मुगलों की 8 सबसे श‍िक्ष‍ित रान‍ियां, ज‍िनके सामने व‍िद्वान भी संभलकर खोलते थे मुंह
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मुगलों की 8 सबसे श‍िक्ष‍ित रान‍ियां, ज‍िनके सामने व‍िद्वान भी संभलकर खोलते थे मुंह

Most educated queens of Mughals: मुगल राजाओं के पास भले ही अपार शक्ति और अधिकार थे, लेक‍िन उनकी रानियां और राजकुमारियां भी कुछ कम नहीं थीं. आइये उन मुगल रानियों और राजकुमार‍ियों के बारे में जानते हैं, ज‍िन्‍होंने साम्राज्य को प्रभावित करने वाले निर्णय में महत्‍वपूर्ण भूम‍िका न‍िभाई और जो बेहद श‍िक्ष‍ित थीं.

मुगलों की 8 सबसे श‍िक्ष‍ित रान‍ियां, ज‍िनके सामने व‍िद्वान भी संभलकर खोलते थे मुंह

Educated queens of Mughals: आपने शक्‍त‍िशाली मुगल राजाओं के जौहर की कई कहान‍ियां आपने सुनी होंगी. लेक‍िन क्‍या आपने उन मुगल रान‍ियों को जाना है, जो तेज द‍िमाग और उच्‍च श‍िक्ष‍ित थीं. इन रानियों ने अपने समय के सांस्कृतिक और राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनकी शिक्षा और बौद्धिक खोज ने उन्हें अलग पहचान दिलाई और उन्हें अपने साम्राज्य में सार्थक योगदान देने का मौका दिया. इस लेख में कुछ सबसे शिक्षित मुगल रानियों के बारे में बताया जा रहा है, ज‍िनके सामने व‍िद्वान भी सोच समझकर ही अपनी जुबान खोलते थे.  

नूर जहां : 
ये जहांगीर की पत्‍नी थीं और उच्च शिक्षित होने के साथ नूर जहां राजनीतिक रूप से चतुर भी थी. साहित्य, कला और प्रशासन में बेहद कुशल. उन्‍होंने कई साल तक साम्राज्य पर प्रभावी ढंग से शासन किया. 

मुमताज महल: 
शाहजहां की सबसे प्रिय पत्नी, ज‍िनकी याद में शाहजहां ने ताजमहल बनवाया था. मुमताज फारसी कविताएं पढ़ती और ल‍िखती थीं. वो वास्तुकला और संगीत में पारंगत थीं. शायद इसी वजह से ताजमहल की खूबसूरती पूरी दुन‍िया में अद्वितीय है. 

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जहांआरा बेगम: 

जहांआरा, शाहजहां की बेटी थी. वो कवियित्री, लेखिका और वास्तुकार थीं. उन्होंने सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती की जीवनी सहित कई पुस्तकें लिखीं. 

रोशनआरा बेगम: 
रोशनारा बेगम बादशाह शाहजहां की तीसरी बेटी थीं. वह एक प्रतिभाशाली कवियित्री थीं और अपनी प्रखर बुद्धि के लिए जानी जाती थीं. अपने भाई औरंगजेब को गद्दी पर बिठाने में मदद करने के बाद, रोशनारा को 'पादशाह बेगम' की उपाधि दी गई और वह 'मुगल साम्राज्य की प्रथम महिला' बन गईं, जिससे उनका दर्जा मुगल साम्राज्य की सबसे प्रभावशाली महिला बन गया. क‍िताबों में उनकी द‍िलचस्‍पी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है क‍ि उन्‍होंने दिल्ली में एक भव्य पुस्तकालय बनवाया था. 

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जेब-उन-निसा: 
औरंगज़ेब की बेटी जेब-उन-निसा ल‍िखने पढ़ने में पारांगत थीं. वो एक निपुण कवियित्री थीं. लेक‍िन वो अपने नाम से नहीं ल‍िखती थीं. उन्‍होंन मखफी उपनाम से लेखन किया. उन्‍होंने  40,000 से अधिक किताबों की एक बड़ी लाइब्रेरी बनाई थी. 

गुलबदन बेगम: 
गुलबदन बाबर की बेटी थी. उन्होंने "हुमायूं-नामा" लिखा, जो सम्राट हुमायूं के जीवन और मुगल इतिहास की एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक किताब है.  

सलीमा सुल्तान बेगम: 
सलीमा अकबर की पत्नी थी. साहित्य और कविता में शिक्षित. अकबर और उसके बेटे सलीम (जहांगीर) के बीच सुलह कराने में उन्‍होंने कई बार महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 

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हमीदा बानू बेगम: 
हुमायूं की पत्नी और अकबर की मां हमीदा उच्‍च श‍िक्षा पाने वाली और ऊंचे व‍िचारों वाली थीं. उनकी सूझबूझ और उदारता अकबर को व‍िरासत में म‍िली. उन्‍होंने अकबर की उदार धार्मिक नीतियों और सांस्कृतिक संरक्षण को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया. 

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