भारत में पहली ट्रेन 16 अप्रैल को मुंबई से ठाणे के बीच चलाई गई थी. जबकि ट्रेन में यात्रियों के लिए पहली बार साल 1909 में टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी.
Trending Photos
नई दिल्ली. भारतीय रेलवे विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. भारत सरकार को रेलवे से कम लागत में अधिक मुनाफा होता है. कहा जाता है कि रेलवे की आमदनी से ही कई सरकारी कर्मचारियों की सैलरी दी जाती है. लेकिन रेलवे को लेकर कुछ ऐसे इतिहास भी जिसे जानकर आप हैरान जाएंगे. उसी में एक है रेलवे ड्राइवरों के लिए टॉयलेट की सुविधा. कई मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारतीय रेल के ड्राइवरों को लगभग 160 साल बाद ट्रॉयलेट की सुविधा मिली थी.
UP 2003 Post Assistant Professor Bharti: परीक्षा की तारीख घोषित, देखें शेड्यूल
शुरुआत में यात्रियों को भी करना होता था इंतजार
भारत में पहली ट्रेन 16 अप्रैल को मुंबई से ठाणे के बीच चलाई गई थी. जबकि ट्रेन में यात्रियों के लिए पहली बार साल 1909 में टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी. हालांकि यह सुविधा सिर्फ फर्स्ट क्लास में यात्रा करने वालों के लिए थी. इसके बाद धीरे-धीरे सभी यात्रियों को लिए इस सुविधा का विस्तार किया गया.
शुरुआत में भारतीय रेल में यात्रियों के लिए टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध नहीं होने से यात्रियों को टॉयलेट जाने के लिए ट्रेन के रुकने का इंतजार करना होता था. ऐसे में यात्रियों को कई समस्याएं होती थी. लोको पायलेट यानि कि ड्राइवरों की हालत तो और भी ज्यादा बदतर थी. जहां एक तरफ ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों के लिए साल 1909 से टॉयलेट की सुविधा मिलने लग गई थी, वहीं दूसरी ओर लोको पायलटों के लिए इस सुविधा की शुरुआत साल 2016 में हुई.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 1853 से लेकर 2016 तक भारतीय ट्रेनों को चलाने वाले लोको पायलटों को शौच के लिए ट्रेन के रुकने का इंतजार करना होता था और इंजन से बाहर निकलकर शौच करना होता था. इसके अलावा ट्रेन के ड्राइवर शौच जाने की स्थिति में नजदीकी रेलवे स्टेशन को संदेश भेजते थे और स्टेशन आते ही टॉयलेट भागकर जाते थे. कहा जाता है कि यही वजह थी 2016 तक कई ट्रेनें लेट हो जाती थी.
ISRO में अप्रेंटिस के 160 पदों पर निकली भर्ती, जानें आवेदन की लास्ट डेट
इस वजह से इंजन में नहीं बनाए गए थे शौचालय
2016 से पहले तक भारतीय रेलवे के लोको पायलट लंबे समय से इंजन में टॉयलेट लगाने की मांग कर रहे थे. लेकिन सुरक्षा कारणों की वजह से भारतीय रेलवे इंजनों में टॉयलेट की सुविधा नहीं दे पा रहा था. साथ ही इंजन में टॉयलेट के लिए पर्याप्त सुविधा भी नहीं थी. हालांकि, लंबे विचार-विमर्श और जांच-पड़ताल के बाद 2016 में टॉयलेट लगा दिया गया.
WATCH LIVE TV