नीट यूजी 2022 की परीक्षा में पूरे देश से 18 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स शामिल हुए थे. वत्सा आशीष बत्रा को इस एग्जाम में 720 में से 715 मार्क्स मिले हैं. वत्सा ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में एग्जाम को लेकर अपनी स्ट्रेटजी और तैयारी से जुड़े कई सवालों के सवाब दिए. आइए जानते हैं क्या है वो खास बातें...
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Vats Ashish Batra Success Story: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने बुधवार बुधवार रात 11 बजे नीट यूजी 2022 के नतीजों (NEET UG Result 2022) का ऐलान किया. इसमें राजस्थान की तनिष्का ने पहला स्थान हासिल किया है. वहीं, दिल्ली के वत्स आशीष बत्रा को दूसरा स्थान मिला है. इस बार 720 में से अधिकतम 715 अंक केवल 4 स्टूडेंट्स को मिले हैं. इस बार नीट कटऑफ पिछले तीन सालों में सबसे कम है. वहीं, यहां हम बात कर रहे हैं दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले वत्सा के बारे में. वत्सा आशीष बत्रा और उनके वत्सल आशीष बत्रा दोनों जुड़वां भाई एक साथ देश के सबसे मुश्किल मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में बैठे और दोनों ने कामयाबी हासिल की. वत्सा की ऑल इंडिया रैंक सेकंड है और वत्सल की 1280वीं रैंक है.
उम्मीद से बढ़कर आया रिजल्ट
आपको बता दें की नीट में पूरे देश से 18 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स शामिल हुए थे. वत्सा आशीष बत्रा को इस एग्जाम में 720 में से 715 मार्क्स मिले हैं. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें ऑल इंडिया सेकंड टॉपर रैंक आने की उम्मीद थी? इस पर वत्सा का जवाब आता है कि बिल्कुल भी नहीं, सिंगल डिजिट में रैंक आएगी ऐसी उम्मीद तो कभी नहीं की थी.
वत्सा के पिता आईपीएस ऑफिसर हैं, जो नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी में अधिकारी हैं, जबकि मां इंडियन रेवेन्यू सर्विसेज में हैं और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में ऑफिसर हैं. वत्सा ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में एग्जाम को लेकर अपनी स्ट्रेटजी और तैयारी से जुड़े कई सवालों के सवाब दिए. उनकी सफलता देश के लाखों करोड़ों छात्रों के लिए प्रेरणा है. ऐसे में उनकी तैयारी से जुड़े ये खास टिप्स देश के अन्य छात्रों के लिए काम के साबित हो सकते हैं. आइए जानते हैं क्या है वो खास बातें...
तैयारी के लिए क्या स्ट्रेटजी अपनाई
किस तरह से नीट की परीक्षा के लिए तैयारी की, क्या स्ट्रेटजी अपनाई? इस सवाल के जवाब में वत्सा का बताया कि पहले कॉन्सेप्ट पर फोकस करते थे. इससे आपका अच्छा खासा नॉलेज बेस तैयार हो जाता है. इसके बाद सभी सवालों की जमकर प्रैक्टिस की. क्वेश्चन पेपर सॉल्व किए. इससे एग्जाम हॉल में टेस्ट देने की तैयारी हो जाती है.
जानें कितने घंटे करते थे पढ़ाई
कितने घंटे करते पढ़ाई थे इस पर वत्सा का कहना है कि पढ़ाई के घंटे हर दिन बदलते रहते हैं. उनका कहना है कि 5 से 6 घंटे की सेल्फ स्टडी उनके लिए काफी थी. यह हर किसी के लिए अलग हो सकता है. हालांकि, कभी-कभी ज्यादा भी पढ़ना होता है और कभी कम पढ़कर भी काम चल जाता है. परीक्षा के ठीक 6 महीने पहले पढ़ाई का फोकस और टाइम दोनों बढ़ा दिया था.
