Career Opportunities: बगैर सोचे-समझे किसी भी कोर्स में न लें दाखिला, ये रही बेस्ट सैलरी वाली फील्ड
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Career Opportunities: बगैर सोचे-समझे किसी भी कोर्स में न लें दाखिला, ये रही बेस्ट सैलरी वाली फील्ड

Career Opportunities: अगर आप अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं और कोई बेहतर पढ़ाई करना चाहते हैं, तो यहां हम आपको कुछ ऐसे प्रोफेशन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनमें आप शानदार करियर बना सकते हैं. 

Career Opportunities: बगैर सोचे-समझे किसी भी कोर्स में न लें दाखिला, ये रही बेस्ट सैलरी वाली फील्ड

Highest Salary Jobs: कई युवा कॉलेज लाइफ को बहुत सीरियसी नहीं लेते, जिससे आगे आने वाले समय में उनके करियर को बहुत नुकसान होता है. वे ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन करते समय ऐसे विषय और कोर्स चुन लेते हैं, जिसमें आगे चलकर अपनी डिग्री पर पछताते हैं. क्योंकि इतना पढ़ने के बाद भी उन्हें उम्मीद के मुताबिक एक अच्छी नौकरी नहीं मिल पाती है.

ऐसे में कॉलेज में सही सब्जेक्ट का चुनाव न कर पाना या बिना सोचे-समझे किसी भी कोर्स में एडमिशन लेने से तो बेहतर है कि किसी अनुभवी से सही गाइडेंस ले लिया जाए. यहां हम आपको कुछ ऐसी फील्ड के बारे में बता रहे हैं, जिनमें आप शानदार करियर बना सकते हैं. 

सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट - ये एक तरह के स्पेशलिस्ट होते हैं जो कोडिंग जैसे तकनीकी मानकों पर काम करते हैं. ये डिजाइन विकल्प बनाकर और कोडिंग जैसे तकनीकी मानकों को निर्धारित करके डेवलपमेंट प्रोसेस को और आसान बनाते हैं. सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट को 45 लाख रुपये तक का सालाना पैकेज मिलता है. 

सिस्टम एनालिस्ट - सिस्टम एनालिस्ट को बिजनेस टेक्नोलॉजी एनालिस्ट भी कहते हैं. इन आईटी स्‍पेशलिस्‍ट को इनफॉर्मेशन सिस्‍टम के एनालिस्ट डिजाइन और इम्प्लीमेंट में महारत हासिल होती है. इस प्रोफेशन में युवा 16 लाख रुपये सालाना सैलरी पैकेज आसानी से उठा सकते हैं. 

प्रोडक्ट मैनेजर - प्रोडक्ट मैनेजर का काम ग्राहकों की जरूरतों को समझते हुए प्रोडक्ट्स तैयार करने का होता है. ये फिजिकल और डिजिटल दोनों ही तरह से प्रोडक्ट का बिजनेस आइडिया तैयार करने के लिए जिम्मेदार होते हैं. इसके अलावा इन्हें प्रोडक्ट के लॉन्च तक की सभी व्यवस्थाओं और बदलाव पर नजर बनाए रखना होता है. इस प्रोफेशन में आकर आप साल के लगभग 25 लाख रुपये तक का पैकेज हासिल कर सकते हैं. 

फुल-स्टैक डेवलपर - ये प्रोशनल्स फुल-स्टैक डेवलपर फ्रंट-एंड और बैक-एंड डेवलपमेंट दोनों में काम करते हैं. ये क्लाइंट और सर्वर दोनों सॉफ्टवेयर तैयार कर सकते हैं. इनका काम प्रोडक्ट कॉन्सेप्ट से डेवलपमेंट के सभी स्‍टेज निर्धारित करने का भी होता है. इन्हें सालाना लगभग 11 लाख रुपये मिलता है.

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