सचिन पायलट टेरिटोरियल आर्मी में 9 साल बाद बने कैप्टन: पहनी युद्ध वाली ड्रेस, आप भी ऐसे कर सकते हैं ज्वॉइन
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सचिन पायलट टेरिटोरियल आर्मी में 9 साल बाद बने कैप्टन: पहनी युद्ध वाली ड्रेस, आप भी ऐसे कर सकते हैं ज्वॉइन

सचिन पायलट ने सिंतबर 2012 में केंद्रीय मंत्री रहते हुए टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट के तौर पर ज्वॉइन किया था. पायलट उसके बाद हर साल कुछ समय के लिए टेरिटोरियल आर्मी में कुछ समय सेवा देते हैं. पायलट को सिख रेजिमेंट दी गई है. पायलट को नौ साल बाद अब कैप्टन पद पर प्रमोशन दिया गया है. 

सचिन पायलट टेरिटोरियल आर्मी में 9 साल बाद बने कैप्टन: पहनी युद्ध वाली ड्रेस, आप भी ऐसे कर सकते हैं ज्वॉइन

नई दिल्ली. पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot), प्रादेशिक सेना टेरिटोरियल आर्मी (Territorial Army) में कैप्टन (Captain) बन गए हैं. सचिन पायलट का हाल ही में कैप्टन पद पर प्रमोशन हुआ है. पायलट ने दिल्ली में 124 सिख रेजिमेंट (Sikh Regiment) की जनरल मीटिंग और ड्रिल में हिस्सा लिया और आर्मी की कॉम्बैट ड्रेस में नजर आए. सचिन ने टेरिटोरियल आर्मी में शामिल होने के बाद पहली बार आर्मी की कॉम्बैट यूनिफॉर्म पहने हुए फोटो ट्वीट की हैं. यह यूनिफॉर्म आर्मी में युद्ध और फील्ड ऑपरेशन में पहनी जाती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि भारतीय सेना में टेरिटोरियल आर्मी की इकाई क्या है? इसके लिए लोगों का चयन कैसे किया जाता है? चयन होने पर उन्हें कब और कहां तैनात किया जाता है. साथ ही उन्हें  क्या-क्या सुविधाएं दी जाती हैं...

क्या है टेरिटोरियल आर्मी
टेरिटोरियल आर्मी (Territorial Army/TA) भारतीय सेना की ही एक ईकाई है. सामान्य श्रमिक से लेकर सिविल सर्वेंट तक भारत के सभी अट्ठारह से 42 वर्ष तक के नागरिक, जो शरीर से समर्थ हों, इसमें भर्ती हो सकते हैं. यह हमारी रक्षापंक्ति की सेकंड लाइन है. युद्ध के समय फ्रंट लाइन में तैनाती के लिए भी इसका उपयोग होता है. टेरिटोरियल आर्मी के स्वयं-सेवकों को प्रति वर्ष कुछ दिनों का सैनिक प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि ज़रूरत पड़ने पर देश की रक्षा के लिए उनकी सेवाएं ली जा सकें.

भारतीय संविधान सभा द्वारा सितंबर, 1948 में पारित प्रादेशिक सेना अधिनियम –1948 के अनुसार भारत में अक्टूबर, 1949 में टेरिटोरियल आर्मी स्थापित हुई. इसका उद्देश्य संकटकाल में आंतरिक सुरक्षा का दायित्व लेना और आवश्यकता पड़ने पर नियमित सेना को सपोर्ट देना और इस तरह से पार्ट टाइम ही सही नवयुवकों को देशसेवा का अवसर प्रदान करना है.

भारतीय संविधान सभा द्वारा सितंबर, 1948 में पारित प्रादेशिक सेना अधिनियम –1948 के अनुसार भारत में अक्टूबर, 1949 में टेरिटोरियल आर्मी स्थापित हुई. इसका उद्देश्य संकटकाल में आंतरिक सुरक्षा का दायित्व लेना और आवश्यकता पड़ने पर नियमित सेना को सपोर्ट देना और इस तरह से पार्ट टाइम ही सही नवयुवकों को देशसेवा का अवसर प्रदान करना है.

2012 में किया था ज्वॉइन
सचिन पायलट ने सिंतबर 2012 में केंद्रीय मंत्री रहते हुए टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट के तौर पर ज्वॉइन किया था. पायलट उसके बाद हर साल कुछ समय के लिए टेरिटोरियल आर्मी में कुछ समय सेवा देते हैं. पायलट को सिख रेजिमेंट दी गई है. पायलट को नौ साल बाद अब कैप्टन पद पर प्रमोशन दिया गया है. पायलट दिल्ली दौरे के समय साल में कई बार अपनी यूनिट में जाते हैं और बैठकों में शामिल होते हैं. आपको बता दें कि टेरिटोरियल आर्मी का हिस्सा भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी भी हैं.

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