Maharashtra, Jharkhand Election 2024 Date: महाराष्ट्र और झारखंड में बज गया चुनावी बिगुल, चुनाव आयोग ने की तारीखों की घोषणा
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Maharashtra, Jharkhand Election 2024 Date: महाराष्ट्र और झारखंड में बज गया चुनावी बिगुल, चुनाव आयोग ने की तारीखों की घोषणा

Maharashtra Jharkhand Election Date Announced: चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया है. चुनाव आयोग मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा की.

Maharashtra, Jharkhand Election 2024 Date: महाराष्ट्र और झारखंड में बज गया चुनावी बिगुल, चुनाव आयोग ने की तारीखों की घोषणा

Maharashtra Jharkhand Chunav 2024: चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया है. चुनाव आयोग मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा की. माहाराष्ट्र में एक चरण में 20 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को मतगणना के बात नजीतों की घोषणा होगी. चुनाव के ऐलान के साथ ही दोनों राज्यों में नयी सरकार बनाने के लिए राजनीतिक दलों के बीच मुकाबले का मंच तैयार हो चुका है. वहीं, झारखंड में दो चरणों में चुनाव होगा. पहले चरण का मतदान 13 नवंबर को होगा और दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा. झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों के ही साथ 23 नवंबर को होगी.

झारखंड चुनाव का पूरा शेड्यूल

 महाराष्ट्र चुनाव का पूरा शेड्यूल

वायनाड लोकसभा सीट के लिए 13 नवंबर को उपचुनाव

निर्वाचन आयोग ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट और अलग-अलग राज्यों की 47 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव का ऐलान कर दिया है. इन सभी सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होगा. महाराष्ट्र के नांदेड़ और उत्तराखंड के केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में 20 नवंबर को उपचुनाव होगा. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में वायनाड और रायबरेली सीट से जीत दर्ज की थी. गांधी ने वायनाड सीट खाली कर दी थी और रायबरेली सीट को बरकरार रखा था. इस सीट से राहुल गांधी की बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पार्टी की उम्मीदवार होंगी.

नांदेड़ संसदीय सीट पर कब होगा उपचुनाव

नांदेड़ संसदीय सीट पर उपचुनाव कांग्रेस सांसद वसंत चव्हाण के निधन के कारण हो रहा है. इस सीट पर उपचुनाव महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मतदान वाले दिन होगा. निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल की बशीरहाट लोकसभा सीट और उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव की घोषणा फिलहाल नहीं की है. कुमार ने इन दोनों सीटों के बारे में पूछे जाने पर कि अदालत में मामला होने के चलते इन जगहों पर उपचुनाव नहीं कराए जा रहे हैं.

नतीजों का ऐलान 23 नवंबर को

आयोग ने मंगलवार को जिन 48 विधानसभा क्षेत्रों के लिए उपचुनाव की घोषणा की है, उनमें उत्तर प्रदेश की नौ, राजस्थान की सात, पश्चिम बंगाल की छह, असम की पांच, बिहार की चार, पंजाब की चार, कर्नाटक की तीन, केरल की दो, मध्य प्रदेश की दो, सिक्किम की दो तथा छत्तीसगढ़, गुजरात, उत्तराखंड और मेघालय की एक-एक सीट शामिल हैं. सभी उपचुनाव के नतीजों का ऐलान 23 नवंबर को होगा.

महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन सत्ता में

बता दें कि महाराष्ट्र में विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म होगा. झारखंड की बात करें तो राज्य में विधानसभा का कार्यकाल अगले साल पांच जनवरी को समाप्त होने वाला है. वर्तमान में महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन सत्ता में है. शिवसेना के एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं. महाराष्ट्र सरकार शिवसेना, भाजपा और डिप्टी सीएम अजीत पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच गठबंधन के साथ चल रही है.

महाराष्ट्र में 2019 में हुए थे चुनाव

वहीं, महाराष्ट्र में विपक्ष की बात करे तो महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन सत्ता में वापसी के लिए तैयारी में जुटा हुआ है. महा विकास अघाड़ी में उद्धव बालासाहेब ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना, कांग्रेस और वरिष्ठ नेता शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल हैं. महाराष्ट्र में साल 2019 में विधानसभा चुनाव हुआ था. नतीजे सामने आए तो महाराष्ट्र की राजनीति की रूप-रेखा पूरी तरह बदल गई.

महाराष्ट्र में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी

2019 का विधानसभा चुनाव शिवसेना और भाजपा ने मिलकर लड़ा था. राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 165 पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. और उसे 105 सीटों पर जीत मिली थी, भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. शिवसेना ने 126 सीट पर चुनाव लड़ा था और उसे 56 पर जीत मिली थी. दूसरी तरफ, कांग्रेस ने 147 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे. उसे 44 सीटों पर जीत मिली थी. जबकि राकांपा को 121 में से 54 सीट पर जीत हासिल हुई थी. नतीजों के ऐलान के बाद भाजपा के नेतृत्व वाले राजग को बहुमत मिला लेकिन मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर दोनों दलों में बात नहीं बन सकी. जिसके चलते यह गठबंधन टूट गया. शिवसेना ने कांग्रेस और राकांपा से हाथ मिला लिया. राज्य में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में एमवीए की सरकार बनी.

ढाई साल तक ही चल सकी एमवीए सरकार

तकरीबन ढाई साल तक यह सरकार चली और फिर शिवसेना के विधायक और राज्य सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पार्टी के दर्जनों विधायकों ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंक दिया. शिंदे ने असली शिवसेना होने का दावा करते हुए भाजपा के साथ सरकार बना ली और राज्य के मुख्यमंत्री बन गए. इसी दौरान, राकांपा में भी विद्रोह की स्थिति बन रही थी. पिछले साल जुलाई में अजीत पवार के नेतृत्व में राकांपा एक धड़ा अलग हो गया. इसके अधिकांश विधायक शिवसेना और भाजपा के एकनाथ शिंदे गुट के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ सरकार में शामिल हो गए. इस सरकार में अजीत पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया.

झारखंड में साल 2019 में हुए थे विधानसभा चुनाव

झारखंड में साल 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के गठबंधन ने राज्य की 81 में से 47 सीट जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया था. इसके बाद हेमंत सोरेन दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने. इस चुनाव में भाजपा 25 सीट पर सिमट गई थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास भी चुनाव हार गए थे. पिछले पांच सालों में झारखंड में महाराष्ट्र की तरह कोई बहुत बड़ा राजनीतिक उलटफेर तो नहीं हुआ लेकिन इस दौरान झामुमो में घटे कुछ राजनीतिक घटनाक्रमों ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया. मुख्यमंत्री सोरेन को कथित जमीन घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में जनवरी 2024 में गिरफ़्तार कर लिया गया. सोरेन ने गिरफ्तारी से पूर्व मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और नए मुख्यमंत्री के रूप में झामुमो संस्थापक शिबू सोरेन के करीबी सिपहसालार चम्पई सोरेन की ताजपोशी हुई.

झारखंड में दिख सकती है कांटे की टक्कर

हालांकि, जून महीने में हेमंत सोरेन के जमानत पर रिहा होने के बाद चम्पई सोरेन को इस्तीफा देना पड़ा और एक बार फिर राज्य की कमान हेमंत सोरेन के हाथों में आई गई. इस घटनाक्रम के कुछ दिनों बाद चम्पई सोरेन ने झामुमो से इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए. झारखंड में भाजपा का ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) और जनता दल (यूनाईटेड) के साथ गठबंधन है. इस बार तीनों दल साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. इस गठबंधन का मुकाबला झामुमो, कांग्रेस और राजद गठबंधन से होगा.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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