खत पहुंचाने के दौरान भी निकाल लेते थे पढ़ाई के लिए समय, अब स्नातक में संजय ने किया टॉप
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संजय सुनकदकट्टे पोस्ट ऑफिस में डाकमैन हैं और वह वीवी पुरम इवनिंग कॉलेज और आर्ट्स एंड कॉमर्स के छात्र हैं. 17 मार्च को जब बीए का रिजल्ट आया तो उन्हें कॉलेज में दूसरी रैंक मिली. वहीं, सेकेंड पीयू एग्जाम में उन्हें 87 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं.
नई दिल्ली. अगर इंसान के अंदर मेहनत करने का जज्बा है तो उसे सफल होने से कोई रोक नहीं सकता है. यह कहानी 25 वर्षीय संजय केपी पर एकदम सटीक बैठती है. संजय को बेंगलुरु सिटी यूनिवर्सिटी में बीए में दूसरी रैंक मिली है. सबसे बड़ी बात यह है कि वह डाकिए की नौकरी करने के साथ-साथ पढ़ाई कर रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संजय सुनकदकट्टे पोस्ट ऑफिस में डाकमैन हैं और वह वीवी पुरम इवनिंग कॉलेज और आर्ट्स एंड कॉमर्स के छात्र हैं. 17 मार्च को जब बीए का रिजल्ट आया तो उन्हें कॉलेज में दूसरी रैंक मिली. वहीं, सेकेंड पीयू एग्जाम में उन्हें 87 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं.
जानकारी के मुताबिक उन्होंने 2015 में आईटीआई किया था. इसके बाद उनकी नौकरी डाक विभाग में लग गई. हालांकि उन्होंने नौकरी के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रखी. 2018 में पीयू पूरा करने संजय ने बीए (हिस्ट्री, इकोनॉमिक और पॉलिटिकल साइंस) में किया.इसमें उन्हें 91.07 प्रतिशत अंक मिले.
संजय सुबह 8 बजे से 3 बजे की डाक विभाग में नौकरी करते थे. जबकि वह कक्षाएं शाम 5 बजकर 30 मिनट से 9 बजकर 15 मिनट तक अंटेंड करते थे. वहीं, पढ़ाई अच्छी हो सके, इसलिए देर रात तक पढ़ाई करते थे.
संजय ने बताया कि उनका शेड्यूल इतना व्यस्त था कि वह कई -कई रात सिर्फ 3 से 4 घंटे ही सो पाते थे. उन्होंने कहा कि मेरे पास पहले से ही एक नौकरी थी और डाक विभाग में सेवा परीक्षा वर्षों के अनुभव पर आधारित है. मैंने बीए किया क्योंकि मैं राजनीति विज्ञान जैसे विषयों को समझने के लिए उत्सुक था, विशेष रूप से संविधान जो हमारे जीवन को नियंत्रित करता है.
संजय ने कहा कि सुनकदकट्टे डाकघर (विश्वनीदम) में उनके वरिष्ठ सहयोगियों ने उन्हें पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया और परीक्षा के दौरान उन्हें छुट्टी भी दी. संजय का लक्ष्य विभागीय परीक्षा देने के अलावा केपीएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाएं भी लिखना है. उन्होंने कहा कि पढ़ाई में मेरी दिलचस्पी विशुद्ध रूप से है क्योंकि मुझे पढ़ाना और पढ़ना पसंद है. मुझे सबसे अच्छे व्याख्याताओं का आशीर्वाद मिला, जिन्होंने इस तरह से पढ़ाया कि मैं विषयों से संबंधित हो सकूं.
संजय ने कहा कि एक बार मैंने नौकरी ज्वाइन किया तो सुनिश्चित किया कि मेरी बहन अपनी पढ़ाई जारी रखे. वह अब एक इंजीनियर है और मैं घर पर दूसरा स्नातक हूं. आपको बता दें कि बेंगलुरू सिटी यूनिवर्सिटी से स्नातकों का यह पहला बैच है. यह पहली बार है जब संजय के कॉलेज ने रिकॉर्ड बनाया है.