इस स्टोरी को पढ़ने के बाद आप भी नहीं करेंगे लेट फूड डिलीवरी की शिकायत
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इस स्टोरी को पढ़ने के बाद आप भी नहीं करेंगे लेट फूड डिलीवरी की शिकायत

इस बात को नहीं भूलना चाहिए कि जिस ठंड की वजह से आपने खाना ऑर्डर किया है, उसी ठंड में डिलीवरी ब्वॉय को गाड़ी चलाकर आपके पास समय से पहले पहुंचना पड़ता है.

इस स्टोरी को पढ़ने के बाद आप भी नहीं करेंगे लेट फूड डिलीवरी की शिकायत

नई दिल्ली: टेक्नोलॉजी ने जिंदगी को आसान बना दिया है. इतना आसान कि घर बैठे सारे काम किए जा रहे हैं. घर के छोटे सामान हो या किचन की जरूरत, बीमार पड़ने पर दवा हो या घर बैठे बाहर का खाना हो. सबकुछ ऑनलाइन उपलब्ध है. ऐसी कोई चीज नहीं है जो ऑनलाइन उपलब्ध नहीं हैं. ठंड का मौसम है और हम सभी चाहते होती है कि कंबल में दुबक कर खाना खाते हुए टीवी पर अपनी पसंद की फिल्म देखें. ऐसे में अगर आप खाना नहीं बनाना चाहते हैं तो ऑनलाइन अपनी पसंद का खाना ऑर्डर कर देते हैं. ऑर्डर देने के आधे घंटे के भीतर खाना आपके पास पहुंच जाता है.

बेंगलुरू के आकाश ने भी कुछ ऐसा किया. लेकिन, जब उनके पास ऑर्डर का खाना पहुंचा तो वे सन्न रह गए. इसके बाद उन्होंने ट्वीट कर अपनी संवेदनाओं को जाहिर किया. आकाश लिखते हैं, 5 जनवरी को बेंगलुरू का तापमान पिछले 10 सालों में न्यूनतम स्तर पर था. इतनी ठंड थी कि हाथ-पैर सुन्न हो रहे थे. बाहर तेज ठंड हवा चल रही थी. जब मेरा डोर बेल बजा तो दरवाजा खोलते ही मैं सन्न रह गया. मेरे सामने एक लड़का ठंड की वजह से कांप रहा था.

 

 

उसने अपने काम को पूरी जिम्मेदारी और ईमानदारी से पूरा किया. वह कांप रहा था लेकिन, चेहरे पर मुस्कुराहट थी. पैसे रिटर्न करने के लिए वह अपनी जेब से पर्स तक नहीं निकाल पा रहा था. आकाश कहते हैं कि हमें नहीं भूलना चाहिए कि वह भी एक इंसान है. जिस ठंड की वजह से हमने ऑनलाइन खाना ऑर्डर किया है, उसी ठंड में उसे बाइक चलाकर समय पर खाना पहुंचाना होता है. ऐसे में अगर वह कभी 10 मिनट के लिए लेट भी हो जाता तो हमें इसकी शिकायत नहीं करनी चाहिए.

शिकायत मिलने पर ऑर्डर के बदले कुछ नहीं मिलता है
क्या आपको पता है कि आपकी एक शिकायत की वजह से उस ऑर्डर के बदले उसे कुछ नहीं मिलता है. उसके लेट होने पर हम उसपर चिल्लाते हैं, डांटते हैं. यह ठीक नहीं है. आकाश कहते हैं कि मानवता के नाते हमें चाहिए की ऐसे लोगों की मदद करें. ये हमारी पसंद का खाना समय पर डिलीवर करते हैं, बदले में हम इन्हें मुस्कुराहट तो दे ही सकते हैं. 

लोगों ने रिट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है. एक यूजर ने कहा कि मैं इसे हमेशा याद रखूंगी. एक यूजर ने कहा कि हर मौसम में हमें यह याद रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुझे यह समझ में नहीं आता कि लोग इनलोगों पर चिल्लाते क्यों हैं.

गलाकाट कॉम्पीटिशन से डिलीवरी ब्वॉय पर बहुत दबाव
बता दें, इन डिलीवरी ब्वॉय को जो जैकेट मिलता है वह बेहद घटिया क्वालिटी की होती है. लेकिन, जॉब नहीं होने से बेहतर है जॉब में होना. शायद इसीलिए, ये लोग इतने मुश्किल हालात में इतनी कम सुविधाओं के बावजूद नौकरी करते हैं. दूसरी तरफ बाजार में कॉम्पीटिशन इतना बढ़ गया है कि हर कंपनी कम से कम समय में कस्टमर तक खाना पहुंचाना चाहती है. इसलिए, इन डिलीवरी ब्वॉय के लिए हालात लगातार बदतर होते जा रहे हैं.

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