Haryana BJP JJP Alliance: राजनीति में कब कौन साथी बन जाए कब विरोधी, कहा नहीं जा सकता है. कल पीएम मोदी सीएम खट्टर की तारीफ कर रहे थे और दोपहर में उन्होंने इस्तीफा दे दिया. अब नए सीएम नायब सिंह (Nayab Singh) ने कमान संभाल ली है. लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने यह बड़ा दांव चला है. इससे जेजेपी से दूरी बना ली और सत्ता विरोधी नाराजगी को भी पाटने की कोशिश की है.
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PM Modi On Manohar Lal Khattar: मनोहर लाल खट्टर जी और मैं बहुत पुराने साथी हैं... कल गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेसवे के एक हिस्से का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी खूब तारीफ कर रहे थे. आज अचानक खट्टर का इस्तीफा हो गया. कुछ समय के लिए लोगों को भी समझ में नहीं आया कि हुआ क्या? बहुत चीजें दोपहर तक स्पष्ट नहीं हैं. सरकार में शामिल जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) की तरफ से औपचारिक तौर पर गठबंधन तोड़ने का ऐलान बाकी था, उससे पहले ही सीएम खट्टर राजभवन पहुंच गए.
खट्टर जी के पास मोटरसाइकिल थी...
हालांकि कल दोपहर का सीन बिल्कुल अलग था. कल पीएम हरियाणा के दौरे पर थे. उन्होंने गुरुग्राम में खट्टर की खूब तारीफ की थी. मंच पर सीएम खट्टर बैठे थे और पीएम ने बताया कि दरी पर सोने का जमाना था तब भी हम साथ में काम करते थे. यह सुनते ही खट्टर ने हाथ जोड़ लिए.
पीएम ने कहा कि मनोहर लाल जी के पास मोटरसाइकिल रहती थी. वो मोटरसाइकिल चलाते थे, मैं पीछे बैठता था. रोहतक से निकलता था और गुरुग्राम आकर रुकता था. ये हमारा लगातार हरियाणा का भ्रमण मोटरसाइकिल पर हुआ करता था. मुझे याद है उस समय गुरुग्राम में मोटरसाइकिल पर... रास्ते छोटे थे. इतनी दिक्कत होती थी. आज हमें खुशी हो रही है कि हम भी साथ हैं और आपका भविष्य भी साथ है. विकसित हरियाणा विकसित भारत के मूल मंत्र को हरियाणा की राज्य सरकार मनोहर जी के नेतृत्व में निरंतर सशक्त कर रही है.
पहले सांसद फिर 48 घंटे में खट्टर का इस्तीफा, हरियाणा में यह कैसा प्रयोग?
हालांकि आज दोपहर में सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इस्तीफा दे दिया. क्यों? इसका जवाब दोपहर तक यही सामने आया है कि सरकार में शामिल जेजेपी से छुटकारा पाने के लिए सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इस्तीफा दिया है. बताया जा रहा है कि जेजेपी लोकसभा सीटें मांग रही थी और भाजपा राज्य की सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ना चाह रही थी. कल दुष्यंत चौधरी भाजपा नेतृत्व से मिले भी थे.
कुछ रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि जेजेपी 1 या 2 सीटें चाह रही थी. विधानसभा में उसके 10 विधायक है. उसके अलग होने के बाद भी हरियाणा में भाजपा नए सिरे से सरकार बना लेगी. निर्दलीयों के समर्थन से उसे बहुमत हासिल करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी.