Pradeep Sharma Encounter Specialist: एनकाउंटर स्‍पेशलिस्‍ट प्रदीप शर्मा (Pradeep Sharma) जो अपनी 25 साल की सर्विस में 112 क्रिमिनल को मारने का दावा करते हैं, उन्हें उम्रकैद की सजा सुना दी गई है. बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने 2006 के मामले में प्रदीप शर्मा को दोषी करार दिया और आजीवन कारावास की सजा सुना दी. बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि जब रामनारायण गुप्ता आरोपियों की कैद में था तो उसका बेरहमी से मर्डर किया गया था और इसे छुपाने के लिए इसे मुठभेड़ का रंग दिया गया था. दरअसल, जो मारा गया वह छोटा राजन गैंग का मेंबर था. हालांकि, इस मामले में प्रदीप शर्मा का निचली अदालत बरी कर चुकी थी. लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने निचली अदालत का फैसला पलट दिया और प्रदीप शर्मा को उम्रकैद की सजा सुना दी.


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प्रदीप शर्मा को उम्रकैद की सजा क्यों?


बॉम्बे हाईकोर्ट ने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट और पूर्व पुलिसकर्मी प्रदीप शर्मा को फर्जी मुठभेड़ केस में सजा सुनाई और अन्य आरोपियों की सजा को बरकरार रखा. जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस गौरी गोडसे की बेंच ने कहा कि प्रॉसिक्यूटर ने साबित किया है कि रामनारायण गुप्ता को पुलिस ने मारा और इसे एक एनकाउंटर जैसे दिखाया. बेंच ने अपने फैसले में कहा कि कानून के रक्षकों को वर्दी में अपराधियों के रूप में काम करने की इजाजत नहीं दी जा सकती. अगर ऐसा किया गया तो इससे अराजकता फैल जाएगी.


हाईकोर्ट ने पलटा सेशन कोर्ट का फैसला


बॉम्बे हाईकोर्ट ने सबूतों के अभाव में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को बरी करने के सेशन कोर्ट के 2013 के फैसले को रद्द कर दिया. बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रदीप शर्मा को बरी करने के निचली अदालत के निर्णय को 'गलत' और 'नहीं टिकने लायक' पाया. हाईकोर्ट ने कहा कि निचली अदालत ने प्रदीप शर्मा के खिलाफ मौजूद पर्याप्त सबूतों को नजरअंदाज किया. सबूत इस मामले में प्रदीप शर्मा के शामिल होने को साफ तौर पर साबित करते हैं.


रामनारायण गुप्ता फेक एनकाउंटर केस क्या है?


दरअसल, 11 नवंबर, 2006 को एक पुलिस टीम ने रामनारायण गुप्ता उर्फ​लखन भैया को नवी मुंबई के वाशी से पकड़ा था. पुलिस को शक था कि वह छोटा राजन गैंग का मेंबर है. उस वक्त रामनारायण गुप्ता के साथ उसके दोस्त अनिल भेड़ा को भी पकड़ा गया था. रामनारायण गुप्ता को उसी शाम वेस्ट मुंबई के वर्सोवा में नाना नानी पार्क के पास एक फेक एनकाउंटर में मार डाला गया था.


प्रदीप शर्मा कौन हैं?


बॉम्बे हाईकोर्ट ने रामनारायण गुप्ता फेक एनकाउंटर केस में प्रदीप शर्मा को आपराधिक साजिश, मर्डर, किडनैपिंग और गलत तरीके से कैद करने समेत सभी आरोपों में दोषी ठहराया. फिर प्रदीप शर्मा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. प्रदीप शर्मा का दावा है कि उन्होंने 25 साल की पुलिस की नौकरी में 112 अपराधियों को एनकाउंटर में मारा. प्रदीप शर्मा को 2008 में अंडरवर्ल्ड से संबंधों के चलते हटा दिया गया था. 2021 में प्रदीप शर्मा को एंटीलिया सिक्योरिटी ब्रीच केस में गिरफ्तार किया गया था.


गौरतलब है कि प्रदीप शर्मा की कानूनी मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुई हैं, क्योंकि वह 2021 में बिजनेसमैन मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के बाहर जिलेटिन की छड़ बरामद होने और बिजनेसमैन मनसुख हीरेन की हत्या से जुड़े एक अलग मामले में भी फंसे हैं.