Chhatrapati Shahuji Maharaj University: उत्तर प्रदेश की इकलौती यूनिवर्सिटी 'छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय' को क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में जगह मिली है. इसी के साथ विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम दर्ज कराया है.
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QS Asia University Ranking 2025: छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (Chhatrapati Shahuji Maharaj University) ने पहली बार प्रतिष्ठित क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में शामिल होकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है. अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में विश्वविद्यालय को 801 से 850 के बैंड में स्थान मिला है. छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय को पहली बार क्यूएस एशिया और क्यूएस साउथ एशिया रैंकिंग में जगह मिली है. विश्वविद्यालय को एशिया में 801 से 850 के बैंड और साउथ एशिया में 263वीं रैंकिंग मिली है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दर्ज कराया नाम
कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने कहा, कानपुर विश्वविद्यालय ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम दर्ज कराया है. NAAC में A++ ग्रेड और NIFT में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद क्यूएस रैंकिंग में स्थान पाना विश्वविद्यालय के लिए बड़ी उपलब्धि है.
इन कारणों से मिली क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग में जगह
पिछले कुछ सालों में कानपुर विश्वविद्यालय ने ग्लोबल लेवल पर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए कोर्स, रिसर्च और स्टार्टअप शुरू किए गए हैं. विदेशों से छात्र यहां पढ़ने आ रहे हैं और पीएचडी स्कॉलर की संख्या में भी इजाफा हुआ है. टेक्निकल इनोवेशन और रिसर्च कार्यों में बढ़ोतरी के कारण विश्वविद्यालय को इस रैंकिंग में शामिल किया गया है, जो विश्वविद्यालय के लिए बड़ी उपलब्धि है. आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) और छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के दो ऐसे संस्थान हैं, जिन्हें क्यूएस रैंकिंग में शामिल किया गया है. यह उपलब्धि कानपुर ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए गौरव की बात है.
IIT दिल्ली पूरे इंडिया में टॉप इंस्टीट्यूट
हाल ही में जारी क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली (IIT Delhi) 44वें स्थान पर और आईआईटी बॉम्बे (IIT Bombay) 48वें स्थान पर रहा. आईआईटी मद्रास (IIT Madras) ने 56वां स्थान हासिल किया है. कुल मिलाकर, पांच आईआईटी, आईआईएससी बेंगलुरु (IISc Bengaluru,) और दिल्ली विश्वविद्यालय (University of Delhi) सहित 7 भारतीय संस्थान इस साल रैंकिंग में शीर्ष 100 में जगह बनाने में सफल रहे हैं.