उपचुनाव नतीजे: किसका बजेगा डंका, किसे मिलेगी मायूसी, 13 राज्यों की 46 विधानसभा सीटों का कौन बनेगा सरताज?
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उपचुनाव नतीजे: किसका बजेगा डंका, किसे मिलेगी मायूसी, 13 राज्यों की 46 विधानसभा सीटों का कौन बनेगा सरताज?

Bypoll Results: उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर, राजस्थान में 7, पश्चिम बंगाल में 6, असम में 5, पंजाब और बिहार में 4-4, कर्नाटक में 3, मध्य प्रदेश और केरल में 2-2, जबकि छत्तीसगढ़, गुजरात, उत्तराखंड और मेघालय में 1-1 विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए हैं.

उपचुनाव नतीजे: किसका बजेगा डंका, किसे मिलेगी मायूसी, 13 राज्यों की 46 विधानसभा सीटों का कौन बनेगा सरताज?

Election Results 46 Bypoll: शनिवार को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव परिणामों के साथ ही देश के 13 राज्यों की 46 विधानसभा सीटों और महाराष्ट्र के नांदेड़ तथा केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनाव की मतगणना भी सुबह 8 बजे से शुरू होगी. मतगणना के लिए चुनाव आयोग ने व्यापक तैयारी की है. आइए जानें किन राज्यों में उपचुनाव हुए और किन सीटों पर नतीजे आने वाले हैं.

उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर, राजस्थान में 7, पश्चिम बंगाल में 6, असम में 5, पंजाब और बिहार में 4-4, कर्नाटक में 3, मध्य प्रदेश और केरल में 2-2, जबकि छत्तीसगढ़, गुजरात, उत्तराखंड और मेघालय में 1-1 विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए हैं.

उत्तर प्रदेश की 9 सीटें

उत्तर प्रदेश के मीरापुर, कुंदरकी, सीसामऊ, कटेहरी, फूलपुर, मझवां, गाजियाबाद, करहल और खैर सीट पर 20 नवंबर को उपचुनाव हुए. हालांकि इन नतीजों का 403 सदस्यीय राज्य विधानसभा की संरचना पर सीधा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन इस मुकाबले को लोकसभा चुनाव के बाद सत्तारूढ़ भाजपा और उसके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के बीच पहली बड़ी टक्कर के रूप में देखा जा रहा है. भाजपा और विपक्षी दलों ने एक-दूसरे पर चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाया है. 

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में गाजियाबाद सदर, खैर और फूलपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता था जबकि मझवां क्षेत्र में भाजपा की सहयोगी निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) ने जीत हासिल की थी. दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने करहल, कुंदरकी, कटेहरी और सीसामऊ सीटें जीती थीं. इसके अलावा एक सीट मीरापुर तब सपा के सहयोगी रहे राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने जीती. रालोद अब भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का घटक दल है. कांग्रेस ने उपचुनाव नहीं लड़ा, लेकिन उसने सपा को समर्थन दिया. 

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने सभी नौ सीट पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने गाजियाबाद, कुंदरकी और मीरापुर में उम्मीदवार उतारे. चन्द्रशेखर आज़ाद के नेतृत्व वाली आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने भी सीसामऊ को छोड़कर सभी सीट पर चुनाव लड़ा.

राजस्थान में 7 विधानसभा सीटें

राजस्थान में सात विधानसभा उपचुनावों में डाले गए मतों की गिनती के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. रेगिस्तानी राज्य में झुंझुनू, रामगढ़, दौसा, देवली-उनियारा, खींवसर, सलूंबर और चौरासी सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव हुए थे. 

पंजाब

पंजाब में गिद्दरबाहा, डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल (अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित) और बरनाला विधानसभा सीट पर बुधवार को उपचुनाव हुए. मौजूदा विधायकों के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद उपचुनाव जरूरी हो गए थे. पंजाब में यह मुकाबला सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और मुख्यमंत्री भगवंत मान के लिए अग्निपरीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है, जिनकी सरकार ने अपने कार्यकाल के ढाई साल पूरे कर लिए हैं. कांग्रेस और भाजपा दो अन्य मुख्य दावेदार हैं. 

कर्नाटक में 13 नवंबर को संदूर, शिग्गांव और चन्नपटना विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनावों में सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा-जद(एस) गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला. कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार दोनों के लिए समर्थन के रूप में देखा जाएगा, जबकि भाजपा के ठोस प्रदर्शन का मतलब होगा कि पार्टी संगठन के भीतर उसके प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र के आलोचकों का मुंह बंद हो जाएगा. जद(सेक्युलर) नेता एचडी कुमारस्वामी के लिए यह उपचुनाव प्रतिष्ठा की लड़ाई होगी क्योंकि उनके बेटे निखिल पिछले चुनाव में हार का सामना करने के बाद एक बार फिर से चन्नपटना सीट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. 

छत्तीसगढ़ में रायपुर शहर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव के लिए भी वोटों की गिनती की जाएगी. यहां 13 नवंबर को मतदान हुआ था. इस सीट पर भाजपा के विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने रायपुर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद इस्तीफा दे दिया था. 

पश्चिम बंगाल में सिताई, मदारीहाट, नैहाटी, हरोआ, मेदिनीपुर और तालडांगरा विधानसभा क्षेत्रों में 13 नवंबर को उपचुनाव हुए थे. इनमें से पांच निर्वाचन क्षेत्र दक्षिण बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के गढ़ में हैं, जबकि मदारीहाट राज्य के उत्तरी हिस्से में भाजपा का गढ़ बना हुआ है. माकपा नीत वाम मोर्चा और कांग्रेस ने 2021 के बाद पहली बार अलग-अलग उपचुनाव लड़ा. 

उत्तराखंड में केदारनाथ विधानसभा सीट पर भी 20 नवंबर को उपचुनाव हुए थे. रुद्रप्रयाग जिले की यह विधानसभा सीट जुलाई में भाजपा विधायक शैला रानी रावत के निधन के बाद खाली हुई थी. असम में ढोलाई, सिडली, बोंगाईगांव, बेहाली और सामागुरी विधानसभा क्षेत्रों, बिहार में तरारी, रामगढ़, इमामगंज और बेलागंज, गुजरात में वाव, मध्य प्रदेश में विजयपुर और बुधनी और मेघालय में गमबेग्रे में भी उपचुनाव हुए. agency input

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