नई दिल्‍ली: मामा की एक गलती के चलते नाबालिग भांजा सलाखों की चौखट तक पहुंच गया है. यह मामला दिल्‍ली मेट्रो के मयूर विहार फेज वन मेट्रो स्‍टेशन का है. जहां सीआईएसएफ ने एक नाबालिग के बैग से पांच जीवित कारतूस बरामद किए हैं. सीआईएसएफ ने बरामद कारतूसों को अपने कब्‍जे में लेकर नाबालिग को दिल्‍ली मेट्रो पुलिस के हवाले कर दिया है. वहीं, दिल्‍ली मेट्रो पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू कर दिया है. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि जिस बैग से कारतूस बरामद हुए हैं, वह बैग नाबालिग के मामा का है. मामा की इस एक गलती के चलते उनका नाबालिग भांजा सलाखों की चौखट तक पहुंच गया है. 


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सीआईएसएफ के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, 17 मई की दोपहर करीब 3:55 बजे कांस्‍टेबल सुरेंद्र सिंह एक्‍स-रे पर मुसाफिरों के बैग की जांच कर रहे थे. इसी दौरान, उन्‍हें एक बैग में कारतूस जैसी छवि नजर आई. पूछताछ में पता चला कि यह बैग एक नाबालिग मुसाफिर का है. नाबालिग की मौजूदगी में ली गई तलाशी में बैग के भीतर से पांच कारतूस बरामद किए गए. बरामद किए गए कारतूस अलग अलग कैलीबर के हैं. कारतूस बरामदगी के बाद सीआईएसएफ ने इस बाबत दिल्‍ली मेट्रो पुलिस को सूचित कर किया और इस ना‍बालिग को लेकर सिक्‍योरिटी कंट्रोल रूम पहुंच गई.  


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सीआईएसएफ, दिल्‍ली मेट्रो पुलिस और स्‍टेशन कंट्रोलर की मौजूदगी में हुई पूछताछ में पता चला कि नाबालिग यात्री गौतम बुद्ध नगर (उत्‍तर प्रदेश) के सूरजपुर का रहने वाला है. पूछताछ के दौरान, उसने पहले इन कारतूसों के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की. मनोवैज्ञानिक तरीके से बातचीत करने पर उसने बताया कि जिस बैग में कारतूस बरामद हुए हैं, वह उसका नहीं, बल्कि उसके मामा का है. जिसके बाद, दिल्‍ली मेट्रो पुलिस ने बरामद कारतूस को अपने कब्‍जे में लेकर नाबालिग को अपने साथ यमुना बैंक थाने ले गई. दिल्‍ली मेट्रो थाना पुलिस ने इस बाबत आगे की पूछताछ के लिए नाबालिग के परिजनों को बुलाया है.