Trending Photos
नई दिल्ली: अमरीश पुरी (Amrish Puri) बॉलीवुड के मशहूर विलेन रहे हैं या यूं कहें बॉलीवुड के बेस्ट विलेन की लिस्ट में उनका नाम अव्वल नंबर पर आता है. अमरीश ने कई शानदार फिल्में दी हैं जिनमें उनकी एक्टिंग कमाल की रही. 22 जून को उनका जन्मदिन होता है. लिहाजा, आज हम आपको उनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें बताएंगे.
अमरीश पुरी (Amrish Puri) को शुरू से एक्टिंग का ही शौक था. शुरुआती समय में उन्हें कई प्रोड्यूसर ने रिजेक्ट किया लेकिन उन्होंने एक्टिंग नहीं छोड़ी और थिएटर की तरफ रुख किया. 1970 में उन्होंने देव आनंद की फिल्म 'प्रेम पुजारी' में छोटा सा रोल प्ले किया. 1971 में डायरेक्टर सुखदेव ने उन्हें 'रेशमा और शेरा' के लिए साइन किया, उस वक्त तक उनकी उम्र 40 साल के करीब हो चुकी थी. हालांकि, फिल्म में अमरीश को ज्यादा रोल नहीं दिया गया, जिस वजह से उन्हें अपनी पहचान बनाने में और समय लगा.
अमरीश (Amrish Puri) को श्याम बेनेगल की फिल्म 'निशांत', 'मंथन' और 'भूमिका' जैसी फिल्मों में काम मिला. उन्हें असली पहचान 1980 में आई 'हम पांच' से मिली. इस फिल्म में उन्होंने 'दुर्योधन' का किरदार निभाया था, जो काफी चर्चित रहा. इसके बाद 'विधाता' और 'हीरो' जैसी फिल्मों ने अमरीश पुरी को खलनायक के तौर पर सुपरहिट कर दिया. 1987 में आई 'मिस्टर इंडिया' में उन्होंने 'मोगैंबो' का किरदार निभाया. इस फिल्म में उनका डायलॉग 'मोगैंबो खुश हुआ' काफी फेमस हुआ. फिल्मों में विलेन का किरदार निभाने के बाद उन्होंने कभी मुड़कर नहीं देखा और 'राम लखन', 'सौदागर', 'करण-अर्जुन' और 'कोयला' जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया. फिल्मों में विलेन का किरदार निभाने के अलावा उन्होंने कई पॉजिटिव रोल भी प्ले किए.
कई बार ऐसा भी होता था कि मनचाही फीस न मिलने पर वो फिल्म छोड़ दिया करते थे.एनएन सिप्पी की एक फिल्म उन्होंने सिर्फ इसलिए छोड़ दी थी, क्योंकि उन्हें मांग के मुताबिक 80 लाख रुपए नहीं दिए जा रहे थे. अमरीश ने इंटरव्यू में कहा था, जब मैं अपने अभिनय से समझौता नहीं करता तो मुझे फीस कम क्यों लेनी चाहिए. निर्माता को अपने वितरकों से पैसा मिल रहा है क्योंकि मैं फिल्म में हूं. लोग मुझे एक्टिंग करते हुए देखने के लिए थियेटर में आते हैं. फिर क्या मैं ज्यादा फीस का हकदार नहीं हूं? सिप्पी साहब ने अपनी फिल्म के लिए मुझे बहुत पहले से साइन किया था, इस वादे के साथ कि फिल्म पर एक साल में काम शुरू होगा. अब तीन साल हो गए हैं, और मेरी फीस बाजार के रेट के हिसाब से बढ़ गई है. अगर वह मुझे मेरे काम जितनी फीस नहीं दे सकते तो मैं उनकी फिल्म में काम नहीं कर सकता.
अमरीश पुरी का जन्म जालंधर, पंजाब में हुआ था. वे 4 भाई और एक बहन थे. उनके भाइयों के नाम मदन पुरी, चनम पुरी, हरीश पुरी हैं, वहीं उनकी बहु का नाम चंद्रकांता है. सिंगर केएल सहगल रिश्ते में उनके कजिन भाई लगते थे. अमरीश ने 1957 में उर्मिला दिवेकर से शादी की थी. अमरीश के दो बच्चे हैं- बेटा राजीव पुरी और बेटी नम्रता पुरी. उनका बेटा राजीव मर्चेंट नेवी में रहा है. वहीं, राजीव के बेटे वर्धन पुरी ने यशराज फिल्म्स में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया. उन्होंने अब तक तीन फिल्में 'इश्कजादे', 'शुद्ध देशी रोमांस' और 'दावत-ए-इश्क' में कैमरे के पीछे रहकर काम किया हैं. वर्धन फिल्म 'ये साली आशिकी' और 'बंबईया' में काम कर चुके हैं. वहीं, उनकी बेटी नम्रता लाइमलाइट से दूर रहती हैं. नम्रता सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं.
यह भी पढ़ें- The Family Man 2 ने कर दिया कमाल, कई विदेशी वेब सीरीज को छोड़ दिया बहुत पीछे