Unique School: पिता के अकेलेपन को दूर करने का निकाला था तरीका, गरीब बच्चों के लिए ऐसे बन गए मसीहा
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Unique School: पिता के अकेलेपन को दूर करने का निकाला था तरीका, गरीब बच्चों के लिए ऐसे बन गए मसीहा

Unique School: ऋषिकेश के ज्ञान करतार पब्लिक स्कूल में गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा मिलती है. यहां ऐसे बच्‍चों को दाखिला मिलता है, जिनके माता-पिता महंगे निजी स्कूलों की फीस भरने में असमर्थ हैं. 

Unique School: पिता के अकेलेपन को दूर करने का निकाला था तरीका, गरीब बच्चों के लिए ऐसे बन गए मसीहा

Unique School: हम आपको "अनोखा स्कूल" की इस सीरीज में देश भर में मौजूद ऐसे स्कूलों के बारे में बताते हैं, जहां बच्चों के उत्थान के लिए समाज के लोगों, शिक्षकों आदि की ओर से विशेष प्रयास किए जा रहे हों. वहीं, बहुत से स्कूल अपने पढ़ाई के अनोखे अंदाज या किसी अन्य कारण से भी देश-दुनिया में मशहूर है. इस कड़ी में आज हम आपको बताएंगे उत्तराखंड ऐसे स्कूल के बारे में जो सरकारी तो नहीं है, लेकिन यहां बच्चों को एकदम मुफ्त शिक्षा दी जा रही है. 

ज्ञान करतार पब्लिक स्कूल
हम बात कर रहे हैं ऋषिकेश के ज्ञान करतार पब्लिक स्कूल की. इस स्कूल के शुरू होने की कहानी बहुत अलग है. स्कूल के संस्थापक गुरविंदर सलूजा के मुताबिक उन्होंने अपनी मां की मृत्यु के बाद अपने पिता का अकेलापन दूर करने के लिए एक आश्रम बनाया था. इसके बाद एक घटना ने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया, जिसके बाद उन्होंने स्कूल की नींव डाली. 

मीडिया को दिए एक इंटरव्यू के मुताबिक गुरविंदर सलूजा बिजनेस करते थे. साल 2014 में ऋषिकेश के शीशम झाड़ी में ज्ञान करतार आश्रम बनाया, जिसके बाद से उनका यहां आना लगा रहता था. तब उन्होंने पढ़ाई की उमर में गरीब बच्चों को बाहर घूमता पाया, तो उनसे पूछा कि वे स्कूल जाने की बजाय ऐसे क्यों खेल रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता उन्हें पढ़ाने में असमर्थ हैं. इस घटना के बाद उन्होंने वंचित बच्चों को फ्री में शिक्षा देने का फैसला किया और उनके लिए स्कूल का निर्माण किया. जानकारी के मुताबिक यहां एलकेजी से लेकर चौथी क्लास तक के बच्चों को दाखिला दिया जाता है.

माता-पिता के नाम से खोला स्कूल
ज्ञान करतार पब्लिक स्कूल के ऑनर गुरविंदर सलूजा ने बताया कि पिता के नाम से ज्ञान और माता के नाम से करतार शब्द लेकर इस स्कूल का नाम रखा. 14 सितंबर 2018 को इस स्कूल की स्थापना के समय कुल 37 बच्चों को स्कूल में एडमिशन करवाया. इसके बाद हर साल तकरीबन 50 बच्चों को यहां दाखिला दिया जाने लगा. वर्तमान में स्कूल में 200 से ज्यादा बच्चे पढ़ रहे हैं. 

ये सुविधाएं भी दी जाती हैं बिल्कुल फ्री
जानकारी के मुताबिक स्कूल की तरफ से ना केवल फ्री एजुकेशन, बल्कि स्टूडेंट्स को साल में दो बार स्कूल यूनिफॉर्म, एडमिशन के समय स्कूल बैग, सिलेबस की नई किताबें और रोज फल दिए जाते हैं. इस स्कूल में प्रिंसिपल, बच्चों को पढ़ाने के लिए 10 योग्य शिक्षक और 4 हेल्पिंग स्टाफ है. इतना ही नहीं स्टूडेंट्स के लिए लाइब्रेरी, कंप्यूटर क्लास और प्ले ग्राउंड की भी सुविधा उपलब्ध है. जानकारी के मुताबिक इस स्‍कूल में ऐसे बच्चों का दाखिला करवाया जाता हैं, जिनके माता-पिता की सिर्फ 10 हजार रुपये महीने की इनकम है.

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