Lok Sabha Election Result: लोकसभा चुनाव के नतीजों ने बड़े-बड़े चुनावी पंडितों की आंखें खोल दी हैं. जिसकी उम्मीद की जा रही थी, वो होता नहीं दिख रहा. भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को बहुमत भले मिलता दिख रहा है लेकिन इंडिया अलायंस के प्रदर्शन ने कई सियासी जोड़-तोड़ के विकल्प को भी जन्म दे दिया है.
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Lok Sabha Election Result: लोकसभा चुनाव के नतीजों ने बड़े-बड़े चुनावी पंडितों की आंखें खोल दी हैं. जिसकी उम्मीद की जा रही थी, वो होता नहीं दिख रहा. भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को बहुमत भले मिलता दिख रहा है लेकिन इंडिया अलायंस के प्रदर्शन ने कई सियासी जोड़-तोड़ के विकल्प को भी जन्म दे दिया है. भाजपा को सरकार में बने रहने के लिए एनडीए के अन्य दलों को साधकर रखना होगा. ऐसे में नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू और चिराग पासवान जैसे बड़े नेताओं की पूछ जरूर बढ़ जाएगी.
भाजपा के दिग्गजों का दावा फेल
इस लोकसभा चुनाव में जीत का ताज भाजपा के सिर जरूर सजेगा लेकिन इसमें एनडीए में शामिल दलों की बड़ी भूमिका रहेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर अमित शाह और जेपी नड्डा ने 400 पार का दावा किया था. लेकिन नतीजे सामने आए तो भाजपा के सभी दिग्गजों के दावों की हवा निकल गई. इंडिया अलायंस ने उम्मीद से बढ़कर प्रदर्शन किया है. कहना गलत नहीं होगा कि विपक्षी दलों ने एक साथ मिलकर इंडिया अलायंस के बैनर के नीचे चुनाव लड़कर भाजपा को कड़ी टक्कर दी है.
अपने दम पर सरकार नहीं बना पाएगी भाजपा?
आने वाली सरकार के बारे में बात करें तो भाजपा अपने दम पर सरकार बनाती नहीं दिख रही. इस बीच चर्चाओं का बाजार गरम है कि भाजपा ने सहयोगी दलों की पूछ बढ़ा दी है. भाजपा भी समझ चुकी है कि अपने दम पर वह बहुमत से दूर है और ऐसे में सहयोगी दल को साधना बेहद जरूरी हो चुका है. सूत्रों की मानें तो भाजपा तो सहयोगी दलों से बात कर ही रही है साथ ही INDIA गठबंधन ने भी टीडीपी और जेडीयू से संपर्क करना शुरू कर दिया है.
चिराग-नीतीश-नायडू पर नजर?
नतीजों के लिहाज से बात करें तो आंध्रप्रदेश लोकसभा चुनाव में चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी को 16 सीटें मिल सकती हैं. बिहार में नीतीश कुमार की जेडीयू को 14 सीटें मिल रही हैं और बिहार में चिराग पासवान की पार्टी को पांच सीटों पर जीत मिलती दिखाई दे रही है. इन तीनों ही नेताओं ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है. अब केंद्र में एनडीए की सरकार बरकरार रखने के लिए भी इन तीनों दलों और तीनों ही नेताओं को भाजपा के साथ बने रहना होगा. अगर इनका झुकाव इंडिया अलायंस की तरफ हुआ तो केंद्र में एनडीए के लिए मुश्किल होना तय है.
कांग्रेस से आए नेता बिगाड़ सकते हैं खेल?
इतना ही नहीं लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के कई नेता भाजपा में शामिल हुए थे. इनमें से कई नेताओं को लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उम्मीदवार बनाया. इनमें से जीते हुए नेताओं पर भी कांग्रेस और इंडिया अलायंस की नजर जरूर होगी. भाजपा को इन नेताओं पर भी फोकस करना होगा. अगर इनका झुकाव कांग्रेस की तरफ फिर बढ़ता है तो भाजपा और एनडीए के लिए सत्ता की राह आसान नहीं होगी.