B'day Special: 14 साल की उम्र में कैलाश खेर ने छोड़ा था घर, ऐसे हासिल किया मुकाम
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B'day Special: 14 साल की उम्र में कैलाश खेर ने छोड़ा था घर, ऐसे हासिल किया मुकाम

कैलाश खेर सूफी गायिकी के उस्ताद हैं. कैलाश के लिए मेरठ से बॉलीवुड तक का सफर तय करना आसान नहीं था. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: मशहूर सूफी गायक कैलाश खेर (Kailash Kher) की आवाज के लाखों कायल हैं. आज कैलाश अपना 48वां जन्मदिन मना रहे हैं. 7 जुलाई 1973 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में कैलाश का जन्म हुआ था. कैलाश के घर में शुरू से ही संगीत का माहौल रहा. उनके पिता पारंपरिक लोक गायक थे. आज जिस मुकाम पर कैलाश खेर हैं उसे हासिल करने के लिए उन्होंने कठिन परिश्रम किया है. महज 13 साल की उम्र में वो संगीत की तलाश में घर छोड़कर निकल पड़े थे. 

  1. 48 साल के हुए बॉलीवुड सिंगर कैलाश खेर
  2. 'पद्मश्री' पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं कैलाश खेर
  3. सूफी गायिकी में कैलाश खेर ने कमाया नाम

13 साल की उम्र ंमें छोड़ा घर:
कैलाश खेर को शुरू से ही संगीत में दिलचस्पी थी. कैलाश को लगता था कि जो हुनर उनके अंदर है उसे निखारने के लिए उन्हें किसी संगीत गुरु की जरूरत है. घर छोड़ने के बाद कैलाश को अपनी जिंदगी काटने के लिए कुछ तो करना था. फिर क्या था कैलाश ने संगीत की शिक्षा देनी शुरू कर दी. 150 रुपये हर सेशन का उन्हें मिलता था. इस पैसे से कैलाश अपना जीवन चलाने लगे. कैलाश को पर इससे संतुष्टि नहीं मिल पाई. उन्हें लगा था कि वो इसके साथ लंबी दूरी नहीं तय कर पाएंगे.

संगीत छोड़ बिजनेस में आजमाया हाथ:
कैलाश खेर ने 1999 में अपने एक फैमिली फ्रेंड के साथ हैंडिक्राफ्ट का बिजनेस शुरू किया. कुछ समय तो ये काम ठीक चला, लेकिन फिर कैलाश को इस काम में काफी घाटा हुआ. बिजनेस में नुकसान होने से कैलाश डिप्रेशन में चले गए और उन्होंने अपनी जिंदगी को खत्म करने का फैसला कर लिया. हालांकि वो इसमें कामयाब नहीं हो पाए. 

दिल्ली से मुंबई का सफर:
बच्चों को संगीत शिक्षा, और बिजनेस करने के बाद कैलाश खेर को लग रहा था कि वो एक सफल गायक बन सकते हैं. साल 2001 में दिल्ली से निकल कर वो मुंबई पहुंच गए. पैसों के आभाव के चलते वो सस्ते से चॉल में रहते थे. काम की तलाश में वो जगह-जगह भटकते रहे.  

'अल्लाह के बंदे' गाने से मिली पहचान: 
कैलाश खेर ने कई बॉलीवुड फिल्मों के गाने में अपनी आवाज दी है. 'अल्लाह के बंदे' गाने से कैलाश को पहचान मिली और फिर ये सूफी गायक इतना हिट हुआ कि इसने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा. कैलाश 18 से अधिक क्षेत्रिय भाषाओं में गाने गा चुके हैं. बॉलीवुड में ही उन्होंने 500 से ज्यादा गाने गाए. 'तेरी दीवानी', 'ओ सिकंदर' उनके पॉपुलर गाने में से एक हैं.

'पद्मश्री' सम्मान:
कैलाश खेर को साल 2017 में 'पद्मश्री' पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. फिल्मफेयर बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर का अवॉर्ड भी कैलाश खेर अपने नाम कर चुके हैं. 

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