वायनाड की हीरो...CRPF की वो जांबाज Lady officer, जिसने रातों रात बनवाया बेली ब्रिज, मिलिए मेजर सीता शेलके से
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वायनाड की हीरो...CRPF की वो जांबाज Lady officer, जिसने रातों रात बनवाया बेली ब्रिज, मिलिए मेजर सीता शेलके से

Wayanad: आर्मी के जवानों ने भूस्खलन स्थल के पास एक नदी पर रिकॉर्ड समय में बेली ब्रिज तैयार कर दिया. मद्रास इंजीनियर ग्रुप ने मात्र 31 घंटों में पुल का निर्माण पूरा कर लिया और शेलके वहां सैनिकों टुकड़ी का नेतृत्व कर रही थीं. 

वायनाड की हीरो...CRPF की वो जांबाज Lady officer, जिसने रातों रात बनवाया बेली ब्रिज, मिलिए मेजर सीता शेलके से

Major Sita Shelke: केरल के वायनाड में आई भीषण आपदा ने वहां जो विध्वंस किया, उस मंजर को याद करके रुह कांप जाती है. इस हादसे के बाद भारतीय सेना ने राहत और बचाव कार्यों की कमान अपने हाथों में लेते ही रात-रात पुल का निर्माण कर दिया था. काम पूरा होने के बाद जवानों ने 'भारत माता की जय' के नारे लगाने के वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए थे. इन वीडियो के साथ ही कुछ तस्वीरों ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरी थीं. वो तस्वीरें थीं सीआरपीएफ की लेडी ऑफिसर सीता शेलके की. मशहूर उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी मेजर सीता की सराहना करते हुए उनकी तस्वीर शेयर की थी. आइए जानते हैं आखिर कौन हैं मेजर सीता शेलके, जिनके तारीफ करने से आनंद महिंद्रा भी खुद को रोक न सके. 

केरल के वायनाड में भूस्खलन से तबाह हुए चूरलमाला गांव में नवनिर्मित बेली ब्रिज की रेलिंग पर खड़ी सेना की एक महिला अधिकारी की तस्वीर ने इस भयानक त्रासदी के बीच लोगों को संतुष्टि और गर्व का एहसास कराया. सोशल मीडिया पर इस तस्वीर के वायरल होने के बाद भारतीय सेना और अधिकारी को उनकी बहादुरी और प्रतिबद्धता को लोगों ने सैल्यूट किया. 

मेजर सीता अशोक शेलके भारतीय सेना की उस यूनिट की एकमात्र महिला अधिकारी हैं, जिन्होंने  दूरदराज के इलाकों में फंसे लोगों को बचाने के लिए बेली ब्रिज का निर्माण पूरा किया है. मद्रास इंजीनियर ग्रुप (एमईजी) ने मलबे, उखड़े पेड़ों और अनियंत्रित बहती नदी के वेग को पार करते हुए केवल 31 घंटों में पुल का निर्माण पूरा कर लिया. मेजर शेलके वहां निर्माण कार्य में जुटे सैनिकों की टुकड़ी का नेतृत्व कर रही थीं. 

2012 से सेना अधिकारी मेजर सीता शेल्के महाराष्ट्र से हैं. उन्होंने चेन्नई ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी में अपनी ट्रेनिंग पूरी की. वह अहमद नगर के गाडिलगांव गांव की रहने वाली हैं. वह सेना के मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप की 70 सदस्यीय टीम में एकमात्र महिला अधिकारी हैं.  

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