Madhubani Lok Sabha Election 2024: मधुबनी में भजपा प्रत्यासी अशोक यादव ने 553428 वोट प्राप्त कर दर्ज की जीत
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Madhubani Lok Sabha Election 2024: मधुबनी में भजपा प्रत्यासी अशोक यादव ने 553428 वोट प्राप्त कर दर्ज की जीत

Madhubani Lok Sabha Chunav Result 2024: इंडो-नेपाल बॉर्डर से सटे मधुबनी लोकसभा क्षेत्र में वोटरों की कुल संख्या 1,397,256 है. इनमें 755,812 पुरुष और 641,444  महिला मतदाता हैं. बिहार एनडीए में हुए सीट बंटवारे में यह मधुबनी लोकसभा सीट एक बार फिर भाजपा के खाते में है.

Madhubani Lok Sabha Election 2024: मधुबनी में भजपा प्रत्यासी अशोक यादव ने 553428 वोट प्राप्त कर दर्ज की जीत

Madhubani Lok Sabha Chunav Result 2024: देश के बाकी हिस्से की तरह उत्तर बिहार की मधुबनी लोकसभा सीट पर भी चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है. बिहार एनडीए में हुए सीट बंटवारे में यह मधुबनी लोकसभा सीट एक बार फिर भाजपा के खाते में है. इस सीट से 5 बार के सांसद रह चुके हुकुमदेव नारायण यादव के बेटे भाजपा नेता अशोक यादव मधुबनी के निवर्तमान सांसद हैं.

मधुबनी और दरभंगा दो जिलों में लोकसभा क्षेत्र का विस्तार

बिहार के उत्तरी भाग में स्थित मधुबनी लोकसभा क्षेत्र का विस्तार मधुबनी और दरभंगा दो जिलों में है. 1976 से पहले यह जयनगर लोकसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता था. यहां की पेंटिंग दुनिया भर में प्रसिद्ध है. इसके अलावा तालाब, मछली, मखाना और पान यहां की खास पहचान है. मधुबनी लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीट हरलाखी, बेनीपट्टी, बिस्फी, मधुबनी, जाले और केवटी शामिल हैं. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजे के मुताबिक मधुबनी लोकसभा क्षेत्र की कुल 6 विधानसभा सीटों में 4 भाजपा के पास, 1 जदयू और 1 राजद के पास है.

नेपाल बॉर्डर से जुड़ती है सीमाएं, 1282 है जनसंख्या का घनत्व 

भक्ति परंपरा के लेखक और 'मैथिल कवि कोकिल' विद्यापति ठाकुर का जन्म यहीं हुआ है. कहा जाता है कि विद्यापति की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने वेष बदलकर उनके घर चाकरी की थी. मधुबनी को महाकवि कालिदास की ज्ञानस्थली के रूप में भी जाना जाता है. 

जनगणना 2011 के आंकड़ों के मुताबिक, जनसंख्या का घनत्व 1,282 है. औसत साक्षरता 58.26 फीसदी है. इंडो-नेपाल बॉर्डर इस लोकसभा क्षेत्र से सटा है. इस लोकसभा क्षेत्र में वोटरों की कुल संख्या 1,397,256 है. इनमें 755,812 पुरुष और 641,444  महिला मतदाता हैं. 

5 बार सांसद रह चुके हैं बीजेपी नेता हुकुमदेव नारायण यादव

कभी कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट पर कई वर्षों से बीजेपी का कब्‍जा है.  इस क्षेत्र से सात बार कांग्रेस ने भी प्रतिनिधित्व किया है. तीन बार भाकपा और एक-एक बार प्रजातांत्रिक सोशलिस्ट पार्टी, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी और भारतीय लोकदल के सांसद भी चुने जा चुके हैं. मिथिला संस्कृति का केंद्र मानी जाने वाली इस लोकसभा सीट से भाजपा के बड़े नेता हुकुमदेव नारायण 5 बार सांसद रह चुके हैं. हुकुमदेव नारायण यादव को 1977 में जनता पार्टी से, 1980 में लोक दल से 1999, 2009 और 2014 में भाजपा से मधुबनी की जनता ने संसद में भेजा. 

