नई दिल्ली: आईसीसी वनडे विश्व कप में टीम इंडिया का पहला अभ्यास मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ शनिवार को शुरू हो रहा है. टीम इस मुकाबले के लिए पूरी तरह से तैयार है. टीम की इस समय सबसे बड़ी ताकत गेंदबाजी है. बताया जा रहा है कि इंग्लैंड की पिच के मिजाज को देखते हुए स्पिनर्स की भूमिका इस विश्व कप में अहम होगी. दो महीने पहले ही भारतीय स्पिनर्स का का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा था. इसी के बारे में टीम इंडिया के प्रमुख स्पिनर युजवेंद्र चहल का कहना है कि इसे गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है. 


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इस सीरीज में नहीं चले थे टीम इंडिया के स्पिनर्स
 ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने भारत के खिलाफ इस वनडे सीरीज में स्पिनर्स के खिलाफ आक्रामक रूख अपनाया लेकिन युजवेन्द्र चहल को लगता है कि एक खराब सीरीज के कारण विश्व कप में उनके और कुलदीप यादव के प्रदर्शन पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. न्यूजीलैंड में अच्छे प्रदर्शन के बाद चहल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिर्फ एक मैच खेल सके. खराब क्षेत्ररक्षण के कारण किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया और फिर एश्टोन टर्नर ने उनके खिलाफ बड़े शाट लगाए. 


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क्या कहा चहल ने
चहल ने इंग्लैंड जाने से पहले कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि हमें ऑस्ट्रेलिया सीरीज को लेकर बहुत अधिक चिंता करने की आवश्यकता है. हमने उनके खिलाफ काफी मैच खेले हैं. जाहिर है, आप हर मैच को नहीं जीत सकते. जिस तरह से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने हमारे खिलाफ खेला, वे जीत के हकदार थे. हमें उनकी तारीफ करनी चाहिए और अगली बार जब हम उनका सामना करेंगे तो अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे.’’ 



क्या हुआ था इस सीरीज में 
भारतीय टीम ने इस सीरीज को 2-0 की बढ़त लेने के बाद 2-3 से गंवा दिया था लेकिन टीम के लिए चिंता की बात ये रही कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज कुलदीप और चहल की गेंदबाजी को अच्छे से पढ़ रहे थे. इसके बाद टीम प्रबंधन दोनों को एक साथ खिलाने से परहेज कर रहा था. चहल की जगह रवीन्द्र जडेजा को मौका दिया गया था. इस सीरीज में कुलदीप यादव ने पांच मैचों में 10 विकेट लिए थे, लेकिन उनकी इकोनॉमी 6.04 रही. वहीं चहल ने एक मैच में एक विकेट लेकर 89 रन लुटा दिए थे.


कितने खास रहे पिछले कुछ महीने
चहल से जब पूछा गया कि क्या पिछले कुछ महीने पहले 18 महीने से अलग थे तो उन्होंने सकारात्मक तरीके से जवाब दिया. उन्होंने कहा,‘‘ पिछले छह महीने में जब मैं या कुलदीप अंतिम 11 में शामिल रहे हों मुझे ज्यादा बदलाव नजर नहीं आता है. मुझे लगता है ज्यादातर मौके पर हम दोनों से साथ बल्लेबाजी की है. यह टीम संयोजन पर निर्भर करता है और उस परिस्थिति में क्या जरूरी है.’’


इंग्लैंड की सपाट पिचें कितनी चिंताजनक
इंग्लैंड की सपाट पिचें गेंदबाजों के लिए किसी बुरे सपने की तरह हो सकती है लेकिन हरियाणा के 28 साल का यह लेग स्पिनर इससे ज्यादा परेशान नहीं है. उन्होंने कहा, ‘ मैं इस बात को लेकर बिल्कुल भी चिंतित नहीं हूं कि इंग्लैंड में पिचें सपाट होगी क्योंकि मैं ऐसी पिचों पर खेलने का आदी हूं. यह मत भूलिये की मैं साल में ज्यादातर मैच चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेलता हूं जो बल्लेबाजी के लिए सबसे अच्छी पिचों में से एक है.’’ वनडे में 41 मैचों में 72 विकेट लेने वाले इस गेंदबाज ने कहा, ‘‘जब हम सपाट पिचों की बात करते है तो एक गेंदबाज के तौर पर अगर मैं दबाव में रहूंगा तो विपक्षी टीम का गेंदबाज भी इतने ही दबाव में रहेगा.’’ 


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निडर हो कर बल्लेबाजी करते हैं चहल
चहल की सबसे बड़ी ताकत निडर होकर गेंदबाजी करना है जिससे आंद्रे रसेल और डेविड वार्नर जैसे बल्लेबाजों के खिलाफ उन्हें इस मानसिकता से फायदा होता है.
चहल ने कहा, ‘‘ दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों के खिलाफ आप रक्षात्मक नीति नहीं अपना सकते. जब आप रसेल और वार्नर जैसे बल्लेबाजों के खिलाफ गेंदबाजी करते है तो आप उन्हें रोकने के बारे में नहीं सोचते है. वे ऐसे खिलाड़ी है जिसके खिलाफ आपको आक्रामक होना होगा और हर गेंद विकेट लेने के लिए करना होगा. मैं उनके खिलाफ हर बार सर्वश्रेष्ठ गेंद फेंकने की कोशिश करता हूं.’’ 
(इनपुट भाषा)