एक के बाद दूसरा पेपर लीक, छात्रों का गुस्सा, सियासत...नए NTA चीफ के सामने मुंह बाए खड़ी हैं ये चुनौतियां
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एक के बाद दूसरा पेपर लीक, छात्रों का गुस्सा, सियासत...नए NTA चीफ के सामने मुंह बाए खड़ी हैं ये चुनौतियां

NTA Director General: आईएएस प्रदीप सिंह खरोला को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के डायरेक्टर जनरल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. हालांकि, प्रदीप सिंह को एनटीए की परीक्षा प्रक्रियाओं में ईमानदारी, पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने के साथ-साथ चल रहे विवादों से भी निपटना होगा.

एक के बाद दूसरा पेपर लीक, छात्रों का गुस्सा, सियासत...नए NTA चीफ के सामने मुंह बाए खड़ी हैं ये चुनौतियां

NTA New DG Pradeep Singh Kharola: आईएएस अधिकारी प्रदीप सिंह खरोला को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के डायरेक्टर जनरल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. दरअसल, परीक्षा में अनियमितताओं के विवाद के बीच एनटीए के पिछले डायरेक्टर जनरल सुबोध कुमार सिंह को हटाकर डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (DoPT) में "अनिवार्य प्रतीक्षा" पर रखा गया है.

प्रदीप सिंह खरोला कौन हैं?

प्रदीप सिंह खरोला कर्नाटक कैडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी है. उन्हें नवंबर 2017 में एयर इंडिया का प्रमुख नियुक्त किया गया था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, खरोला के कार्यकाल के दौरान सरकार एयर इंडिया के प्राइवेटाइजेशन के अपने पहले प्रयास में विफल रही थी. 

वहीं, साल 2019 में प्रदीप सिंह खरोला को नया नागरिक उड्डयन सचिव नियुक्त किया गया था. इसके बाद साल 2022 से, वह इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गेनाइजेशन (ITPO) के चेयरमैन के रूप में कार्य कर रहे हैं.

हालांकि, अब उन्हें नियमित पदाधिकारी की नियुक्ति तक नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के डायरेक्टर जनरल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.

प्रदीप सिंह खरोला के सामने होंगी ये चुनौतियां

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के नवनियुक्त डायरेक्टर जनरल प्रदीप सिंह खरोला को परीक्षा अनियमितताओं के विवादों के बीच निम्नलिखित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.

1. परीक्षा की अखंडता और पारदर्शिता: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी NEET, JEE और UGC-NET सहित विभिन्न प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करता है. ऐसे में नए डायरेक्टर जनरल के लिए जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षा प्रक्रिया सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण होगा.

2. आरोपों से निपटना: NEET-UG में पेपर लीक होने के आरोप लगे हैं और इसे रद्द करने की मांग की गई है. खरोला को इन चिंताओं का तुरंत समाधान करना होगा.

3. त्वरित कार्रवाई: प्रदीप खरोला की सरकार द्वारा त्वरित नियुक्ति मुद्दों को हल करने और परीक्षा प्रणाली में विश्वास बहाल करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.

4. लॉजिस्टिकल चुनौतियां: खरोला को परीक्षाओं के संचालन के लॉजिस्टिकल चुनौतियों को कुशलतापूर्वक मैनेज करने की आवश्यकता है. विशेष रूप से लॉजिस्टिकल मुद्दों के कारण CSIR-UGC NET परीक्षा के हाल ही में स्थगित होने को देखते हुए.

दरअसल, सरकार ने यूजीसी-नेट (UGC NET) को रद्द कर दिया है, जबकि नीट-यूजी (NEET-UG) में भी पेपर लीक के आरोप हैं और इसे रद्द करने की मांग की जा रही है. शुक्रवार को सरकार ने सीएसआईआर-यूजीसी नेट (CSIR UGC-NET) को भी स्थगित करने की घोषणा की थी.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहले कहा था कि एनटीए की "टॉप लीडरशिप" नीट और नेट परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं के लिए जांच के दायरे में है. हालांकि, उन्होंने सीएसआईआर-यूजीसी नेट में किसी भी पेपर लीक से इनकार किया, जिसे स्थगित कर दिया गया है.

बता दें कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की अध्यक्षता शिक्षा मंत्रालय द्वारा नियुक्त एक प्रख्यात शिक्षाविद् करते हैं, जिसकी अध्यक्षता वर्तमान में यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप कुमार जोशी करते हैं.

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