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बाबा सिद्दीकी मर्डर केस: शूटर को किया गया था वादा, देश छोड़ने के लिए दिया जाएगा पासपोर्ट

Mumbai Police: मर्डर केस की जांच में शामिल अधिकारियों ने बताया कि अख्तर और गुरनेल सिंह के बीच अब गिरफ्तार किया जा चुका अमित कुमार एक महत्वपूर्ण कड़ी था. इस मामले में पुलिस अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.

बाबा सिद्दीकी मर्डर केस: शूटर को किया गया था वादा, देश छोड़ने के लिए दिया जाएगा पासपोर्ट

Baba Siddique Murder Case: मुंबई में हुए बाबा सिद्दीकी मर्डर केस को लेकर जांच जारी है. इसी कड़ी में जानकारी सामने आई है कि हत्या के ‘मास्टरमाइंड’ ने एक ‘शूटर’ से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट उपलब्ध कराने का वादा किया था ताकि वह विदेश भाग सके. पुलिस ने गुरुवार को यहां यह जानकारी दी. एक पुलिस अधिकारी ने एजेंसी को बताया कि उसने कथित ‘शूटर’ गुरनैल सिंह (23) को 50,000 रुपये भी दिए. 

असल में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर को यहां बांद्रा इलाके में उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हमले के तुरंत बाद गुरनैल और एक अन्य कथित ‘शूटर’ धर्मराज कश्यप को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि उसका साथी शिवकुमार गौतम भागने में सफल रहा. अधिकारी ने बताया कि हरियाणा के कैथल के रहने वाले गुरनैल सिंह के खिलाफ 2019 में भी हत्या का मामला दर्ज किया गया था. 

देश से भागना चाहता था

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जांच के अनुसार, उसे उस मामले में दोषी ठहराए जाने का डर था और वह देश से भागना चाहता था. अधिकारी ने कहा कि साजिशकर्ताओं ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनवाकर उससे भारत छोड़ने में मदद करने का वादा किया था. उन्होंने कहा कि शिवकुमार, धर्मराज और गुरनैल ‘शूटर’ के ‘दूसरे मॉड्यूल’ का हिस्सा थे जो ‘साजिशकर्ता’ शुभम लोनकर और ‘मास्टरमाइंड’ मोहम्मद जीशान अख्तर के संपर्क में थे. 

हत्या को अंजाम देने के लिए शिवकुमार और धर्मराज को कथित तौर पर डेढ़ से दो लाख रुपये दिये गये थे. मामले की जांच कर रही मुंबई अपराध शाखा के अनुसार, ठाणे स्थित एक ‘मॉड्यूल’ (जिसमें नितिन सप्रे और राम कनौजिया शामिल थे) को शुरू में बाबा सिद्दीकी को मारने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. अधिकारी ने कहा, उन्होंने कई दिनों तक बाबा सिद्दीकी के घर और कार्यालय की ‘रेकी’ की और इस दौरान रूपेश मोहोल (21), करण साल्वी (19) और शिवम कोहाड़ (20) भी उनके साथ थे. 

मोहोल, साल्वी और कोहाड़ को बृहस्पतिवार को पुणे से गिरफ्तार किया गया. सप्रे और कनौजिया ने हत्या को अंजाम देने के लिए 50 लाख रुपये की मांग की, लेकिन साजिशकर्ताओं को लगा कि रकम बहुत बड़ी है. अधिकारी ने कहा कि सप्रे के नेतृत्व वाला मॉड्यूल फिर पीछे हट गया और गुरनैल सिंह समेत अन्य शूटरों के एक नए समूह को साजिशकर्ताओं ने इस काम में शामिल किया.

इससे पहले कनौजिया ने सात जुलाई को भगवतसिंह ओमसिंह (यह भी गिरफ्तार किया गया है) के साथ उदयपुर का दौरा किया था ताकि पिस्तौलें हासिल की जा सकें . इन हथियारों का अंततः अपराध में इस्तेमाल किया गया. बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश जून के दूसरे पखवाड़े में रची गई थी. अधिकारी ने कहा कि हथियार उत्तर भारत से लाए गए थे, इसलिए मुंबई पुलिस को संदेह है कि बाबा सिद्दीकी पर हमला करने का निर्देश देने वाले लोग देश के उसी हिस्से में थे. जालंधर का रहने वाला वांछित आरोपी जीशान अख्तर जुलाई में हरियाणा में था और अमित हिसामसिंह कुमार के आवास पर रुका था. 

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