Maharashtra Election: महाराष्ट्र चुनाव में मुसलमानों के वोट पाने के लिए 'SECRET GAMES', 400 NGO पर चुनाव आयोग की नजर
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Maharashtra Election: महाराष्ट्र चुनाव में मुसलमानों के वोट पाने के लिए 'SECRET GAMES', 400 NGO पर चुनाव आयोग की नजर

Maharashtra Muslim Vote: महाराष्ट्र में चुनावी दौर में एक बड़ा खुलासा सामने आया है. 400 से ज्यादा एनजीओ मुसलमानों को महा विकास अघाड़ी के पक्ष में प्रभावित करने के उद्देश्य से सक्रिय हैं.

Maharashtra Election: महाराष्ट्र चुनाव में मुसलमानों के वोट पाने के लिए 'SECRET GAMES', 400 NGO पर चुनाव आयोग की नजर

Maharashtra Muslim Vote: महाराष्ट्र में चुनावी दौर में एक बड़ा खुलासा सामने आया है. 400 से ज्यादा एनजीओ मुसलमानों को महा विकास अघाड़ी के पक्ष में प्रभावित करने के उद्देश्य से सक्रिय हैं. इन एनजीओ के माध्यम से मुस्लिम बहुल इलाकों में पर्चे बांटने, संदेश देने और वोटों को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है. इस खुलासे के बाद चुनाव आयोग ने जांच का आदेश दिया है और अब यह मामला महाराष्ट्र चुनाव की राजनीति में हड़कंप मचाए हुए है.

एनजीओ द्वारा मुस्लिम वोटबैंक को प्रभावित करने का प्रयास

DNA की एक रिपोर्ट में दिखाए गए दस्तावेजों से पता चला कि महाराष्ट्र के कई एनजीओ मुसलमानों को महा विकास अघाड़ी के पक्ष में मतदान के लिए प्रेरित कर रहे थे. इन दस्तावेजों के आधार पर खुलासा हुआ कि मुस्लिम समुदाय में एनजीओ के जरिए कई प्रकार के प्रचार अभियान चलाए जा रहे थे. इन पर्चों में विभिन्न मुद्दों के बहाने से मुस्लिम मतदाताओं को एक विशेष दिशा में वोट करने के लिए उकसाया जा रहा था.

चुनाव आयोग ने दिए जांच के आदेश

जब DNA में इस खबर का खुलासा हुआ, तो महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने संज्ञान लेते हुए इन एनजीओ के खिलाफ जांच के आदेश दिए. यह आदेश इस बात का संकेत है कि चुनावी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का बाहरी दबाव या ग़लत प्रभाव स्वीकार्य नहीं है. इस जांच के लिए मुंबई के कलेक्टर को ज़िम्मेदारी सौंपी गई है, जो इस पर गहराई से नज़र रखेंगे और रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजेंगे.

मुस्लिम बहुल इलाकों में पर्चों का बंटवारा

खबर के अनुसार, मुस्लिम बहुल इलाकों में पर्चे बांटे जा रहे थे, जिनमें समुदाय के लोगों को चेतावनी दी जा रही थी. इन पर्चों में भावनात्मक मुद्दों को उठाया गया, जैसे CAA और NRC का विरोध, शरीयत में दखल, हिजाब पर प्रतिबंध, और बुलडोजर कार्रवाई. इन सवालों को उठाकर मुस्लिम वोटरों को भावनात्मक रूप से प्रभावित करने की कोशिश की गई.

मराठी मुस्लिम सेवा मंच के दफ्तर पर ताला

DNA की टीम जब कथित एनजीओ मराठी मुस्लिम सेवा मंच के दफ्तर पहुंची तो दफ्तर बंद था. स्थानीय लोगों ने बताया कि अक्सर यहां पर लोगों की भीड़ रहती थी. इसी बीच, मराठी मुस्लिम सेवा मंच के अध्यक्ष फकीर मोहम्मद का वीडियो सामने आया, जिसमें उन्होंने मुस्लिम समाज से संपर्क साधने की बात को स्वीकारा.

लोकसभा चुनाव में भी एनजीओ की सक्रियता

DNA की तफ्तीश से यह बात भी सामने आई कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी ये एनजीओ सक्रिय थे और मुस्लिम समुदाय को एक पक्ष की ओर आकर्षित करने का प्रयास कर रहे थे. इस तरह की गतिविधियों के कारण इस बार विधानसभा चुनाव में भी ऐसी आशंका जताई जा रही है कि ये संगठन मुस्लिम मतदाताओं को किसी खास राजनीतिक दल के पक्ष में भड़काने की कोशिश कर रहे हैं.

उलेमा बोर्ड की महा विकास अघाड़ी को शर्तें

इसके अलावा, ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने महा विकास अघाड़ी को समर्थन देने की बात कही है, परंतु इसके साथ कुछ शर्तें भी रखी हैं. इनमें वक्फ बोर्ड को एक हजार करोड़ की सहायता, 10% मुस्लिम आरक्षण, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध और कुछ अन्य मांगे शामिल हैं. इस शर्तों के साथ महा विकास अघाड़ी को समर्थन देने का प्रस्ताव दिया गया है.

राजनीति या वोटबैंक का खेल?

यह पूरी घटना महाराष्ट्र की चुनावी राजनीति में एक गंभीर सवाल खड़ा करती है – क्या एनजीओ और धार्मिक संगठनों के जरिए समुदाय विशेष को वोट देने के लिए भड़काना एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है, या फिर यह वोटबैंक राजनीति का हिस्सा है? इन खुलासों के बाद अब सभी दल अपने-अपने तर्क दे रहे हैं, लेकिन इससे आने वाले चुनावों पर असर पड़ सकता है.

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