Harshvardhan Kapoor: अनिल कपूर की बेटी सोनम कपूर का करियर लड़खड़ाता हुआ आगे बढ़ता रहा. कुछ साल पहले उनके बेटे हर्षवर्द्धन को स्टार डायरेक्टर ने लव स्टोरी के साथ लॉन्च किया. मगर बात बनना तो दूर, लोगों ने फिल्म ही सिरे से रिजेक्ट कर दी. इसके बाद छह साल से हर्षवर्द्धन का स्ट्रगल जारी है.
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Rakeysh Omprakash Mehra Film: जब राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने 2016 में मिर्जिया बनाई थी तो उनका मानना था कि यह फिल्म भी उनकी रंग दे बसंती की तरह बड़ी हिट होगी. फिल्म में दो कहानियां समानांतर चलती हैं, रंग दे बसंती की तरह. एक कहानी वर्षों पुरानी है जिसमें दो प्रेमियों मिर्जा-साहिबा के प्रेम के खिलाफ जमाना है. दूसरी आज के दौर में आदिल-सूची के प्रेम की कहानी है. हालात आज भी वही हैं. ऐसा ही प्रयोग मेहरा ने रंग दे बसंती में भी किया था. रंग दे बसंती में राकेश ने दिखाया था कि कैसे आज का युवा, सिस्टम से परेशान होकर उसके खिलाफ आवाज उठाता है जैसा कि देश के शूरवीरों ने अंग्रेजों से आजादी हासिल करने के लिए किया था. लेकिन रंग दे बसंती के विपरीत राकेश ओमप्रकाश मेहरा का यह एक्सपेरिमेंट फेल हो गया. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर डिजास्टर साबित हुई.
मिर्जा साहिबा की लोककथा
मिर्जिया, मिर्जा साहिबा की लोककथा से प्रेरित कहानी थी. मेहरा ने अपनी इस फिल्म से दो नए स्टार्स को लॉन्च किया था. पहले थे अनिल कपूर के बेटे हर्षवर्द्धन कपूर. दूसरी थी संयमी खेर. उनकी मां पूर्व इंडिया थी और दादी गुजरे जमाने की फिल्म एक्ट्रेस, ऊषा किरण. एक्ट्रेस तन्वी आजमी उनकी सगी बुआ हैं. संयमी स्टेट लेवल बैडमिंटन तथा क्रिकेट प्लेयर थी. दर्शकों को न तो मिर्जिया की कहानी पसंद आई और न ही दोनों एक्टर्स की एक्टिंग. फिल्म इतनी बड़ी डिजास्टर साबित हुई कि अपनी लागत का लगभग एक तिहाई ही निकाल पाई. साढ़े चार करोड़ में बनी यह फिल्म सिर्फ 1 करोड़ 35 लाख ही कमा पाई. जबकि फिल्म गुलजार जैसे राइटर ने लिखी थी.
खूबसूरत शूटिंग मगर...
मिर्जिया फ्लॉप होने के कई कारण थे. सबसे पहला तो यह कि फिल्म की कहानी काफी कमजोर थी. फिल्म को भव्य तरीके से बनाया गया, काफी खूबसूरत तरीके से शूट किया गया लेकिन मजबूत कहानी के अभाव में फिल्म दर्शकों को बांधकर न रख सकी. एक्टर्स दर्शकों पर अपनी एक्टिंग का कोई प्रभाव नहीं छोड़ सकी. दर्शकों को उम्मीद थी कि अनिल कपूर की ही तरह उनके बेटे भी एक्टिंग की दुनिया में अपनी छाप छोड़ेंगे, लेकिन उन्हें हर्षवर्द्धन में अनिल का अ भी नजर नहीं आया. रंग दे बसंती, दिल्ली 6 तथा भाग मिल्खा भाग जैसी फिल्म दे चुके राकेश ओमप्रकाश मेहरा तीन साल के लंबे अंतराल के बाद मिर्जिया लेकर आए थे. ऐसे में दर्शकों को इस फिल्म से काफी उम्मीदें थीं. लेकिन फिल्म की कई कमजोरियों ने दर्शकों की सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया.
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