India's First Woman IAS: कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद अन्ना मल्होत्रा ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की और अपने पहले प्रयास में ही सफल हो गईं. वह 1951 में भारत की पहली महिला सिविल सेवक बनीं.
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UPSC सिविल सेवा भारत में आम आदमी के लिए कोई नया शब्द नहीं है. एक समय था जब अंग्रेजों ने भारतीयों को नीचा दिखाने के लिए सिविल सेवा परीक्षा की शुरुआत की थी क्योंकि उन्हें लगता था कि भारतीयों के लिए सिविल सेवक बनना तो दूर, परीक्षा में पास होना भी बहुत मुश्किल है. हालांकि, भारत के पहले IAS अधिकारी रवींद्रनाथ टैगोर के भाई, सत्येंद्रनाथ टैगोर थे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे देश की एक महिला ने भी उन दिनों सिविल सेवा परीक्षा को क्रैक किया था? इसे उन दिनों भारतीय सिविल सेवा या आईसीएस कहा जाता था.
अन्ना राजम मल्होत्रा उन दिनों में सिविल सर्विसेज क्रैक करने वाली पहली महिला थीं, जब अंग्रेजों ने भारत पर शासन किया था. उन्हें हमारे देश की पहली IAS अधिकारी के रूप में याद किया जाता है. अन्ना राजम मल्होत्रा का जन्म 17 जुलाई, 1924 को केरल के एर्नाकुलम जिले में हुआ था. उन्होंने कोझिकोड में अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की. उसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए मद्रास विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया.
कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद अन्ना मल्होत्रा ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की और अपने पहले प्रयास में ही सफल हो गईं. वह 1951 में भारत की पहली महिला सिविल सेवक बनीं. अन्ना मल्होत्रा आईएएस के 1951 बैच की थीं और उन्होंने अपने बैचमेट आर एन मल्होत्रा से शादी की थी.
आईएएस अधिकारी बनने के बाद अन्ना मल्होत्रा ने भारतीय गृह मंत्रालय में भी अपनी सेवाएं दीं. उन्होंने रिटायरमेंट के बाद होटल लीला वेंचर लिमिटेड में निदेशक के रूप में भी काम किया. 1989 में, उन्हें IAS अधिकारी के रूप में उनकी सेवाओं के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. अन्ना राजम मल्होत्रा ने 17 सितंबर 2018 को दुनिया को अलविदा कह दिया, तब उनकी उम्र 91 साल थी.
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