Amitabh Bachchan Film: अमिताभ बच्चन के न केवल व्यक्तित्व को लेकर फिल्मों में खूब प्रयोग हुए, बल्कि निर्देशक आर बाल्की ने तो उनके नाम के ही साथ पर्दे पर खेल कर दिया. दो कलाकारों का नाम मिलाकर, शमिताभ रख दिया और बना दी फिल्म. रोचक आइडिये के बावजूद फिल्म नहीं चली. लोगों को कहानी में विश्वास नहीं हुआ.
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Dhanush Bollywood Film: शमिताभ 2015 में आई ऐसी फिल्म थी जो एक रोचक स्टारकास्ट के बावजूद फ्लॉप हो गई. फिल्म के डायरेक्टर आर. बाल्की थे, जो इससे पहले चीनी कम तथा पा जैसी फिल्में डायरेक्ट तथा इंग्लिश विंग्लिश जैसी फिल्म प्रोड्यूस कर चुके थे. अमिताभ बच्चन तथा रजनीकांत के दामाद धनुष जैसे उम्दा कलाकार फिल्म में मौजूद थे. कमल हासन तथा सारिका जैसे दिग्गज कलाकारों की बेटी अक्षरा हासन भी फिल्म में मौजूद थीं. अक्षरा की यह पहली फिल्म थी. लेकिन अपनी पहली फिल्म से न तो अक्षरा ने और न ही शमिताभ ने दर्शकों पर अपनी छाप छोड़ी. फिल्म डिजास्टर साबित हुई. 45 करोड़ में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सिर्फ 37 करोड़ की कमाई की.
टकराव अहम का
शमिताभ का नाम धनुष (Dhanush) के श (Sh) और अमिताभ (Amitabh) के नाम को जोड़कर रखा गया था. फिल्म दानिश (धनुष) नाम के ऐसे गूंगे लड़के की कहानी थी, जिसे फिल्मों में हीरो बनना है. उसकी मां अपने बेटे के इस सपने से परेशान है क्योंकि उसे पता है कि यह सपना कभी पूरा नहीं हो सकता. दानिश की मुलाकात अक्षरा (अक्षरा हासन) से होती है, जो फिल्मों में असिस्टेंट डायरेक्टर (एडी) रहती है. दानिश में उसे प्रतिभा नजर आती है. तकनीक की मदद से वह दानिश को इस काबिल बनाती है कि वह किसी और की आवाज अपने मुंह से निकाल सके. अक्षरा और धनुष को अब ऐसी दमदार आवाज की तलाश रहती है, जो धनुश को आवाज दे सके. उनकी मुलाकात ऐसे कुंठित, सनकी और शराबी बूढ़े अमिताभ सिन्हा (अमिताभ बच्चन) से होती है, जो खुद 40 साल पहले हीरो बनने आया था. पर उसकी आवाज के चलते उसे काम नहीं मिला. अब दानिश के चेहरे और अमिताभ की आवाज का मेल किया जाता है. दानिश बन जाता है, सुपरस्टार. लेकिन फिर फिल्म में दानिश तथा अमिताभ के अहं के टकराव को दिखाया गया था.
कहानी में भरोसा कम
फिल्म के फ्लॉप होने की सबसे बड़ी वजह इसमें मनोरंजन की कमी थी. बॉलीवुड फिल्म देखने वालों को फिल्म में मसाला चाहिए, जो शमिताभ में मौजूद नहीं था. फिल्म का कॉन्सेप्ट दर्शकों को विश्वसनीय नहीं लगा. आवाज और अभिनय के जिस मेल को तकनीक के द्वारा फिल्म में दिखाया गया, वह दर्शकों के गले नहीं उतरा. फिल्म का आइडिया लीक से हटकर था, लेकिन उसे ठीक तरह से कार्यान्वित नहीं किया गया. सिर्फ एक विचार था, जिसको ताना बाना देकर फिल्म की कहानी रची गई. यह सही है कि आर बाल्की अलग तरह का सिनेमा बनाने के लिए जाने जाते हैं. लेकिन शमिताभ में वह असफल रहे.
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