Fog in Winter: कड़कड़ाती ठंड पड़ने के साथ ही भारत के ज्यादातर हिस्सों में कोहरे का कहर बढ़ने लगता है. उत्तर भारत में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार में कोहरे का सबसे ज्यादा असर देखने को मिलता है. कभी आपने यह जानने की कोशिश की है कि आखिर बढ़ती ठंड के साथ ही इतना कोहरा कहां से आता है और कैसे बनता है, तो आज हम इन्हीं सवालों के जवाब लेकर आए हैं...
ठंड में सताने वाला घना कोहरा इंसान के साथ-साथ यातायात को भी प्रभावित करता है. ऐसे में सड़कों पर होने वाले हादसों का खतरा कई ज्यादा बढ़ जाता है.
फॉग के कारण सड़कों पर आए दिन हादसे होते हैं. जीरो विजिबिलिटी होने के कारण रोड पर वाहन नजर नहीं आते, जिसके चक्कर में ये एक-दूसरे से बुरी तरीके से भीड़ जाते हैं.
दरअसल, पानी से निकली भाप अपने गैस फॉर्म में गाढ़ी होकर कोहरे की तरह दिखाई देती है.
हवा में पानी के बेहद छोटे-छोटे कण तैरते रहते हैं. जो हमें धुएं की तरह नजर आता है, वह पानी की यही छोटी-छोटी बूंदें होती हैं.
जब जल स्रोतों के ऊपर सर्द हवाएं हल्के गर्म नमी वाली हवाओं से टकराती हैं. इसके कारण नमी वाली हवाएं ठंडी होने लगती हैं. तब तापमान में गिरावट के कारण इस प्रकार का कोहरे की स्थिति बनती है.
जब ह्यूमेटिडी 100 फीसदी तक पहुंच जाती है तो कोहरा यानी फॉग बनता है.
हवा के तापमान और ओस की बूंदों के बीच का अंतर 2.5 डिग्री सेल्सियस से कम होने पर कोहरा बनता है. आसपास की अधिक ठंडी हवा के संपर्क में आने पर इसका स्वरूप धुएं के बादलों जैसा बन जाता है.
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