Misa Bharti Vs Ramkripal Yadav: बिहार में पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पर इस बार भी चाचा- भतीजी यानी मीसा भारती और रामकृपाल यादव के बीच लगातार तीसरी बार टक्कर होने जा रही है. पिछले दोनों चुनावों में मीसा भारती को हार झेलनी पड़ी है.
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Patliputra Lok Sabha Chunav 2024: बिहार की पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पर इस बार भी लड़ाई बेहद दिलचस्प रहने वाली है. इस सीट पर तीसरी बार चाचा और भतीजी आमने सामने हैं. आरजेडी की तरफ से लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती चुनावी मैदान में है और उनकी टक्कर दो बार के BJP सांसद रामकृपाल यादव से हैं. मगध साम्राज्य की राजधानी रही पाटलिपुत्र आज भले ही पटना के नाम से जानी जाती हो. लेकिन यहां एक लोकसभा क्षेत्र आज भी पाटलिपुत्र के नाम से है. इस लोकसभा सीट पर हमेशा से BJP और RJD के बीच सीधी टक्कर होती रही है. इस बार भी यहां दोनों पार्टियों में कड़े मुकाबले की उम्मीद है.
लालू ने लगातार तीसरी बार बनाया मीसा को कैंडिडेट
एक तरफ़ जहां बीजेपी ने इस सीट से पिछले दो बार से सांसद रहे रामकृपाल यादव पर फिर से भरोसा जताया है. वहीं आरजेडी ने लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती को लगातार तीसरी बार उम्मीदवार बनाया है. पाटलिपुत्र सीट पर चाचा और भतीजी के ये लड़ाई सिर्फ राजनीतिक नहीं है बल्कि प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है.
असल में 2014 के चुनाव में लालू यादव ने मीसा भारती को पाटलिपुत्र सीट से चुनाव मैदान में उतारा था. लालू के फैसले से रामकृपाल यादव बागी हो गए. उन्होंने ना केवल बीजेपी के टिकट पर मीसा के खिलाफ चुनाव लड़ा बल्कि मीसा को पटखनी भी दी.
मीसा के रोड शोज में उमड़ रही लोगों की भीड़
मासी भारती इस बार चाचा रामकृपाल को हराने के लिए पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र में लगातार जनसंपर्क अभियान और रोड शो कर खूब मेहनत कर रही हैं. रोड शो के दौरान मीसा जिधर से गुजरती हैं, वहां सड़कें जाम हो जा रही हैं. उनके कार्यक्रमों में लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है. चुनाव प्रचार के दौरान मिल रहे भारी जनसमर्थन से उत्साहित मीसा भारी अपने विरोधियों पर हमला करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रही है.
मीसा भारती चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी और रामकृपाल यादव पर हमला बोला तो चाचा रामकृपाल यादव भी कहां चुप रहने वाले थे. उन्होंने आरजेडी पर पलटवार किया. मीसा भारती और रामकृपाल यादव दोनों अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं..लेकिन इलाक़े की जनता इनके बारे में क्या सोचती है, ये रिजल्ट वाले दिन ही पता चल पाएगा.
पाटलिपुत्र में क्या है जातीय समीकरण
पाटलिपुत्र लोकसभा सीट को यादवों का गढ़ माना जाता है. हालांकि यहां भूमिहार, राजपूत और मुस्लिम समुदाय की भी अच्छी खासी भागीदारी है. पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में यादवों की आबादी 24 प्रतिशत है. जबकि भूमिहार 10 फीसदी, मुस्लिम 8 फीसदी और 6 फीसदी पासवान वोट हैं. वहीं राजपूत मतदाताओं का प्रतिशत 4 है. पाटलिपुत्र में 5 फीसदी रविदास और 2 प्रतिशत ब्राह्मण वोटर हैं.
पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पर एक जून को सातवें व अंतिम चरण में चुनाव होना है. मतदान से पहले मीसा भारती और रामकृपाल यादव दोनों ही अपनी जीत का दावा कर रहे है. लेकिन पाटलिपुत्र की जनता इस बार किसे अपना सांसद चुनेगी. ये तो 4 जून को ही पता चल पाएगा. तब तक दोनों उम्मीदवारों को कड़ी धूप में पसीना बहाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
(रिपोर्ट प्रशांत झा)