Veg Thali: वेज थाली बजट के बाहर.. अक्टूबर में तेजी से भागा महंगाई का मीटर, सब्जियों के दाम ने बढ़ाई धड़कन
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Veg Thali: वेज थाली बजट के बाहर.. अक्टूबर में तेजी से भागा महंगाई का मीटर, सब्जियों के दाम ने बढ़ाई धड़कन

Veg Thali Price Rise: अक्टूबर महीने में घरेलू थाली की कीमतें आसमान छूने लगी हैं. सब्जियों के बढ़ते दामों ने घर में पकाई जाने वाली वेज थाली की लागत में 20 प्रतिशत का इजाफा कर दिया है, जिससे आम लोगों की जेब पर बोझ बढ़ गया है.

Veg Thali: वेज थाली बजट के बाहर.. अक्टूबर में तेजी से भागा महंगाई का मीटर, सब्जियों के दाम ने बढ़ाई धड़कन

Veg Thali Price Rise: अक्टूबर महीने में घरेलू थाली की कीमतें आसमान छूने लगी हैं. सब्जियों के बढ़ते दामों ने घर में पकाई जाने वाली वेज थाली की लागत में 20 प्रतिशत का इजाफा कर दिया है, जिससे आम लोगों की जेब पर बोझ बढ़ गया है. मांसाहारी थाली की लागत में भी करीब 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस महंगाई का सबसे बड़ा कारण सब्जियों की ऊंची कीमतें हैं, जो वेज थाली का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा होती हैं.

सब्जियों के दाम में तेज उछाल

रिपोर्ट के अनुसार, टमाटर, आलू और प्याज जैसी मुख्य सब्जियों की कीमतों में तेज उछाल आया है. प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में ज्यादा बारिश और त्योहारी सीजन के चलते इन सब्जियों की आपूर्ति प्रभावित हुई है. क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स के निदेशक पुशन शर्मा का कहना है कि बारिश के कारण खरीफ प्याज की आवक में देरी हुई, टमाटर की फसल को नुकसान पहुंचा और आलू के कोल्ड स्टोरेज स्टॉक घटने से कीमतों में तेजी आई.

51 प्रतिशत बढ़ गए आलू के दाम

अक्टूबर में प्याज और आलू की कीमतें क्रमशः 46 प्रतिशत और 51 प्रतिशत बढ़ गई हैं. इसका मुख्य कारण सितंबर में हुई भारी बारिश को माना जा रहा है, जिसने सब्जियों की आपूर्ति में रुकावट डाल दी. रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि नवंबर में टमाटर की कीमतें स्थिर हो सकती हैं और मंडियों में खरीफ की आवक के साथ प्याज की कीमतों में भी कमी आने की संभावना है. हालांकि, आलू की कीमतों में नरमी आने में थोड़ा समय लग सकता है.

मांसाहारी थाली की कीमत में भी उछाल

मांसाहारी थाली की कीमत में भी इस बार उछाल देखने को मिला. पिछले एक साल में पहली बार इसमें 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. मांसाहारी थाली की कीमतों में इस वृद्धि का कारण सब्जियों के दाम बढ़ना बताया गया है, जो कि इसकी लागत का 22 प्रतिशत हिस्सा बनाती हैं. वहीं, ब्रॉयलर की कीमतों में स्थिरता रही, जिससे मांसाहारी थाली में बड़ी वृद्धि नहीं हुई.

महंगाई ने बिगाड़ा घर का बजट

क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि मांसाहारी थाली की लागत में ब्रॉयलर की कीमतों में स्थिरता के चलते ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई. लेकिन सब्जियों की महंगाई ने इसका प्रभाव सीमित कर दिया. इस रिपोर्ट के अनुसार, थाली की औसत लागत की गणना देश के चारों क्षेत्रों- उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम में प्रचलित इनपुट कीमतों के आधार पर की जाती है. जिससे उपभोक्ताओं की थाली में बढ़ती महंगाई की सही तस्वीर सामने आती है.

आम जनता पर महंगाई का दबाव

इस बढ़ती महंगाई ने आम लोगों के बजट को प्रभावित किया है. खासकर उन परिवारों के लिए जो नियमित रूप से घर पर वेज या नॉन-वेज थाली तैयार करते हैं. सब्जियों की कीमतों में स्थिरता आने की उम्मीद के बावजूद, वर्तमान परिस्थितियों में आम जनता पर महंगाई का दबाव बना हुआ है, जो आगामी समय में थाली की कीमतों पर भी असर डाल सकता है.

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