फरीदाबाद: निकिता तोमर मर्डर केस (Nikita Tomar Murder Case) में फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला आ गया है. कोर्ट ने मुख्य आरोपी तौसीफ और उसके दोस्त रेहान को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. जबकि तीसरे आरोपी अजरुद्दीन को बरी कर दिया गया है. 


5 महीने पहले इसी समय हुई थी हत्या


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जान लें कि आज से ठीक 5 महीने पहले 26 अक्टूबर 2020 को दोपहर 3:45 बजे फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में कॉलेज से लौट रही निकिता तोमर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. अब 5 महीने बाद उसी समय उसके हत्यारों को सजा सुनाई गई.


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निकिता तोमर की मां ने की ये मांग


कोर्ट का फैसला आने से पहले निकिता तोमर की मां ने ज़ी मीडिया से बातचीत में कहा कि दोषियों को फांसी की सजा ही होनी चाहिए. इससे कम कुछ भी मंजूर नहीं है. ऐसे अपराधी समाज में रहने लायक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अगर इन लोगों को फांसी नहीं होती है तो ये फिर से अपराध करेंगे. इसलिए मौत की सजा ही होनी चाहिए. कम उम्र का अपराध से कोई लेना-देना नहीं है.


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क्या है पूरा मामला


फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में बीते साल 26 अक्टूबर को निकिता की हत्या हुई थी. निकिता के मर्डर की पूरी वारदात CCTV में कैद हो गई थी. 27 अक्टूबर को पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने आरोपी तौसीफ और उसके दोस्त रेहान को गिरफ्तार किया था. इसके बाद तौसीफ के एक और दोस्त अजरुद्दीन को गिरफ्तार किया गया. अजरुद्दीन पर देसी कट्टे का इंतजाम करने का आरोप था. 


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जांच में तेजी दिखाते हुए पुलिस ने 11 दिन के भीतर ही चार्जशीट फाइल कर दी. पुलिस ने चार्जशीट में 64 लोगों को गवाह बनाया. फास्ट ट्रैक कोर्ट होने की वजह से करीब हर रोज इस मामले की सुनवाई हुई. फरवरी महीने में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की गई. सप्लीमेंट्री चार्जशीट में पुलिस ने 10 अन्य लोगों को गवाह बनाया. 


ट्रायल के दौरान पीड़ित पक्ष की ओर से 55 गवाहों की गवाही ली गई. बचाव पक्ष ने भी 2 गवाह अदालत में पेश किए थे. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने आज अपना फैससा सुना दिया. कोर्ट ने तौसीफ और उसके दोस्त रेहान को हत्या का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. जबकि उसके दोस्त अजरुद्दीन को बरी कर दिया गया है.


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