श्रीनगर की तीन बहनों ने दिखाया दम, पहली कोशिश में क्रैक किया NEET,अब बनेंगी डॉक्टर
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श्रीनगर की तीन बहनों ने दिखाया दम, पहली कोशिश में क्रैक किया NEET,अब बनेंगी डॉक्टर

NEET: श्रीनगर की रकने वाली इन बहनों ने घाटी में दशकों के उग्रवाद के बावजूद अपनी शिक्षा जारी रखी और सही मार्गदर्शन और माता-पिता के समर्थन से वे नीट परीक्षा पास करने में सफल रहीं.

श्रीनगर की तीन बहनों ने दिखाया दम, पहली कोशिश में क्रैक किया NEET,अब बनेंगी डॉक्टर

NEET Success Story: तीन बहनों की तिकड़ी ने अपने पहले ही प्रयास में NEET परीक्षा पास करके एक मील का पत्थर स्थापित किया है. श्रीनगर के नौशेरा की रहने वाली तीन चचेरी बहनें तुबा बशीर, रुतबा बशीर और उर्बिश ने परीक्षा में सफलता हासिल करके घाटी को गौरवान्वित किया है.

ये चचेरी बहनें अपनी बुनियादी शिक्षा हासिल करने के लिए श्रीनगर के इस्लामिया हायर सेकेंडरी स्कूल में जाती थीं. ये सभी एक मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखती हैं. इन बहनों ने घाटी में दशकों के उग्रवाद के बावजूद अपनी शिक्षा जारी रखी और सही मार्गदर्शन और माता-पिता के समर्थन से वे NEET परीक्षा पास करने में सफल रहीं.

उर्बिश ने कहा कि वह एक मेडिकल परिवार से नहीं आती हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने डॉक्टर बनना चुना. उन्होंने नीट परीक्षा पास करने का अपना फॉर्मूला साझा किया और कहा कि उन्होंने इस बेहद प्रतिस्पर्धी प्रवेश परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत यह सोचकर की कि यह उनका एकमात्र मौका है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उर्बिश ने कहा, "मुझे बहुत खुशी महसूस हो रही है. हमारे परिवार में कोई डॉक्टर नहीं था, डॉक्टर बनने का फैसला मेरा खुद का था. हमारे माता-पिता ने शुरू से ही हमारा पूरा समर्थन किया. तैयारी के दौरान हमें टिके रहना था'. यह हमारा पहला और आखिरी प्रयास था, इसी संकल्प के साथ हमें चलना था और पढ़ाई जारी रखनी थी.''

NEET परीक्षा में अपनी संयुक्त सफलता के बाद, तुबा बशीर बहुत खुश थी. उन्होंने कहा, उन्होंने एक साथ स्कूल में पढ़ाई की और डॉक्टर बनने के अपने लक्ष्य की दिशा में काम किया.

तुबा ने बताया, "मुझे बहुत अच्छा लग रहा है कि हम तीनों ने एक साथ नीट पास किया है क्योंकि हम स्कूल और कोचिंग एक साथ जाते थे और हमने सोचा था कि हम एमबीबीएस (MBBS) पास करेंगे और डॉक्टर बनेंगे. मैं बहुत खुश हूं क्योंकि मैंने कड़ी मेहनत की और उसके मुझे परिणाम मिला. "

रुतबा बशीर का दावा है कि उन्होंने नीट परीक्षा एक बार में पास करने के लिए ग्यारहवीं कक्षा में ही पढ़ाई शुरू कर दी थी. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देते हुए कहा कि जब वे छोटे थे तब से उन्होंने उनकी मदद की थी.

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