वारा 25 फीसदी शुल्क लगाए जाने से घरेलू बाजार परोक्ष तौर पर प्रभावित हो सकता है.

(इनपुट एजेंसी से)

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