Nitish Kumar पर अमित शाह की नरमी, लालू-तेजस्वी की बेचैनी के बीच अब जेपी नड्डा ने बनाया ये प्लान
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Nitish Kumar पर अमित शाह की नरमी, लालू-तेजस्वी की बेचैनी के बीच अब जेपी नड्डा ने बनाया ये प्लान

Nitish Kumar Amit Shah News: 18वीं लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने वाला है. पिछली बार 2019 में हुए 17वीं लोकसभा के चुनाव परिणाम को देखें तो एनडीए का प्रदर्शन शानदार रहा था. अब जेपी नड्डा बिहार में 2014 से ज्यादा सीटें पार्टी को दिलाने के लिए नए सियासी समीकरण बुन रहे हैं.

Nitish Kumar पर अमित शाह की नरमी, लालू-तेजस्वी की बेचैनी के बीच अब जेपी नड्डा ने बनाया ये प्लान

Bihar Lok Sabha Election News: बिहार में सियासी गहमागहमी बनी हुई है. लोकसभा चुनावों की तारीखों के एलान से पहले गठबंधन और सीट शेयरिंग को लेकर आखिरी तस्वीर अब तक सामने नहीं आ पाई है. इसलिए कयासों और अटकलबाजी का दौर जारी है. बिहार का सियासी घटनाक्रम पल-पल तेजी से बदल रहा है. नीतीश कुमार पर अमित शाह की नरमी दिखी तो बिहार में महागठबंध की अगुवाई कर रही आरजेडी के नेताओं लालू-तेजस्वी की बेचैनी बढ़ गई है. मानो रूठने-मनाने का दौर जारी है. ऐसी खबरों के बीच बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बिहार की 40 सीटों को फतह करने का प्लान फाइनल करने बिहार दौरे पर जा रहे हैं. 

नड्डा के बिहार दौरे के मायने

राजनीतिक अटकलों के बीच बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बिहार दौरा हो रहा है. 30 जनवरी को जेपी नड्डा बिहार के कटिहार में एक जनसभा को संबोधित करेंगे. बिहार में जारी सियासी सरगर्मी के बीच जेपी नड्डा का यह दौरा कई मायनों में अहम बताया जा रहा है. जेपी नड्डा मिशन 2024 के तहत सीमांचल के मतदाताओं को साधने की कोशिश करेंगे. दरअसल बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं. सीमांचल में 4 सीटें- किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार और अररिया पड़ती हैं. इन सीटों पर हार-जीत का सीधा असर इसके साथ सटे बंगाल की सीटों पर भी देखने को मिलता है. ऐसे में यह चार सीटें बीजेपी ही नहीं हर राजनीतिक दल के लिए बड़ी खास हैं.

बिहार में ललन सिंह को पार्टी अध्यक्ष पक्ष से हटाकर नीतीश कुमार खुद पार्टी के अध्यक्ष बन कर ड्राइविंग सीट पर हैं. इसे लेकर भी अलग-अलग थ्योरी सामने आ रही हैं. हालांकि, इतना जरूर कहा जा सकता है, अब नीतीश कुमार जिस किसी के साथ भी डील करेंगे तो अपने हिसाब से करेंगे. यही वजह है कि अमित शाह की नीतीश पर नरमी के भी मायने निकाले जा रहे हैं.  

'2019 का रिकॉर्ड तोड़ना है'

सीमांचल की बात करें तो 2014 में जब 16वीं लोकसभा चुनावों के लिए नरेंद्र मोदी ने पीएम कैंडिडेट बनने के बाद चुनावी कैंपेन की शुरुआत की थी तो पहली बार बीजेपी अकेले अपने दम पर बहुमत में आई. 2014 के नतीजे देखें तो बिहार में भी एनडीए (NDA) का प्रदर्शन शानदार था. 2014 में बीजेपी 30 सीटों पर चुनाव लड़ी तो 22 सीटें जीत लीं. एलजेपी (LJP) 7 सीट पर लड़ी. उसने 6 पर जीत दर्ज की. कांग्रेस 12 सीट पर लड़ी केवल दो सीट जीती. जबकि 27 सीट पर लड़ने वाले आरजेडी (RJD) को चार सीट से संतोष करना पड़ा. जेडीयू (JDU) 38 सीट पर लड़ी तो उसे दो सीट पर जीत मिली.  

सीमांचल की बात करें तो 2014 में बीजेपी ने सीमांचल की किशनगंज सीट से कैंडिडेट उतारा था. लेकिन वहां बीजेपी कैंडिडेट की हार हुई. 2019 में किशनगंज सीट से जेडीयू लड़ी वहां उसे कांग्रेस से हार का सामना करना पड़ा. इस तरह बिहार से कांग्रेस को बस एक सीट मिली. 2019 बीजेपी-जेडीयू 17-17 सीटों पर लड़ी. BJP 17 तो JDU 16 सीट जीती. वहीं टूट से पहले लोकजनशक्ति पार्टी (LJP) 6 सीट पर लड़ी और सब जीती. इस तरह NDA ने बिहार की 40 सीटों में 39 जीत लीं.

बिहार के नेताओं के बयान सुनिये

बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के एक विज्ञापन की तस्वीर से तेजस्वी गायब है. नीतीश कुमार की तस्वीर के साथ विज्ञापन प्रकाशित इस विज्ञापन के बाद सियासत गरमा गई है. बताया जा रहा है कि आरजेडी के बयानों से नाराज नीतीश का बड़ा दांव चला है. वहीं दूसरी ओर बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने बड़ा ब्यान देते हुए कहा, 'JDU के लिए BJP का बंद दरवाजा खुल गया है. 2005 के पहले सभी बड़े JDU नेता BJP को पसंद करते हैं. वहीं 2005 के बाद JDU जुड़े नेता RJD को पसंद करते हैं. ऐसे में JDU जब चाहे भाजपा की सदस्यता ले सकती है.'

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