Aditya Kumar NTA Score: जेईई स्टूडेंट्स के लिए आराम के टाइम के तौर पर कम से कम 1-1.5 घंटे का टाइम जरूरी है.
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Tips For JEE Candidates: जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई) मेन 2024 सेशन 1 का रिजल्ट आ गया है. आदित्य कुमार उन 23 स्टूडेंट्स में से एक हैं जिन्होंने 100 पर्सेंटाइल स्कोर किया है. मूल रूप से बेंगलुरु के रहने वाले कुमार जेईई मेन की तैयारी के लिए जून 2022 में कोटा चले गए. हालांकि, वह अकेले नहीं थे क्योंकि उनकी मां ने भी उनके साथ कोचिंग हब के लिए जाने जाने वाले शहर में शिफ्ट होने का फैसला किया था.
कुमार एमबीए वाले परिवार से आते हैं जिन्होंने इंजीनियरिंग करने का फैसला किया. द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक आदित्य कुमार ने कहा "मुझे हमेशा से एस्ट्रोफिजिक्स और एस्ट्रोनॉमी आदि में इंटरेस्ट रहा है. जब कक्षा 8 में था तब मैंने इस इंटरेस्ट को आगे बढ़ाने का फैसला किया. मैंने इसके बारे में रिसर्च करना शुरू कर दिया."
क्लास 9 में, आदित्य जूनियर साइंस ओलंपियाड के लिए कोटा गए और उन्हें एक कोचिंग संस्थान में जाने का मौका मिला. "मुझे वहां टीचर्स और सीनियर्स के साथ की गई बातचीत पसंद आई. वहां के माहौल ने मुझे अट्रेक्ट किया और तभी मैंने सोचा कि जेईई की तैयारी के लिए कोटा जाना सही ऑप्शन होगा."
हालांकि, आदित्य के लिए पढ़ाई का कोई तय शेड्यूल नहीं था, लेकिन वह जल्दी उठने में विश्वास करते हैं. वह सुबह मैथ्स की पढ़ाई करना पसंद करते हैं क्योंकि इससे उन्हें फ्रैश रहने में मदद मिलती है. उन्होंने कहा, "सुबह 11 बजे के आसपास मैं किसी थ्योरी सब्जेक्ट पर स्विच करता था और थ्योरी और मैथ्स के बीच बारी-बारी से पढ़ाई करता रहता था."
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जेईई स्टूडेंट्स के लिए आराम के समय के रूप में कम से कम 1-1.5 घंटे का टाइम जरूरी है. "मुझे आराम के लिए लॉन्ग वॉक पर जाना, अपनी मां से बात करना, बैडमिंटन खेलना और स्कूल के अपने दोस्तों से बात करना पसंद है. इससे मुझे सबसे कठिन दिनों में भी रिलेक्स रहने में मदद मिलती थी."
जेईई में अच्छा स्कोर पाने की चाभी अपना धैर्य और कॉन्फिडेंश नहीं खोना है. "कई स्टूडेंट परीक्षा के दौरान घबरा जाते हैं और अपना आत्मविश्वास खो देते हैं. यह सबसे बड़ी बाधाओं में से एक है. यह याद रखना जरूरी है कि चाहे कुछ भी हो, आपको खुद पर और अपनी तैयारी पर विश्वास करना होगा. यदि आप घबराते हैं, तो आप पिछले कुछ सालों के दौरान किए गए सभी प्रयासों को खो सकते हैं." आदित्य का मानना है कि कोटा में अपनी मां के साथ रहने से उन्हें मोटिवेट रहने में मदद मिली.
आदित्य की मां ने कहा, "मैं घर से काम करती हूं और मेरे पति काम के सिलसिले में जर्नी करते हैं, इसलिए वह समय-समय पर हमसे मिलने आते रहते हैं. मैं कोटा चली गई क्योंकि वह मेरा इकलौता बच्चा है और मैं उसके साथ समय बिताना चाहती थी. बाद में हमने कोटा में स्टूडेंट्स की आत्महत्या के बारे में खबरें सुननी शुरू कीं और उन स्टूडेंट्स के बारे में बुरा महसूस किया."
जबकि आदित्य को अपनी मां के साथ रहने का सुख मिला, लेकिन उनका यह भी मानना है कि मदद के लिए दूसरों तक पहुंचना जरूरी है, चाहे आप अपने माता-पिता के साथ रहें या नहीं. उन्होंने कॉन्क्लूज़न निकाला, "ठीक न होना ठीक है, और मदद के लिए किसी के पास पहुंचना बहुत जरूरी है."