Amrish Puri Struggle: अमरीश पुरी जब मुंबई आए तो उनका सपना था एक्टर बनने का लेकिन हर बार ऑडिशन में रिजेक्ट होने के बाद उनका ये सपना टूट गया. थक हार कर उन्होंने सरकारी नौकरी ढूंढी लेकिन एक्टिंग के कीड़े ने उनका साथ नहीं छोड़ा.
Trending Photos
Amrish Puri Biography: अमरीश पुरी जिनकी एक्टिंग के साथ उनकी आवाज में भी कुछ अलग सी बात थी. जो उनकी पर्सनेलिटी को एक अलग ही रूप से दिखाती थी. तभी तो ये शख्सियत मरकर भी अमर हो गई. आज भले ही ये अभिनेता हमारे बीच नहीं है लेकिन इनका जिक्र आज भी जुबां पर आ जाता है. एक्टिंग के प्रति उनकी दीवानगी भी कमाल थी. ऐसी कि अभिनेता बनने के लिए सरकारी नौकरी को ठुकराने से भी परहेज नहीं किया था.
एक्टर बनने आए थे मुंबई
ये बात भी सच है कि अमरीश पुरी मुंबई एक एक्टर बनने आए थे. लेकिन यहां आकर रिजेक्शन के थपेड़ों से वो थक गए और ऑडिशन देना ही बंद कर दिया. उस वक्त सबसे बड़ी जरूरत थी पैसों की लिहाजा नौकरी ढूंढना शुरू कर दिया. किस्मत अच्छी थी तो बात बन गई और उन्हें कर्मचारी राज्य बीमा निगम में क्लर्क की नौकरी भी मिल गई. लेकिन एक्टिंग का जुनून उस वक्त भी उनके सिर से नहीं गया. 21 सालों तक नौकरी करते रहे लेकिन साथ ही थियेटर ग्रुप भी ज्वाइन कर लिया.
फिर छोड़ी नौकरी और बन गए एक्टर
अमरीश पुरी ने थियेटर में बेहतर काम किया तो उन्हें फिल्मों में काम मिलने लगा लेकिन फेम मिला फिल्म रेशमा और शेरा से जो 1971 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म में उनके काम को खूब सराहा गया और फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उस वक्त फिल्मों के लिए उन्होंने नौकरी भी छोड़ दी और एक के बाद एक अमरीश पुरी ने 450 फिल्मों में एक से बढ़कर एक दमदार रोल निभाए.
बेटे को इंडस्ट्री में आने से रोका
ये बात सच है कि अमरीश पुरी का एक्टिंग करियर शानदार रहा और इंडस्ट्री में उनकी खूब तूती बोलती थी लेकिन फिर भी उन्होंने बेटे को इंडस्ट्री में नहीं आने दिया. उनके बेटे राजीव पुरी भी एक एक्टर बनना चाहते थे लेकिन अमरीश पुरी ऐसा नहीं चाहते थे क्योंकि उस वक्त इंडस्ट्री के हालात सही नहीं थे. लिहाजा उन्होंने बेटे को समझाया और वो मान भी गए जिसके बाद राजीव ने मर्चेंट नेवी ज्वाइन कर ली.
हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे