Milk Business Income: बिजनेस तो ऐसे कई सारे मिल जाएंगे, जिनसे लाखों रुपये की कमाई की जा सकती है. इन बिजनेस में एक दूध का बिजनेस भी शामिल है. अब कुछ महिलाएं कुछ ही वक्त में दूध बेचकर लखपति बन गई हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में...
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Milk Business: दूध बेचकर भी लाखों रुपये कमाए जा सकते हैं. ऐसा ही एक उदाहरण वाराणसी की महिलाओं की ओर से पेश किया गया है, जिन्होंने कारोबार शुरू करने के कुछ ही महीनों में लाखों रुपये की कमाई कर ली है. काशी दुग्ध उत्पादक संगठन (केएमपीओ) से जुड़ी महिलाएं समृद्धि और सशक्तिकरण की अनूठी मिसाल पेश कर रही हैं. परिचालन शुरू करने के महज 18-19 महीनों में केएमपीओ से जुड़ी 2,000 महिलाएं लखपति बन गई हैं. केएमपीओ के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डॉ. मनवीर सिंह ने बताया कि 20,000 से अधिक महिलाओं के स्वामित्व वाले केएमपीओ को 2023-24 में 200 करोड़ रुपये का कारोबार करने की उम्मीद है.
बदलाव का संकेत
सिंह ने बताया कि संगठन की आय में यह छह गुना वृद्धि होगी, क्योंकि नौ मार्च, 2022 को परिचालन शुरू करने के बाद पहले पूर्ण वित्त वर्ष (2022-23) में संगठन ने 37 करोड़ रुपये की आमदनी की थी. उन्होंने कहा, “ये महिलाएं चुपचाप अपना काम (दुग्ध आपूर्ति) कर रही हैं और डेयरी क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाने का संकेत दे रही हैं. इस प्रक्रिया में अब तक हमने 2,000 दीदी को लखपति बनते देखा है और साल के अंत तक यह संख्या 3,000 को पार कर जाएगी. इसका श्रेय सदस्यों को मिलने वाले पारदर्शी खरीद मूल्य को जाता है.”
दूध बेचकर कमाई
उन्होंने बताया,“हमारे 18-19 महीने के परिचालन में एक सदस्य ने तो केएमपीओ को दूध बेचकर 30 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई की है. हमने अगले वित्त वर्ष के लिए 300 करोड़ रुपये कारोबार का लक्ष्य रखा है. दूध की थोक बिक्री के साथ हम काशी के अद्भुत स्वाद वाले पैक उत्पाद भी लेकर आएंगे. डेयरी क्षेत्र के विकास में डाक्टर मीनेश शाह के नेतृत्व में एनडीडीबी की महती भूमिका का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) और उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन (यूपीएसआरएलएम) के तत्वाधान में राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की इकाई एनडीडीबी डेरी सर्विसेज (एनडीएस) के तकनीकी सहयोग से ‘काशी दुग्ध उत्पादक संगठन’ का गठन हुआ.
किसानों को भुगतान
चंदौली जिले से आने वालीं केएमपीओ की चेयरपर्सन सरिता देवी ने कहा, “हमारी कुल आय में से 90 प्रतिशत दूध की कीमत और प्रोत्साहन के रूप में सदस्य किसानों को भुगतान के तौर पर दिया गया. हमारे सभी सदस्य सहयोग के लिए एनआरएलएम, राज्य सरकार, एनडीएस और एनडीडीबी के आभारी हैं.” उन्होंने कहा, “आज संगठन का दुग्ध संग्रह 1.15 लाख लीटर प्रति दिन के सर्वोच्च आंकड़े तक जा चुका है. अगले साल दूध की खरीद के लिए वाराणसी और भदोही जिलों में भी विस्तार के साथ हम कम से कम 300 गांव और जोड़ेंगे और बलिया, गाजीपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र और चंदौली जैसे पांच जिलों में विस्तार भी करेंगे.” (इनपुट: भाषा)