Standard Deduction: क्या है स्टैंडर्ड डिडक्शन, जिसे बजट में सरकार ने बढ़ाया, सैलरीवालों पर कितना पड़ेगा असर?
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Standard Deduction: क्या है स्टैंडर्ड डिडक्शन, जिसे बजट में सरकार ने बढ़ाया, सैलरीवालों पर कितना पड़ेगा असर?

What is Standard Deduction: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में बजट पेश करते वक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाने की बड़ी घोषणा की. आखिर यह स्टैंडर्ड डिडक्शन क्या है, जिसका सैलरी वालों पर बड़ा असर पड़ता है.

 

Standard Deduction: क्या है स्टैंडर्ड डिडक्शन, जिसे बजट में सरकार ने बढ़ाया, सैलरीवालों पर कितना पड़ेगा असर?

Nirmala Sitharaman on Standard Deduction: मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2024- 25 में आयकर की मानक कटौती की सीमा बढ़ा दी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में बजट पेश करते हुए न्यू टैक्स रिजीम यानी नई कर व्यवस्था के तहत मानक कटौती सीमा को बढ़ाकर 75,000 रुपये करने का ऐलान किया. इसके साथ ही उन्होंने उन्होंने फैमिली पेंशनर्स के लिए मानक कटौती सीमा यानी स्टैंडर्ड डिडक्शन को भी 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया. उन्होंने कहा कि लोगों को न्यू टैक्स रिजीम बहुत पसंद आई है और वित्त वर्ष 2023- 24 में एक- तिहाई टैक्स पेयर्स ने नई कर व्यवस्था के तहत रिटर्न भरा है. 

स्टैंडर्ड डिडक्शन की बढ़ाई गई सीमा

बताते चलें कि मौजूदा वक्त में न्यू और ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत 50,000 रुपये की मानक कटौती (स्टैंडर्ड डिडक्शन) उपलब्ध है. यह मानक कटौती उन लोगों पर लागू होता है, जिन्हें वेतन या पेंशन से आय होती है. केवल ये लोग ही इस स्टैंडर्ड डिडक्शन का दावा कर सकते हैं. वहीं आयकर नियमों के तहत पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने वाले लोग ओल्ड और न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स में 15 हजार रुपये की छूट हासिल करने के अधिकारी थे, जिसे अब बढ़ा दिया गया है. 

इस मामले में ध्यान देने वाली बात ये है कि अगर आप पेंशन के रूप में बीमा कंपनियों से वार्षिकी भुगतान (पेंशन) प्राप्त करते हैं तो उसे 'अन्य स्रोतों से आय' श्रेणी के तहत टैक्स योग्य आय माना जाता है. इसलिए, वे मानक कटौती के लिए पात्र नहीं हैं. 

स्टैंडर्ड डिडक्शन क्या होता है?

स्टैंडर्ड डिडक्शन उन व्यक्तियों पर लागू होती है, जो सरकारी या प्राइवेट सेक्टर में वेतन से घर चलाते हैं. इस कटौती का दावा करने के लिए कर्मचारियों को अपनी कंपनी या आईटी डिपार्टमेंट को किसी तरह के सबूत या कागज जमा करवाने की जरूरत नहीं होती. हालांकि, वेतन/पेंशन आय की रसीद दिखाना आवश्यक है. इसके तहत सालाना आय पर कुल 50,000 रुपये तक की मानक कटौती की अनुमति थी.

वित्त वर्ष 2022-23 तक स्टैंडर्ड डिडक्शन केवल ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत ही उपलब्ध थी. हालाँकि, वित्त वर्ष 2023-24 से वेतनभोगी करदाता न्यू टैक्स रिजीम में भी 50,000 रुपये तक की मानक कटौती के लिए पात्र कर दिए गए हैं. पेंशन से आय के मामले में भी मानक कटौती का दावा किया जा सकता है, बशर्ते कि प्राप्त पेंशन 'वेतन से आय' के तहत वसूल की जाए, न कि 'अन्य स्रोतों से आय' के तहत.

स्टैंडर्ड डिडक्शन में कटौती से क्या होगा? 

फाइनेंस एक्सपर्टों के मुताबिक अपना खुद का बिजनेस करने वाले लोग बहुत सारी चीजों का बिल लगाकर आयकर में छूट हासिल कर लेते हैं, जबकि वेतनभोगी कर्मियों के पास ऐसा कोई विकल्प नहीं होता. उनका आयकर कंपनी पहले ही काट लेती है. ऐसे में स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 25 हजार रुपये बढाकर सरकार ने वेतनभोगी कर्मचारियों को राहत देने की कोशिश की है.  

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