इस IPS ने 12 साल की सर्विस के बाद दिया इस्तीफा, चुनी एक अलग राह, जानें क्या करेंगे अब
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इस IPS ने 12 साल की सर्विस के बाद दिया इस्तीफा, चुनी एक अलग राह, जानें क्या करेंगे अब

IPS Anand Mishra: आईपीएस आनंद मिश्रा असम में काफी फेमस पर्सनेलिटी हैं, जो कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बेहद प्रसिद्ध हैं. वह उग्रवाद विरोधी और माफिया विरोधी अभियानों के एक्सपर्ट भी हैं.

इस IPS ने 12 साल की सर्विस के बाद दिया इस्तीफा, चुनी एक अलग राह, जानें क्या करेंगे अब

IPS Anand Mishra Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर आईपीएस अधिकारी बनना कई लोगों का सपना होता है. इसलिए हर साल लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा में बैठते हैं, लेकिन उनमें से केवल 100 उम्मीदवार ही इस परीक्षा को पास कर आईपीएस ऑफिसर का पद हासलि कर पाते हैं. सिविल सर्विसेज में आईएएस व आईपीएस का पद हासिल करने के लिए काफी टफ कॉम्पीटिशन है, लेकिन इसके बावजूद कई ऐसे ऑफिसर भी है, जो इस पद को हासिल करने के बाद भी इस प्रतिष्ठित नौकरी से इस्तीफा दे देते हैं, और जीवन में अलग राह चुनते हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही उम्मीदवार आईपीएस आनंद मिश्रा के बारे में बताएंगे, जिन्होंने हाल ही में सामाजिक सेवाओं के माध्यम से "स्वतंत्रता" का जीवन जीने के लिए अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है.

कहलाते हैं असम का सिंघम
आईपीएस आनंद मिश्रा असम-मेघालय कैडर के 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वह बिहार के रहने वाले हैं. उन्होंने यूपीएससी सीएसई 2010 में ऑल इंडिया 225वीं रैंक हासिल की थी. आईपीएस आनंद मिश्रा वर्तमान में असम में लखीमपुर जिले के एसपी के रूप में तैनात हैं. आईपीएस मिश्रा को हाल ही में राज्य में हिंसा की जांच कर रही एसआईटी का हिस्सा बनने के लिए मणिपुर में तैनात किया गया था. सोशल मीडिया पर उन्हें 'असम का सिंघम' के नाम से जाना जाता है. इंस्टाग्राम पर उनके 362K फॉलोअर्स हैं. अपने त्यागपत्र में आनंद मिश्रा ने कहा कि उन्होंने 'स्वतंत्रता' का जीवन जीने के लिए इस पद से इस्तीफा दिया है.

पहले PCS फिर क्लियर किया UPSC
बता दें कि उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा और कॉलेज की पढ़ाई कोलकाता में पूरी की है. उन्होंने 2005 में पश्चिम बंगाल सिविल सेवा परीक्षा पास की थी और साल 2010 तक पश्चिम बंगाल सिविल सेवा के लिए काम किया. इसके बाद उन्होंने साल 2010 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की और एक आईपीएस ऑफिसर बन गए.

हैं उग्रवाद और माफिया विरोधी एक्सपर्ट
वह असम में काफी फेमस पर्सनेलिटी हैं, जो कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बेहद प्रसिद्ध हैं. इस बीच ऐसी अटकलें भी हैं कि वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं और 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. वह उग्रवाद विरोधी और माफिया विरोधी अभियानों के एक्सपर्ट भी हैं.

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