लोकसभा चुनाव 2024 में पांचवें चरण में 20 मई को मतदान किया जाएगा. राजनीतिक पार्टियां भी जातिगत समीकरणों के हिसाब से अपने उम्मीदवार तय करने लग गई हैं.  जदयू के राष्ट्रीय महासचिव अली अशरफ फातमी ने इस्तीफा देने के बाद राजद जॉइन करने के संकेत दिए हैं. वह मधुबनी से लोकसभा का चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं.

मधुबनी लोकसभा सीट पर ब्राह्मणों का वर्चस्व

इस सीट पर ब्राह्मणों की जनसंख्या सबसे ज्यादा है. 2019 के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों के अनुसार, इस सीट पर करीब 2 लाख 70 हजार ब्राह्मण हैं. यादव करीब 2 लाख 35 हजार, मुस्लिम करीब 2 लाख 15 हजार, अति पिछड़ा करीब 6 लाख 10 हजार, दलित करीब 2 लाख, कोइरी करीब 1 लाख 10 हजार हैं. 1976 में मधुबनी लोकसभा सीट के अस्तित्व में आने के बाद से लोकसभा चुनाव 2019 तक 13 बार हुए लोकसभा चुनाव में 4-4 बार ओबीसी वर्ग और मुस्लिम वर्ग के नेता सांसद चुने गए. ब्राह्मण जाति के उम्मीदवार की जीत तीन बार हुई है. 

क्या है मधुबनी का मौजूदा सियासी समीकरण? 

मधुबनी पहले वामपंथियों का गढ़ हुआ करता था. इसके बाद यह क्षेत्र कांग्रेस के कब्जे में रहा. 1976 के बाद जब यह सीट मधुबनी के नाम से सामने आई, तो कई चुनावों में भाजपा ने अपनी पकड़ बनाई. भाजपा अपने मौजूदा सांसद अशोक यादव पर फिर से भरोसा जता सकती है. अशोक यादव को भाजपा से फिर से टिकट मिलने की संभावना है. हालांकि, चेहरा बदले जाने की भी अटकलें लगाई जा रही है. विपक्षी गठबंधन से राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी और गुलाब यादव चुनाव मैदान में दावा ठोंक सकते हैं.

1976 में पुनर्गठन से पहले, मधुबनी लोकसभा सीट जिसमें जिला मुख्यालय सहित मधुबनी जिले का पूर्वी भाग शामिल था के सांसदों की सूची इस तरह है.

1952: अनिरुद्ध सिन्हा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (दरभंगा पूर्व सीट)
1957: अनिरुद्ध सिन्हा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1962: योगेंद्र झा, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी
1967: शिवचंद्र झा, संयुक्ता सोशलिस्ट पार्टी
1971: जगन्नाथ मिश्रा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

1976 में पुनर्गठन के बाद मधुबनी सीट जिसमें मधुबनी जिले का पश्चिमी हिस्सा शामिल था और पहले जयनगर लोकसभा क्षेत्र के रूप में जाना जाता था (जिले का पूर्वी निर्वाचन क्षेत्र 1976 में झंझारपुर के नाम से जाना जाता था) के लिए चुने गए सांसद.

1957: श्याम नंदन मिश्रा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (जयनगर सीट के रूप में)
1962: यमुना प्रसाद मंडल, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (जयनगर सीट के रूप में)
1967: भोगेन्द्र झा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (जयनगर सीट के रूप में)
1971: भोगेन्द्र झा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (जयनगर सीट के रूप में)
1977: चौधरी हुकमदेव नारायण यादव, जनता पार्टी
1980 जनवरी: शफ़ीकुल्ला अंसारी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, आम चुनाव; श्री शफीकुल्ला अंसारी का चार महीने के आम चुनाव के बाद निधन हो गया था.
1980 मई: भोगेन्द्र झा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उपचुनाव
1984: मौलाना अब्दुल हन्नान अंसारी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1989: भोगेन्द्र झा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
1991: भोगेन्द्र झा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
1996: चतुरानन मिश्र, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
1998: शकील अहमद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1999: चौधरी हुकमदेव नारायण यादव, भारतीय जनता पार्टी
2004: शकील अहमद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2009: चौधरी हुकमदेव नारायण यादव, भारतीय जनता पार्टी
2014: चौधरी हुकमदेव नारायण यादव, भारतीय जनता पार्टी
2019: अशोक कुमार यादव, भारतीय जनता पार्टी

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