Birthday Special: इस सिंगर को पहली परफॉर्मेंस के लिए मिले थे 51 रुपए, गजलों के लिए हैं फेमस
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Birthday Special: इस सिंगर को पहली परफॉर्मेंस के लिए मिले थे 51 रुपए, गजलों के लिए हैं फेमस

पंकज ने महज 7 साल की उम्र से ही गायकी शुरू कर दी थी. उस वक्त वह सिर्फ शौकिया तौर पर गाने गाया करते थे लेकिन उनके इस टैलेंट को उनके भाई ने पहचान लिया और उन्हें इसी में करियर बनाने के लिए कहा. 

पंकज आज अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं. (फोटो- DNA)

नई दिल्ली: सिंगर पंकज उधास गजलो की दुनिया के ऐसे गायक है जिन्होंने अपनी गायकी से कई लोगों को अपना दीवाना बनाया है. पंकज आज अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं. उनका जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के जीतपूर में हुआ था. पंकज ने कई सारी गजलें गाई हैं और उनके दो भाई मनहर उधास और निर्मल उधास भी गायक थे. हालांकि, अब वह कम गाने गाते हैं और सामान्य जीवन जीना पसंद करते हैं. पंकज को बचपन से ही संगीत से खास लगाव था और यहां जानें उनके बारे में कुछ खास और दिलचस्प बातें.

पहली परफॉर्मेंस के लिए मिले थे 51 रुपए
पंकज ने महज 7 साल की उम्र से ही गायकी शुरू कर दी थी. उस वक्त वह सिर्फ शौकिया तौर पर गाने गाया करते थे लेकिन उनके इस टैलेंट को उनके भाई ने पहचान लिया और उन्हें इसी में करियर बनाने के लिए कहा. वह अक्सर अपने बड़े भाई के साथ संगीत कार्यक्रमो में जाया करते थे और इस दौरान उन्हें एक कार्यक्रम में गाने का मौका मिला. इस कार्यक्रम में उन्होंने ऐ मेरे वतन के लोगों गीत गाया था. पंकज के इस गाने को एक शख्स ने काफी पसंद किया था और उन्हें 51 रुपए दिए थे. यह पंकज की पहली कमाई थी.

उन्होंने 'चुपके चुपके रात दिन...', 'कुछ न कहो, कुछ भी न कहो...', 'चिट्ठी आई है...', 'घूंघट को मत खोल', 'कि गोरी घूंघरू टूट गये', ' 'वो बन संवर कर', 'पीने वालों सुनो', 'दिल देता है रो रो दुहाई', 'दिल जब से टूट गया' और 'न कजरें की धार न मोतियों के हार' जैसे कई गजले गाई हैं और यह आज भी लोगों की जुबान पर मौजूद हैं. उनकी ये नगमें आज भी लोगों के दिलों को छू लेती हैं और लोग इसे आज भी सुनना पसंद करते हैं.

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