Who is Sadanand Date: दाते जब पढ़ाई किया करते थे, जब पढ़ाई पर होने वाले खर्च को पूरा करने के लिए सुबह अखबार भी बेचा करते थे.
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IPS Sadanand Vasant Date Career: महाराष्ट्र एंटी टेररिज्म स्क्वॉड चीफ सदानंद वसंत दाते को नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) का महानिदेशक नियुक्त किया गया है. महाराष्ट्र कैडर के 1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी, दाते, दिनकर गुप्ता की जगह लेने के लिए तैयार हैं, जिनका रिटायमेंट 31 मार्च को होने वाला है.
कौन हैं सदानंद दाते?
सदानंद दाते महाराष्ट्र कैडर के 1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं. एनआईए के महानिदेशक (डीजी) के रूप में नियुक्ति से पहले दाते ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) और महाराष्ट्र के आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) में काम किया है, सदानंद वसंत दाते ने अलग अलग पदों पर भूमिका निभाई है. सदानंद वसंत दाते मीरा वसई विरार पुलिस कमिश्नरेट के पहले पुलिस कमिश्नर रहे.
कहां से की है पढ़ाई?
सदानंद दाते का जन्म 14 दिसंबर, 1966 को हुआ था. एनआईए के नए डीजी आईपीएस अधिकारी सदानंद वसंत दाते पुणे के रहने वाले हैं. पढ़ाई की बात करें तो उन्होंने पुणे यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की, इससे पहले उन्होंने कॉमर्स में काम करते हुए पोस्टग्रेजुएशन किया. दाते इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंट्स ऑफ इंडिया से कॉस्ट एंड मैनेजमेंट अकाउंट क्वालिफाइड भी हैं. उन्होंने हम्फ्री फेलोशिप प्रोग्राम के तहत मिनेसोटा यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की, जहां उन्होंने अमेरिका में व्हाइट कॉलर और ऑर्गेनाइज्ड क्राइम को कंट्रोल करने के थ्योरिटिकल और प्रक्टिकल पहलुओं की पढ़ाई की. भारत लौटने पर उन्हें अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (आर्थिक अपराध शाखा) के रूप में तैनात किया गया. दाते जब पढ़ाई किया करते थे, जब पढ़ाई पर होने वाले खर्च को पूरा करने के लिए सुबह अखबार भी बेचा करते थे.
सदानंद दाते ने 26/11 के हमलावर कसाब को जिंदा पकड़ने में अहम भूमिका निभाई थी
26/11 के हमले के दौरान उनकी बहादुरी और क्विक थिंकिंग के कारण उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक मिला. सदानंद बसंत ने 26/11 हमले के दौरान कसाब को जिंदा पकड़ने में अहम भूमिका निभाई थी. 26 नवंबर, 2008 की रात, जब 10 आतंकवादियों ने मुंबई शहर पर हमला किया, 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी सदानंद दाते उन कुछ अधिकारियों में से थे, जो टारगेट प्लेस पर सबसे पहले पहुंचे और आखिर तक एक्टिव रहे.
यह दाते का साहस और सूझबूझ ही थी, जिससे अबू इस्माइल और अजमल कसाब द्वारा बंधक बनाए गए बंधकों को बचाया जा सका, जिन्हें आतंकवादियों द्वारा मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने का इरादा था. आखिरकार एकमात्र जीवित आतंकवादी कसाब को पकड़ लिया गया. बाद में उन्हें उनकी वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया.
खत्म कर दिया पुजारी गैंग
जब क्राइम ब्रांच के चीफ थे तो उन्होंने रवि पुजारी गैंग को भी खत्म कर दिया था. इस गैंग पर फिल्म एक्टर से लेकर प्रोड्यूसर्स तक को धमकाने के आरोप थे. करीब तीन साल पहले रवि पुजारी को सेनेगल से भारत डिपोर्ट किया गया.
मिल चुके हैं ये पुरस्कार
उन्हें महात्मा गांधी गौरव पुरुस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. सन 2005 में सदानंद वसंत दाते को पहली बार राष्ट्रपति पुलिस पदक प्राप्त हुआ. 2009 में ही महात्मा गांधी शांतता गौरव पुरुस्कार से भी दाते को सम्मानित किया जा चुका है.
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कब तक रहेगा कार्यकाल
26 मार्च के आदेश के मुताबिक, उनका कार्यकाल 31 दिसंबर, 2026 को उनकी रिटायरमेंट तक बढ़ाया जाएगा. साथ ही, राजस्थान कैडर के 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार शर्मा को पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है. आदेश के मुताबिक शर्मा का कार्यकाल 30 जून, 2026 को उनकी रिटायमेंट तक रहेगा.
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