नई दिल्ली. छत्तीसगढ़ में प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक कक्षाओं में शिक्षक बनने के लिए अब एक ही बार शिक्षक पात्रता परीक्षा (CG-TET) को पास करना होगा. प्रदेश सरकार ने TET प्रमाण पत्र को अब लाइफटाइम के लिए मान्य कर दिया है. इसी के साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग ने 10 साल पुराने नियम को भी निरस्त कर दिया है.


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इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव एआर खान ने शनिवार देर शाम प्रमाणपत्र की व्यवस्था संबंधी नया आदेश जारी कर दिया है. जिसके मुताबिक टीईटी प्रमाणपत्र की मान्यता अब आजीवन रहेगी. यह आदेश 2011 से अब तक हुई सभी परीक्षाओं के प्रमाणपत्र पर लागू होगा. इससे पहले यह सर्टिफिकेट 7 वर्षों के लिए मान्य होता था. 


वहीं, जिन अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र की अवधि खत्म हो गई है, उन्हें नया प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा. इससे पहले अगर कोई भी अभ्यर्थी 7 वर्षों में शिक्षक नहीं बन पाता था तो उसे दोबारा टीईटी की परीक्षा देनी होती थी. इससे छात्र का धन और समय दोनों बर्बाद होता था.


इस वजह से हो रहा है बदलाव
शिक्षक पात्रता परीक्षा पद्धति और नियमावली में बदलाव की कवायद लंबे समय से चल रही थी. राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने शिक्षक पात्रता परीक्षा में बदलाव को लेकर रुपरेखा तैयार करने की जिम्मेदारी संभाल रखी थी. तीन जून को केंद्रीय मानव संशाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाणपत्रों की वैधता आजीवन करने की घोषणा की.


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केंद्रीय मानव संशाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की घोषणा के बाद कई उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित कई राज्य अब तक टीईटी सर्टिफिकेट को आजीवन मान्य करने का ऐलान कर चुके हैं. 


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