दो साल कर दें परीक्षा की तैयारी के नाम
परीक्षा की तैयारी पर कितना ध्यान दिया इस सवाल के जवाब में उनका कहना है कि उन्होंने कक्षा ग्यारहवीं से ही नीट की तैयारी शुरू कर दी थी. एग्जाम से पहले काफी एंग्जाइटी रहती थी. उनका कहना है कि अगर कोई भी कैंडिडेट नीट की तैयारी कर रहा है तो उसे समझना होगा कि इसके लिए 2 साल अच्छे से देने होंगे.
सोशल मीडिया से दूरी या नजदीकी
क्या सोशल मीडिया से दूरी बनाई थी? इस पर वत्सा का कहना है कि पूरी तरह सोशल मीडिया या इंटरनेट से दूर नहीं थे, लिमिटेड इस्तेमाल करते थे. जब भी लगा कि इसका असर पढ़ाई पर हो रहा है तो इस्तेमाल कम कर दिया. मीडिया को दिए इंटरव्यू के मुताबिक वह यूट्यूब से कई टॉपिक्स के ट्यूटोरियल वीडियो देखते थे, जिससे उन्हें पढ़ाई में काफी मदद मिली.
किस सब्जेक्ट पर पकड़ अच्छी थी?
वत्सा का कहना है कि उन्हें फिजिक्स सबसे ज्यादा अच्छा लगता है. उन्होंने कहा कि कैमिस्ट्री में दिलचस्पी काफी कम है. जैसे-जैसे पढ़ता गया, सारे सब्जेक्ट पर पकड़ अच्छी होती गई.
यूपीएससी का भी है विकल्प
गवर्मेंट ऑफिसर बनने को लेकर क्या ख्याल है? इस सवाल के जवाब में वत्सा ने कहा कि एमबीबीएस करने के बाद यूपीएससी का एग्जाम दिया जा सकता है. 11वीं में सब्जेक्ट ले रहा था, तब मुझे मेडिकल ही सबसे बेहतर ऑप्शन लगा. पता था कि अगर बाद में मैं सिविल सर्विस में जाना चाहूं तो वह ऑप्शन भी खुला रहेगा. आगे यूपीएससी का एग्जाम देंगे या नहीं इस पर उन्होंने कहा कि अभी यह पता नहीं है, अभी कुछ तय नहीं है, लेकिन विकल्प खुला है.
भाई के साथ तैयारी करने का अनुभव कैसा रहा?
इस सवाल के जवाब में वत्सा ने कहा कि भाई के साथ तैयारी करने का बहुत ज्यादा फायदा हुआ. एक-दूसरे के डाउट्स डिस्कस करके घर पर ही क्लियर हो जाते थे. बहुत सारी चीजें है जिनके लिए टीचर्स के पास जाना पड़ता है, लेकिन वो हम दोनों खुद घर पर ही सॉल्व कर लेते थे, आपस में थोड़ी-बहुत नोकझोंक भी हो जाती थी, लेकिन यह तो होता ही रहता है.
मेहनत की हो तो बाकी चीजों का नेगेटिव असर नहीं होता
क्या उनकी गर्लफ्रेंड है? इस सवाल के जवाब में वत्सा ने कहा कि नहीं, मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. अगर होती भी तो उससे पढ़ाई पर नेगेटिव असर पड़े यह जरूरी नहीं है. अगर आप का फोकस एग्जाम पर है और अगर आपने मेहनत ठीक से की है तो बाकी चीजों का ज्यादा असर नहीं होता.
तनिष्का ने पाई ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक
वहीं, नीट यूजी परीक्षा 2022 में तनिष्का ने पहला स्थान हासिल किया है. तनिष्का ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से ऑफलाइन स्टडी नहीं हो पाई. उस समय काफी परेशानी आई थी. जिसके कारण कॉन्फिडेंस भी कम हो गया था, लेकिन पेरेंट्स और टीचर की मदद से इस मुश्किल वक्त को संभाला. उनकी मदद ने बूस्टर डोज की तरह काम किया.