Nana Patekar Film: टीवी पर ऐसी लोकप्रिय फिल्मों की बात करें जो बार-बार दिखाई जाती हैं, तो अमिताभ बच्चन की सूर्यवंशम नहीं बल्कि नाना पाटेकर स्टारर तिरंगा भी है. फिल्म में नाना और राजकुमार जैसे एक्टर थे, जिनके तेवरों से इंडस्ट्री में सब डरत थे. आखिर कैसे दोनों ने साथ में तिरंगा में काम किया, जानिए...
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Rajkumar Film: हिंदी फिल्मों में जब ऐसे एक्टरों की बात आती है कि जिनके साथ काम करने से पहले हर कोई दो बार सोचेगा, तो राजकुमार और नाना पाटेकर को जरूर याद किया जाता है. लेकिन एक ऐसी यादगार फिल्म है, जिसमें इन दोनों सितारों ने न केवल साथ काम किया, बल्कि उसे बॉक्स ऑफस पर हिट भी बनाया. 1993 में 29 जनवरी को रिलीज हुई इस फिल्म को अब तीस साल हो रहे हैं. रिलीज के बाद से कोई साल शायद ही ऐसा बीता हो, जब टीवी पर स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर यह फिल्म न दिखाई जाती हो. आज भी यह फिल्म जबर्दस्त रूप से लोकप्रिय है. ब्रिगेडियर सूर्यदेव सिंह बने राजकुमार और इंस्पेक्टर शिवाजीराव वागले के साथ-साथ फिल्म के विलेन प्रलयनाथ गुंडास्वामी बने दीपक शिर्के हिंदी सिनेमा के दर्शकों के याद में बने हुए हैं.
चाहे रहे फिल्म अधूरी
निर्देशक मेहुल कुमार ने जब नाना पाटेकर को फिल्म ऑफर की थी तो उन्होंने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि वह कॉमर्शियल फिल्में नहीं करते. परंतु जब मेहुल ने उनसे कहा कि एक बार स्क्रिप्ट सुन लें, तो वह राजी हो गए. स्क्रिप्ट में उनके हिस्से में केवल 14 सीन थे. स्क्रिप्ट नरेशन के बाद जब नाना को पता चला कि फिल्म में राजकुमार भी रहेंगे तो एक बार फिर उन्होंने इंकार कर दिया कि वह राजकुमार के साथ काम नहीं करना चाहते क्योंकि दोनों का स्वभाव मेल नहीं खाएगा. मगर मेहुल ने उन्हें जैसे-तैसे मनाया तो अंततः उन्होंने शर्त रखी कि फिल्म में उनके एक भी सीन पर कैंची नहीं चलेगी. साथ ही नाना ने मेहुल कुमार को चेतावनी दी कि अगर राजकुमार ने उनके काम या शूटिंग में दखल दिया तो वह तत्काल फिल्म छोड़ देंगे, चाहे फिल्म अधूरी रह जाए. मेहुल कुमार ने सारी शर्तें मान ली.
राजकुमार ने दिया भरोसा
उधर, जब राजकुमार को पता चला कि नाना पाटेकर फिल्म में हैं तो वह नाराज हो गए. उन्होंने मेहुल कुमार से कहा कि नाना का गुस्सा तेज है और वह सैट पर चिल्लाते तथा गाली-गलौच करते हैं. तब मेहुल कुमार ने कहा कि वह बढ़िया आदमी हैं और थोड़ा गुस्सा जरूर उन्हें आता है. साथ ही उन्होंने राजकुमार को नाना की शर्त बताई कि अगर उन्होंने शूटिंग के दौरान दखलंदाजी की, तो वह फिल्म बीच में ही छोड़ देंगे. राजकुमार ने मेहुल कुमार को भरोसा दिलाया कि उनकी तरफ से कोई समस्या नहीं होगी. खैर, शूटिंग शुरू हुई. शुरुआत में तो दोनों एक्टर सीन करके अपने-अपने कमरों में चले जाते थे, मगर बाद में एक-दूसरे को समझने लगे और शूटिंग खत्म होते-होते दोस्त बन गए. दोस्ती इतनी बढ़ी कि वे लंच पर एक-दूसरे के लिए टिफिन भी घर से लाने लगे.
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