Haryana Elections 2024: डेरों के 'डोर' से निकलती हरियाणा की सियासी डगर
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Haryana Elections 2024: डेरों के 'डोर' से निकलती हरियाणा की सियासी डगर

Haryana Deras: ऐसे भक्‍तों की संख्‍या कम नहीं जो डेरों के संदेशों के आधार पर वोटिंग करते रहे हैं. यही कारण है कि नेतागण वोटों की आस में इन डेरों की शरण में जाते हैं. 

Haryana Elections 2024: डेरों के 'डोर' से निकलती हरियाणा की सियासी डगर

Haryana News: हरियाणा की सियासत में हमेशा से डेरों की भूमिका रही है. अक्‍सर चुनावों में नेताओं को इन डेरों के यहां कतारबद्ध देखा गया है. वास्‍तव में हरियाणा-पंजाब क्षेत्र में स्थित इन डेरों की स्‍थापना असमानता और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ की गई. अधिकतर डेरों में ज्‍यादातर वंचित तबके के अनुयायी जुड़ते हैं. लाखों लोग इन डेरों से जुड़े हैं और श्रद्धा भाव रखते हैं. ऐसे भक्‍तों की संख्‍या कम नहीं जो डेरों के संदेशों के आधार पर वोटिंग करते रहे हैं. यही कारण है कि नेतागण वोटों की आस में इन डेरों की शरण में जाते हैं. हालांकि कई बार इनसे जुड़े संत खुद भी किस्‍मत आजमाते हैं. इस बार हरियाणा विधानसभा चुनाव में कुल छह संत और दो सेवादार मैदान में हैं. हरियाणा चुनावों के मद्देनजर इन डेरों की भूमिका पर आइए डालते हैं एक नजर: 

देशवाली बेल्‍ट 
रोहतक, झज्‍जर और बहादुरगढ़ का इलाका इसके अंतर्गत आता है. इस क्षेत्र में कई बड़े डेरे हैं. रोहतक में तीन डेरे हैं. लक्ष्‍मणपुरी डेरा (गोकर्ण) का इतिहास बहुत पुराना है. यहां की गद्दी पर जूना अखाड़ा के उपाचार्य बाबा कपिल पुरी महाराज हैं. इस डेरे के लाखों अनुयायी हैं. राजनीतिक विश्‍लेषकों के मुताबिक हरियाणा में 90 में से 20 सीटों पर इस डेरे का अच्‍छा खासा प्रभाव है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस बार के लोकसभा चुनाव के दौरान हरियाणा के मुख्‍यमंत्री नायब सिंह सैनी बाबा कपिल पुरी महाराज से आशीर्वाद लेने गए थे. कहा जाता है कि कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी इनके भक्‍त हैं.

इसी तरह बाबा बालकपुरी डेरा प्रभावी है. यहां की गद्दी पर महामंडलेश्‍वर कर्णपुरी महाराज विराजमान हैं. इनके भी अनुयायी राजनीति में सक्रिय हैं. इसी तरह रोहतक में ही नाथ संप्रदाय का बाबा मस्‍तनाथ मठ है. यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ नाथ संप्रदाय के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष हैं. इसके राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष बाबा बालकनाथ हैं जोकि गद्दी पर विराजमान हैं. वह अलवर से सांसद भी हुए. इस बार के राजस्‍थान विधानसभा चुनाव में तिजारा सीट से चुनाव भी जीते. 

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जीटी बेल्‍ट
डेरा राधा स्‍वामी सत्‍संग ब्‍यास का व्‍यापक प्रभाव है. दलित समाज में इसकी गहरी पैठ है लेकिन ये डेरा कभी किसी पार्टी को समर्थन नहीं करता. डेरा प्रमुख गुरविंदर सिंह ढिल्‍लों हैं. इसी बेल्‍ट में निरंकारी डेरे का अच्‍छा प्रभाव है. इसका सालाना समागम पानीपत्र क्षेत्र में होता है. अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक अंबाला, जगाधरी, करनाल, कुरुक्षेत्र, गोहाना, सोनीपत समेत कई अन्‍य जिलों में इनका प्रभाव है. 

डेरा सच्‍चा सौदा
सिरसा के डेरा सच्‍चा सौदा का खासा प्रभाव हरियाणा में है. इसका डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम दुष्‍कर्म और हत्‍या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है. इस कारण इसका विवादों से नाता रहा है. हालांकि राम रहीम पैरोल या फरलो पर जेल से बाहर आता रहा है और यूपी के बागपत स्थित बरनावा आश्रम जाता है और वहीं से अपने अनुयायियों को संदेश देता है. इस डेरे की पहले राजनीतिक शाखा हुआ करती थी लेकिन अब उसको भंग कर दिया गया है.

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