Dev Anand Film: देव आनंद की महत्वाकांक्षा थी कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिल्में बनाएं. उनका स्टारडम विदेश में फैले. यही वजह थी कि उन्होंने गाइड को भारत और दुनिया के बाजार के लिए अलग-अलग हिंदी-अंग्रेजी में बनाया. इसके बाद उन्होंने एक इंटरनेशल फिल्म भी की. परंतु वह भारत में ही रिलीज नहीं हो सकी.
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Dev Anand Zeenat Aman: देव आनंद हमेशा साफ-सुथरी फिल्मों के लिए जाने जाते रहे हैं. उनकी फिल्मों में समाज के लिए संदेश भी हमेशा रहा. भले ही उन्होंने गाइड (1965) जैसी अपने समय से आगे की फिल्म बनाई, लेकिन उसके क्लाइमेक्स ने लोगों का दिल जीत लिया और फिल्म आज क्लासिक (Classic) कहलाती है. लेकिन देव आनंद के हिस्से में एक ऐसी भी फिल्म है, जिसमें उनकी इमेज के विपरीत एडल्ट सीन (Adult Scene) थे और खास बात यह कि ये फिल्म इंडिया (India) में रिलीज तक नहीं हो सकी. इस फिल्म का नाम था, द ईविल विदिन (The Evil Within). असल में यह देव आनंद का इंटरनेशनल प्रोजेक्ट (International Project) थी, जो 1970 में बनी थी. इस फिल्म का निर्माण अमेरिकी प्रोड्यूसर रॉल्फ बेयर ने किया था और निर्देशक थे, लैंबर्टो वी. एवेलना.
पासपोर्ट टू डेंजर
द ईविल विदिन असल में एक इंडो-फिलीपनी फिल्म थी, जिसकी कहानी भारत में थी. मगर इसमें इंटरनेशल कास्ट और क्रू थे. निर्माता-निर्देशक के अतिरिक्त फिल्म में वियतनामी एक्ट्रेस किऊ चिन मुख्य भूमिका में थीं. देव आनंद फिल्म के हीरो थे और जीनत अमान (Zeenat Aman) भी इस फिल्म में एक अहम भूमिका निभा रही थीं. देव आनंद और जीनत अमान पहली बार इस फिल्में साथ आए थे. इसके बाद देव आनंद ने इस एक्ट्रेस को इंडिया में अगले साल 1971 में हरे रामा हरे कृष्णा (Hare Rama Hare Krishna) में हिंदी फिल्मों में लॉन्च किया था. फिल्म में प्रेमनाथ, इफ्तिखार, जगदीश राज और शेट्टी जैसे हिंदी के एक्टर थे. करण जौहर (Karan Johar) के पिता यश जौहर इस फिल्म में प्रोडक्शन कंट्रोलर थे. फिल्म की शूटिंग राजस्थान (Rajasthan) के रेगिस्तान और किलों में हुई थी. खास तौर पर जयपुर (Jaipur) और बीकानेर (Bikaner) में. अंग्रेजी में बनी यह फिल्म फिलीपींस में फिलीपीनी भाषा में डब होकर पासपोर्ट टू डेंजर (Passport To Danger) नाम से रिलीज हुई.
समलैंगिक प्यार और लिप-लॉक
देव आनंद की यह महत्वाकांक्षी फिल्म फ्लॉप रही. हॉलीवुड (Hollywood) के स्टूडियो ट्वेंटिएथ फॉक्स सेंचुरी ने इसके ड्रिस्ट्रीब्यूशन का काम संभाला मगर फिलीपींस के अलावा फिल्म कहीं नहीं लग पाई. भारत में सेंसर बोर्ड ने इसे प्रमाणपत्र देने से मना कर दिया. इसकी मुख्य वजह बताई गई, कहानी. कहानी भारत में अफीम के कारोबार की बात करती थी. फिल्म में दिखाया गया कि मुख्य विलेन राजस्थान में बैठकर अंतरराष्ट्रीय तस्करों से अफील की डीलिंग करता है. इसके अलावा दो और कारण थे, जिनकी वजह से फिल्म को रिलीज करने की इजाजत नहीं दी गई. फिल्म में अभिनेत्रियों, किऊ चिन और टीटा मुनोज पर एक समलैंगिक प्यार का एक सीन था. वहीं देव आनंद और किऊ चिन का भी एक लिप-लॉक का सीन था. इन पर भी सेंसर को आपत्ति थी. 1970 में यह दृश्य बेहद आपत्तिजनकर माने जाते थे और ऐसी फिल्मों के सार्वजनिक प्रदर्शन की अनुमति नहीं थी. नतीजा यह कि फिल्म भारत में रिलीज नहीं हुई. हालांकि आज यह फिल्म यूट्यूब (YouTube) पर उपलब्ध है.
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