Lok Sabha Election: जगन की नवारत्नालू स्‍कीम, SCs के लिए केंद्र की कमेटी… दलितों को लुभाने की राजनीति समझिए
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Lok Sabha Election: जगन की नवारत्नालू स्‍कीम, SCs के लिए केंद्र की कमेटी… दलितों को लुभाने की राजनीति समझिए

Dalit Vote Bank Politics: आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में डॉ. बीआर आंबेडकर की बड़ी-बड़ी मूर्तियां स्थापित की गईं. केंद्र ने अनुसूचित जातियों के हितों की रक्षा के लिए समिति बनाई है. इन सबके पीछे दलित वोट बैंक को साधने की रणनीति है.

Lok Sabha Election: जगन की नवारत्नालू स्‍कीम, SCs के लिए केंद्र की कमेटी… दलितों को लुभाने की राजनीति समझिए

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले दलितों को रिझाने की सियासत ने जोर पकड़ा है. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना का ही उदाहरण लीजिए. आंध्र सीएम वाई एस जगन रेड्डी ने शुक्रवार को विजयवाड़ा में डॉ. बीआर आंबेडकर की 125 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया. इसे राज्य की अनुसूचित जाति (SC) आबादी का समर्थन हासिल करने की कोशिश के रूप देखा जा रहा है. पिछले साल अप्रैल में, तेलंगाना की तत्कालीन भारत राष्ट्र समिति (BRS) सरकार ने भी यही दांव चला था. तब हैदराबाद में डॉ. आंबेडकर की 125 फुट ऊंची प्रतिमा का उद्घाटन हुआ था. वह बात अलग रही कि BRS को विधानसभा चुनाव में इसका फायदा नहीं मिला और कांग्रेस जीत गई. बीजेपी भी SC वोट बैंक पर नजरें गड़ाए हैं. केंद्र सरकार ने SC समुदायों के हितों की रक्षा के लिए एक हाई लेवल कमेटी बनाई है. यह कमेटी यह सुनिश्चित करेगी कि हाशिए पर पड़ी जातियों तक भी सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचे.

लोकसभा चुनाव की घोषणा में अब ज्यादा देर नहीं है. ऐसे में सत्तारूढ़ पार्टियां चाहती हैं कि SC वोट उनकी तरफ आएं. आंध्र हो या तेलंगाना या फिर केंद्र, यह सारी कवायद वोटों के लिए मालूम होती है.

आंध्र हो या तेलंगाना, नजरें दलित वोट बैंक पर

आंध्र प्रदेश सरकार ने शुक्रवार से जाति आधारित सर्वे भी शुरू किया है. राज्य की आबादी में SC की हिस्सेदारी 19% है. मई 2019 के विधानसभा चुनाव में YSRCP की जीत में बड़ा फैक्‍टर दलितों का सपोर्ट था. पार्टी ने 151 सीटें जीती थीं. अब जगन के सामने दोहरी चुनौती है. एक ओर तेलुगू  देशम पार्टी (TDP) और जन सेना पार्टी ने गठबंधन कर लिया है. दूसरी तरफ, जगन की सगी बहन वाई एस शर्मिला ने कांग्रेस का हाथ थामा है. इस डबल चैलेंज से निपटने में जगन कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते.

TDP ने तमाम आंकड़े गिनाते हुए YSRCP सरकार पर हमले तेज किए हैं. TDP का दावा है कि अगड़ी जाति के YSRCP समर्थक दलितों को निशाना बना रहे हैं. बचाव में सामाजिक कल्‍याण मंत्री डी. नागार्जुन कहते हैं कि 'जगन दलित अधिकारों के ध्वजवाहक हैं. किसी और सीएम ने SCs, STs, BCs और अल्पसंख्यकों के लिए इतना नहीं किया, जितना जगन ने.' नागार्जुन ने कहा कि पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू ने वोटों के लिए दलितों का इस्तेमाल किया.

जगन ने आंबेडकर की मूर्ति का अनावरण करते हुए सीधे अनुसूचित जातियों का जिक्र नहीं किया, लेकिन 'नवारत्नालू' योजनाओं का जिक्र जरूर किया. 2019 में चुनाव प्रचार करते हुए YSRCP ने नौ कल्‍याण योजनाओं का वादा किया था. जून 2022 में, जगन सरकार ने नए बने कोनसीमा जिले का नाम बदलकर डॉ. बीआर आंबेडकर कोनसीमा जिला कर दिया था.

तेलंगाना सीएम रहते हुए केसीआर ने भी आंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया था. उस मौके पर आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर भी मौजूद थे. केसीआर ने सभी 119 विधानसभा सीटों से दलितों को बुलाया था. मूर्ति देखने तो तमाम लोग आए मगर वोटों में तब्दील नहीं हुए. तेलंगाना की आबादी में 18-19% दलित हैं.

SCs के लिए बनी केंद्रीय कमेटी क्‍या करेगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर SCs के लिए कमेटी बनी है. यह कमेटी अनुसूचित जातियों के भीतर हाशिए पर पड़े समुदायों (जैसे- मदीगा) को ऊपर उठाने के लिए कदमों की सिफारिश करेगी. कमेटी में गृह मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT), जनजातीय मामलों के मंत्रालय, कानूनी मामलों के विभाग और सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सचिव शामिल होंगे. कमेटी की पहली बैठक मंगलवार को प्रस्तावित है.

केंद्र को अनुसूचित जाति के सब-कैटेगराइजेशन के लिए आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक सहित कई राज्य सरकारों से आवेदन मिले हैं. वजह यह बताई गई कि जातियों को समान रूप से आरक्षण और वेलफेयर/डेवलपमेंटल योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. मामला कई अदालतों से होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की सात जजों वाली के सामने विचाराधीन है.

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